कथित लव जिहाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हादिया को पढ़ाई के लिए तमिलनाडु भेजा

शीर्ष अदालत ने तमिलनाडु के सलेम स्थित होम्योपैथिक कॉलेज के डीन को हादिया का संरक्षक नियुक्त किया है और उन्हें किसी परेशानी की स्थिति में न्यायालय आने की छूट प्रदान की है.

//
हादिया और शफीन जहां. (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

शीर्ष अदालत ने तमिलनाडु के सलेम स्थित होम्योपैथिक कॉलेज के डीन को हादिया का संरक्षक नियुक्त किया है और उन्हें किसी परेशानी की स्थिति में न्यायालय आने की छूट प्रदान की है.

(हादिया जहां और शफीन जहां)
(हादिया जहां और शफीन जहां)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कथित लव जिहाद प्रकरण में केरल की महिला से बातचीत की और उसे होम्योपैथी की शिक्षा आगे जारी रखने के लिए तमिलनाडु के सलेम भेज दिया. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने हादिया को सुरक्षा प्रदान करने और यथाशीघ्र उसका सलेम पहुंचना सुनिश्चित करने के लिए केरल पुलिस को निर्देश दिया है.

शीर्ष अदालत ने सलेम स्थित होम्योपैथिक कॉलेज के डीन को हादिया का संरक्षक नियुक्त करने के साथ ही उन्हें किसी भी परेशानी की स्थिति में न्यायालय आने की छूट प्रदान की है.

न्यायालय ने कॉलेज और विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि हादिया को फिर से प्रवेश दिया जाए और उसे छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराई जाए. हादिया पिछले कई सप्ताह से अपने पिता के घर में रह रही थी.

इस मामले की दो घंटे से भी अधिक समय तक चली सुनवाई के दौरान हादिया ने कहा कि वह अपने पति शफीन जहां के साथ जाना चाहती है. शीर्ष अदालत हादिया के साथ शफीन की शादी को अमान्य करार देने के केरल उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शफीन की याचिका पर जनवरी के तीसरे सप्ताह में आगे विचार करेगी.

शफीन जहां ने 20 सितंबर को शीर्ष अदालत में एक अर्जी दायर करके हिंदू युवती द्वारा धर्म परिवर्तन के बाद उसके साथ विवाह करने के इस विवादास्पद मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपने का आदेश वापस लेने का अनुरोध किया था.

शीर्ष अदालत ने 16 अगस्त को राष्ट्रीय जांच एजेंसी को इस घटना की जांच शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आरवी रवींद्रन की देखरेख में करने का निर्देश दिया था.

शफीन जहां ने इस हिंदू युवती से पिछले साल दिसंबर में विवाह किया था. लेकिन उच्च न्यायालय द्वारा इस विवाह को अमान्य घोषित करने के फैसले को चुनौती देते हुए उसने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की जिसमें उसने इस निर्णय को देश में महिलाओं की स्वतंत्रता का अपमान बताया था.

उच्च न्यायालय ने केरल पुलिस को इस तरह के मामलों की जांच करने का भी आदेश दिया था.इस युवती के पिता अशोकन केएम ने आरोप लगाया था कि उसे सीरिया में इस्लामिक स्टेट मिशन द्वारा भर्ती किया गया हैऔर जहां तो सिर्फ एक मोहरा है.

उनका यह भी आरोप था कि धर्म परिवर्तन और इस्लामिक कट्टरता के लिये एक सुव्यवस्थित तंत्र काम कर रहा है.

सरकारी वकील ने धमकी दिए जाने का आरोप लगाया

हादिया मामले में केरल उच्च न्यायालय में राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले सरकारी वकील ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया साइटों पर उनके खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया और उन्हें धमकी दी गई.

वकील नारायणन ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने सोमवार को कहा कि उसने कथित धमकियों और अपशब्दों के पीछे के लोगों की पहचान के लिए जांच शुरू की है. नारायणन ने दावा किया कि उन्हें ये संदेश उन लोगों से मिले जो केरल की महिला हादिया की शादी और विवादित धर्मांतरण के मुद्दे से जुड़े हैं.

हादिया ने हिंदू धर्म छोड़कर मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया था और एक मुस्लिम व्यक्ति शफीन जहां से शादी की थी. केरल उच्च न्यायालय ने मई में शादी को अमान्य करार दिया था.