शराबबंदी वाले गुजरात में चुनाव से पहले सात लाख लीटर शराब ज़ब्त

गुजरात चुनाव राउंड अप: जेटली ने कहा, चुनाव में केवल ऐसे वादे किए जाने चाहिए जिन्हें लागू किया जा सके. भाजपा बोली, राहुल गुजरात में औरंगजेब और खिलजी के पदचिन्हों पर चल रहे हैं.

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गुजरात चुनाव राउंड अप: जेटली ने कहा, चुनाव में केवल ऐसे वादे किए जाने चाहिए जिन्हें लागू किया जा सके. भाजपा बोली, राहुल गुजरात में औरंगजेब और खिलजी के पदचिन्हों पर चल रहे हैं.

Gujarat Assembly Election

नई दिल्ली/अहमदाबाद: कहने को तो गुजरात में शराब पर प्रतिबंध है लेकिन ऐसा लगता है कि चुनावी माहौल में शराब बांटने का काम धड़ल्ले से हो रहा है. चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त निगरानी टीमों ने गुजरात से करीब 7.08 लाख लीटर शराब, 1.38 करोड़ रुपये की नकदी और आठ करोड़ रुपये मूल्य से अधिक के आभूषण जब्त किए हैं. राज्य में अगले महीने चुनाव होना है. गुजरात में शराब पर प्रतिबंध है.

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक चुनाव आयोग की टीमों ने अब तक 1.38 करोड़ रुपये की संदिग्ध नकदी, करीब 7.08 लाख लीटर शराब और 8.13 करोड़ रुपये मूल्य का 27.02 किलोग्राम सोना जब्त किया है. आंकड़ों के मुताबिक 3,650 पाउंड करीब 3.11 लाख रुपये और 30,000 थाई मुद्रा भी जब्त की गई है.

चुनाव आयोग ने कालेधन के इस्तेमाल और मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रयुक्त अवैध सामग्रियों पर रोक लगाने के लिए केंद्र के पर्यवेक्षकों के अलावा 100 चुनाव पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है. गुजरात विधानसभा की कुल 182 सीटों के लिए नौ और 14 दिसंबर को दो चरण में मतदान होंगे. मतों की गिनती 18 दिसंबर को की जाएगी.

चुनावों की तारीख की घोषणा के बाद गुजरात कांग्रेस चुनाव आयोग को इस बारे में पत्र भी लिख चुकी है कि भाजपा पड़ोसी राज्यों से शराब ला सकती है. गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख भरत सिंह सोलंकी ने आयोग को लिखे पत्र में भाजपा शासित राज्यों की सीमाओं पर पर्यवेक्षकों को तैनात करने का अनुरोध किया ताकि विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ पार्टी के इशारे पर शराब लाने के संभावित प्रयासों को रोका जा सके.

मुख्य चुनाव आयुक्त एके जोती को लिखे पत्र में सोलंकी ने आयोग से सीमावर्ती क्षेत्रों को सील करने का अनुरोध किया. सोलंकी ने कहा था, हमें अपने सूत्रों से बहुत परेशान करने वाला घटनाक्रम पता चला है कि भाजपा राज्य में महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे पड़ोसी भाजपा शासित राज्यों से बड़ी मात्रा में शराब लाने की योजना बना रही है.

राहुल गुजरात में औरंगजेब और खिलजी के पदचिन्हों पर चल रहे हैं: भाजपा

विधानसभा चुनाव से गुजरने जा रहे गुजरात में मंदिरों में जाने को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर करारा प्रहार करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता जीवीएल नरसिम्हन राव ने बुधवार को उन पर अलाउद्दीन खिलजी और औरंगजेब जैसे मध्यकालीन सुलतानों के पदचिन्हों पर चलने का आरोप लगाया.

राजकोट में एक संवाददाता सम्मेलन में राव ने कहा, मुगल शासक औरंगजेब ने अपने शासनकाल में कई मंदिरों को ध्वस्त किया. लेकिन जब आम लोगों ने उसका विरोध किया तब उसने दो-तीन मंदिरों का निर्माण कराने का वादा किया. अलाउद्दीन खिलजी ने भी ऐसा ही किया… अब राहुल गांधी उसी दिशा में जा रहे हैं.

अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान राहुल गांधी गुजरात में अक्षरधाम समेत कई मंदिरों में गए. भाजपा ने उन पर बहुसंख्यकों को आकर्षित करने के लिए नरम हिंदुत्व कार्ड खेलने का आरोप लगाया है.

यहां संवाददाताओं से बातचीत में राव ने अयोध्या मुद्दे के समाधान के लिए उार प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड द्वारा पेश प्रस्ताव को अच्छा करार दिया और राहुल गांधी से मौन तोड़कर इस पर पार्टी का रुख स्पष्ट करने की मांग की.

