बीएमसी चुनाव में विजयी 43 पार्षदों के खिलाफ आपराधिक मामले: एडीआर

एडीआर और महाराष्ट्र इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट में यह बात सामने आई. दोनों गैर सरकारी संगठनों ने बीएमसी चुनावों में कुल 227 में से 225 विजेता उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया.

/

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और महाराष्ट्र इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट में यह बात सामने आई. दोनों गैर सरकारी संगठनों ने बीएमसी चुनावों में कुल 227 में से 225 विजेता उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया.

BMC building
मुंबई में बृहन्मुंबई महानगरपालिका भवन. (फोटो: ट्विटर)

बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) चुनावों में जीत दर्ज करने वाले कम से कम 43 प्रत्याशी आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं. गैर सरकारी संगठनों- एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और महाराष्ट्र इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट में यह बात सामने आई. दोनों एनजीओ ने हाल ही में हुए बीएमसी चुनावों में कुल 227 में से 225 विजेता उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया.

विश्लेषण के अनुसार करीब 19 प्रतिशत नवनिर्वाचित पार्षदों के खिलाफ हत्या के प्रयास और बलात्कार जैसे अपराध समेत आपराधिक मामले हैं.

महाराष्ट्र इलेक्शन वॉच के राज्य-समन्वयक शरद कुमार ने कहा, जब तक लोग बड़ी संख्या में मतदान करने घरों से बाहर नहीं निकलेंगे तब तक राजनीतिक पार्टियां धनी और बाहुबली उम्मीदवारों का चयन करेंगी. दोनों एनजीओ की रिपोर्ट के अनुसार वार्ड नं. 115 से जीतने वाले शिवसेना के उमेश सुभाष माने ने हलफनामे में अपने खिलाफ हत्या के प्रयास (भारतीय दंड संहिता की धारा 307)  से संबंधित एक मामले की घोषणा की है.

रिपोर्ट के अनुसार, इसके अलावा तीन विजेताओं के खिलाफ बलात्कार (आईपीसी की धारा 376) और महिला की गरिमा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल (आईपीसी की धारा 354) के मामले हैं.

225 विजेताओं में जिन उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया गया है उनमें शिवसेना से 22, भाजपा से 11, मनसे से तीन, कांग्रेस से दो और राकांपा, सपा और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) से एक-एक और दो निर्दलीय उम्मीदवार आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं.

एनजीओ ने एक बयान में कहा कि बहरहाल, रिपोर्ट के दौरान दो उम्मीदवारों की जानकारी उपलब्ध नहीं रहने के कारण कुल 227 में से दो हलफनामों का विश्लेषण नहीं किया जा सका.