सुप्रीम कोर्ट ने वैष्णो देवी के लिए नया मार्ग खोलने के एनजीटी के आदेश पर लगाई रोक

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने शीर्ष अदालत से कहा था कि 24 नवंबर से नया मार्ग खोलना संभव नहीं है.

(फोटो साभार: विकिपीडिया कॉमंस)

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने शीर्ष अदालत से कहा था कि 24 नवंबर से नया मार्ग खोलना संभव नहीं है.

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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने वैष्णो देवी गुफा मंदिर जाने वाले पैदल श्रद्धालुओं और बैट्री चालित कारों के लिए 24 नवंबर से नया मार्ग खोलने के राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर सोमवार को रोक लगा दी.

न्यायमूर्ति मदन बी. लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की दो सदस्यीय खंडपीठ ने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का पक्ष सुनने के बाद यह आदेश पारित किया. बोर्ड ने शीर्ष अदालत से कहा कि 24 नवंबर से नया मार्ग खोलना संभव नहीं है.

बोर्ड की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ से कहा कि वैष्णो देवी गुफा के लिए दूसरे मार्ग का निर्माण कार्य चल रहा है और यह अगले साल फरवरी में श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि इस धर्मस्थल तक जाने के लिए पहले से ही दो मार्ग खुले हुए हैं और अब बोर्ड तीसरे मार्ग का निर्माण कर रहा है.

पीठ ने इसके साथ ही उस याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया जिसकी याचिका पर एनजीटी ने 13 नवंबर को नया मार्ग खोलने का निर्देश दिया था.

एनजीटी ने नया मार्ग खोलने का आदेश देने के साथ ही वैष्णो देवी में रोजाना दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी 50,000 तक सीमित कर दी थी. एनजीटी ने यह भी कहा था कि नए मार्ग पर घोड़ों और खच्चरों को चलने की अनुमति नहीं होगी.

एनजीटी ने प्राधिकारियों को निर्देश दिया था कि यदि कोई भी व्यक्ति वैष्णो देवी गुफा की ओर जाने वाली सड़क या बस अड्डे पर गंदगी फैलाता मिले तो उस पर दो हजार रुपये का जुर्माना किया जाए क्योंकि यह पैदल यात्रियों, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए खतरनाक है.