उन्होंने कांग्रेस से यह स्पष्ट करने को कहा कि वह आक्रांता मुगल शासक बाबर को किस रूप में देखती है जिसके बारे में माना जाता है कि उसने 16 वीं सदी में अयोध्या में मस्जिद बनवाई.

उन्होंने कहा, राहुल गांधी का मंदिर जाना एक ड्रामा है. वह मंदिर जाकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि इस चुनाव के मद्देनजर ऐसा करना उनकी मजबूरी बन गई है.

राव ने कहा, कांग्रेस कर्नाटक में टीपू सुलतान जयंती मना रही है और अब वह गुजरात में मुहम्मद गजनी जयंती मनाने का सपना देख रही है लेकिन यह सपना कभी साकार नहीं होगा क्योंकि पार्टी कभी चुनाव नहीं जीतेगी.

कांग्रेस हार्दिक क्लब में दोनों एक दूसरे को छल रहे हैं

पटेल समुदाय को आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के बीच हुए समझौते पर सवाल उठाते हुए भाजपा ने बुधवार को कहा कि दोनों एक दूसरे को ऐसी बात पर छल रहे हैं जो कानूनी रूप से टिकने योग्य नहीं है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस हार्दिक क्लब में दोनों एक दूसरे को छल रहे हैं. कानूनी और संवैधानिक रूपे से यह (आरक्षण में 50 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन) आज के कानून के तहत संभव नहीं है.

उन्होंने कहा कि चुनाव में केवल ऐसे वादे किए जाने चाहिए जिन्हें लागू किया जा सके. जेटली ने कहा कि कानून काफी स्पष्ट है और उच्चतम न्यायालय ने इस बारे में व्यवस्था दी है.

मंडल आयोग मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले में कहा गया है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग या विशेष श्रेणी के लिए कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है.

राजस्थान में गुर्जरों के आरक्षण के असफल प्रयास का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि न्यायपालिका ने पुन: पुष्टि की है कि 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाया नहीं जा सकता है. और इसलिए दोनों को एक-दूसरे को और लोगों को छलने दें.

आरक्षण फार्मूले पर कांग्रेस चुप, कहा- संविधान के दायरे में रहेंगे

कांग्रेस ने चुनाव से पहले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथ आरक्षण के मुद्दे पर तय किए गए फार्मूले पर अपने पत्ते नहीं खोले और कहा कि इस बारे में जो भी फैसला होगा, वह संविधान के दायरे में होगा.

पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी को अपना समर्थन देने की घोषणा करने के लिए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी संयुक्त लड़ाई से भाजपा सत्ता से बाहर हो जाएगी. कांग्रेस द्वारा पाटीदार नेताओं की आरक्षण की मांग मान लेने के बाद हार्दिक ने इस समर्थन की घोषणा की थी.

बहरहाल, सिब्बल ने इस बारे में चुप्पी साधे रखी कि कांग्रेस तथा हार्दिक नीत पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के बीच आरक्षण को लेकर कौन से फार्मूले पर सहमति बनी है. उन्होंने कहा कि संबंधित नियमों को बाद में तय किया जाएगा.

सिब्बल ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने राज्य में अपने 22 साल के शासन के दौरान समुदाय के लिए कुछ नहीं किया और उनके भरोसे को तोड़ दिया.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, हमें खुशी है कि साझा मोर्चा अब भाजपा के खिलाफ लड़ेगा… हम उनका आभार व्यक्त करते हैं क्योंकि वे (पास) हमारे साथ एक विचारधारा के साथ शामिल हुए कि मिलकर चुनाव लड़ा जाए…हमारा लक्ष्य चुनाव जीतना और लोगों से किए गए वादों को पूरा करना है.

‘पाखंड नहीं करना चाहिए’

जेटली के कांग्रेस और हार्दिक के एक दूसरे को छलने संबंधी बयान के बारे में प्रतिक्रिया पूछे जाने पर कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा, हम आज सत्ता से बाहर है. माननीय वित्त मंत्री के बयान का हास्यास्पद पक्ष यह है कि जहां उनकी स्वयं की पार्टी सत्ता में है, मिसाल के तौर पर राजस्थान, वहां हर किस्म से सीमा से अधिक जाने का प्रयास हो रहा है.

उन्होंने कहा, वहां भाजपा शासित प्रदेशों में 50 प्रतिशत (सीमा) को त्यागा जा सकता है, 51 प्रतिशत को त्यागा जा सकता है, 55 प्रतिशत को त्यागा जा सकता है. प्रत्येक तरह के आरक्षण का वादा किया गया. लिहाजा हमें दोमुंही बात नहीं करनी करनी चाहिए. हमें पाखंड नहीं करना चाहिए. छलावा तो तब होगा जब हम सत्ता में आये और हमने कुछ गलत किया हो.

सिंघवी ने कहा, किंतु जैसा कि हमने बार बार कहा है, हम भाजपा की तरह नहीं हैं और कानून का पालन करते हैं. हम संविधान के दायरे में रहकर कदम उठाएंगे.

उन्होंने कहा यदि आप यह देखना चाहते हैं कि किसने किसको बेवकूफ बनाया तो आप जाइए और राजस्थान में देखिए. भाजपा वहां सत्तारूढ़ दल है. वह प्रतिदिन लोगों को बेवकूफ बना रही है. कभी वे जाट आरक्षण, कभी गुर्जर आरक्षण की बात करते हैं. वे सत्ता में हैं और वादे पूरे कर सकते थे किंतु नहीं किए.

सिंघवी ने कहा, हम सत्ता में नहीं हैं. हम गुजरात में सत्ता में आएंगे तो संविधान के दायरे में रहते हुए इसे लागू करेंगे. हमारे पास इसकी क्षमता है.

मूर्खों ने प्रस्ताव रखा और मूर्खेां ने इसे स्वीकार कर लिया: नितिन पटेल

गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस द्वारा पाटीदारों को सुझाया गया आरक्षण का फार्मूला विपक्षी पार्टी की ओर से किया गया एक बड़ा मजाक है. उन्होंने आरोप लगाया कि आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल अपने समुदाय को गुमराह कर रहे हैं.

पटेल ने कहा कि सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में उच्चतम न्यायालय द्वारा तय 50 प्रतिशत सीमा से अधिक किसी भी आरक्षण की बात करना मूर्खों द्वारा प्रस्ताव रखने और मूर्खों द्वारा ही स्वीकार करने की तरह है.

हार्दिक पटेल द्वारा कांग्रेस को देने की घोषणा के बाद संवाददाताओं से बातचीत में नितिन पटेल ने कहा कि विपक्षी दल ने इस समुदाय को विशेष श्रेणी में आरक्षण देने की हार्दिक के संगठन की मांग को स्वीकार किया है.

उन्होंने कहा, बिल्कुल साफ है कि किसी भी सूरत में आरक्षण 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक नहीं जा सकता, लेकिन हार्दिक कांग्रेस के सुझाये फार्मूले से पाटीदार समुदाय को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, कपिल सिब्बल जैसे कांग्रेस नेताओं ने इस तरह का फार्मूला सुझाकर हार्दिक को मूर्ख बनाया है. जाहिर है कि मूर्खों ने प्रस्ताव रखा और मूर्खेां ने इसे स्वीकार कर लिया. गुजरात की जनता और पाटीदार समुदाय यह सब देख रहा है. वह इस तरह के झांसों में कभी नहीं आएगा.

इससे पहले आज दिन में हार्दिक ने कहा था कि कांग्रेस ने पटेलों के आरक्षण के लिए जो फार्मूला सुझाया है वह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण से अतिरिक्त होगा. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित सीमा महज सुझाव है और इस सीमा से आगे जाने के तरीके हैं.

उप मुख्यमंत्री पटेल ने हार्दिक को चेतावनी देते हुए कहा कि एक दिन आएगा जब पाटीदार समुदाय के लोग उन्हें अपनी भावनाओं से खिलवाड़ करने के लिए सबक सिखाएंगे.

उन्होंने हार्दिक को अपरिपक्व करार देते हुए नाराजगी भरे स्वर में कहा, हम कुछ भी इसलिए नहीं कर रहे क्योंकि हम सरकार में हैं. अन्यथा मैंने अपने करियर में तुम्हारे जैसे हजारों लोग देखे हैं और उन्हें सबक भी सिखाया है. इस गलतफहमी में मत रहना कि आप गुजरात चला रहे हैं. उच्चतम न्यायालय के कई फैसलों का जिक्र करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा निर्धारित सीमा से आगे जाना संभव नहीं है.

पहले चरण के लिए 1703 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया

गुजरात विधानसभा के लिए नौ दिसंबर को होने वाले प्रथम चरण के चुनाव के लिए 1703 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है. पहले चरण में 89 सीटों पर चुनाव होना है.

प्रथम चरण के चुनावों में नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 नवंबर थी. अधिकांशत: सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के 19 जिले में प्रथम चरण में चुनाव हो रहा है.

गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीबी स्वैन ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि इन उम्मीदवारों में से 788 निर्दलीय, 523 भाजपा और कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दलों के उम्मीदवार हैं.

विज्ञप्ति में बताया गया है कि शेष 392 उम्मीदवार या तो राज्य स्तरीय दलों के हैं जो गुजरात से बाहर पंजीकृत हैं जैसे आप और जदयू या छोटे गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत दलों के उम्मीदवार हैं जैसे लोकशाही सत्ता पार्टी, युवा सरकार और इंसानियत पार्टी.

89 सीटों पर भाजपा के 193 उम्मीदवारों और कांग्रेस के 196 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है क्योंकि पार्टियां सामान्य तौर पर हर सीट पर एक या दो डमी उम्मीदवारों का नामांकन करवाती हैं. डमी उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 24 नवंबर है.

वाघेला ने अति पिछड़ों को दस प्रतिशत आरक्षण का वादा किया

गुजरात के दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला ने बुधवार को कहा कि उनकी नवगठित पार्टी जन विकल्प फ्रंट अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के 27 प्रतिशत आरक्षण में अति पिछड़ा वर्गों के लिए दस प्रतिशत के विशेष आरक्षण की व्यवस्था करेगी तथा जीएसटी का क्रियान्वयन एक साल के लिए टालेगी.

जुलाई में कांग्रेस छोड़ने के कुछ सप्ताह बाद नया संगठन बनाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री वाघेला ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया. घोषणापत्र में शिक्षित युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ते, पेट्रोल तथा डीजल पर वैट घटाने और हर गांव में एक माध्यमिक स्कूल का वादा भी किया गया.

उन्होंने कहा कि संगठन नौ दिसंबर को प्रस्तावित विधानसभा चुनावों के पहले चरण के लिए 74 उम्मीदवारों को उतारेगी. उस दिन 182 में से 89 सीटों पर मतदान होना है.

दस प्रतिशत की श्रेणी में आने वाले पिछड़े समुदायों में कोली, ठाकोर, बजानिया, योगी रावल, देवीपुजाक मदारी और वाघेर सहित अन्य शामिल हैं.

वाघेला ने यहां संवाददाताओं से कहा, ओबीसी में ऐसे अति पिछड़े समुदाय हैं जिन्हें राज्य में ओबीसी को दिये जा रहे 27 प्रतिशत आरक्षण के लाभ से वंचित रखा गया है. अगर हम सत्ता में आते हैं तो हम इन समुदायों के लिए 27 प्रतिशत में से 10 प्रतिशत का विशेष वर्ग बनाएंगे.

गुजरात में भाजपा की मदद के लिए नीतीश ने उतारे प्रत्याशी: तेजस्वी

बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने बुधवार को पटना में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुजरात विधानसभा में अपनी पार्टी के 50 उम्मीदवार उतारकर भाजपा की मदद करना चाह रहे हैं.

तेजस्वी ने कहा कि नीतीश जी बार-बार दोहरा रहे हैं कि भाजपा गुजरात चुनाव जीतेगी. अब कह रहे हैं कि जदयू गुजरात में अकेले 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

उन्होंने कहा कि वह अब आप यह बताएं कि अगर भाजपा वहां जीत रही है तो नीतीश वहां क्या हारने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं? अगर भाजपा हार रही है तो क्या उन्हें जिताने के लिए लड़ रहे हैं? क्या जनता बेवक़ूफ़ है?

तेजस्वी ने कहा कि जदयू के लोग अब यह मत कहें कि राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी को मज़बूत कर रहे हैं, क्योंकि नीतीश जी को प्रधानमंत्री बनाना है.

उन्होंने नीतीश कुमार पर आरएसएस का पिछलग्गू होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव आप भाजपा को जिताना चाहते थे, इसलिए वहां जदयू ने चुनाव नहीं लड़ा, क्योंकि आप लड़ते तो कुर्मी वोट आपको पड़ता. दिल्ली नगर निगम का चुनाव इसलिए लड़ा, क्योंकि हर वार्ड में आपको जो 100-50 वोट मिले और आम आदमी पार्टी का वोट काटकर भाजपा को फ़ायदा पहुंचाया.

तेजस्वी ने नीतीश पर आरोप लगाया कि गुजरात में अब पटेल वोट काटने के चक्कर में भाजपा के कहे अनुसार वहां जा रहे हैं, जिसका अपना कोई आधार नहीं होता वो दर-दर ऐसे ही आधारहीन घूमता है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में नीतीश बोल रहे थे मीरा कुमार को हराने के लिए यूपीए ने उम्मीदवार बनाया है. अगर यही उनका तर्क था तो वे गुजरात चुनाव क्या मुख्यमंत्री बनने के लिए लड़ रहे हैं?

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)