मोदी के गृहनगर में भी असंतोष, लेकिन उनका चुनावी मुद्दा है मंदिर, मणिशंकर और मुसलमान

गुजरात चुनाव राउंडअप: राहुल ने कहा, मोदी लगातार चुनावी मुद्दा बदल रहे, उनके पास बोलने को कुछ भी नहीं बचा. मोदी जी, हम आपको प्यार से, बिना गुस्से के हराने जा रहे हैं.

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गुजरात चुनाव राउंडअप: राहुल ने कहा, मोदी लगातार चुनावी मुद्दा बदल रहे, उनके पास बोलने को कुछ भी नहीं बचा. मोदी जी, हम आपको प्यार से, बिना गुस्से के हराने जा रहे हैं.

Gujarat Assembly Election (1)

अहमदाबाद/नई दिल्ली: गुजरात में पिछले 22 सालों से सत्ता में काबिज भाजपा की राह कठिन दिख रही है. नरेंद्र मोदी के गृहनगर तक में भाजपा को लेकर असंतोष की खबरें आ रही हैं. दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के बीच का मुकाबला बेहद निचले स्तर तक चला गया है. जुबानी जंग में खुद प्रधानमंत्री ने विकास और परिवर्तन की बातों को भुलाकर मणिशंकर अय्यर की टिप्पणी, मुसलमान, पाकिस्तान, चीन और राम मंदिर की ही चर्चा कर रहे हैं.

दूसरी तरफ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असली मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं जैसे कोई जादूगर जादू दिखाकर लोगों का ध्यान भटकाता है. मोदी के गृहनगर वडनगर में आयोजित एक रैली में राहुल ने शनिवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री लगातार मुद्दे बदल रहे हैं. वे असली मुद्दों पर बात करने की जगह बार बार पाकिस्तान, चीन और जापान चले जाते हैं.

रविवार को कलोल में राहुल गांधी ने कहा, मोदी जी, गुजरात में हम आपको प्यार से, बिना गुस्से के हराने जा रहे हैं. उन्होंने कहा, मोदी जी मेरे खिलाफ लगातार अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. यहां तक कि आज भी यही किया. राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद का सम्मान करता है. यह मायने नहीं रखता कि प्रधानमंत्री मेरे बारे में क्या कहते हैं. मैं उनके लिए एक भी खराब शब्द का इस्तेमाल नहीं करूंगा.

मेहसाणा ने भाजपा को किया बेचैन, प्रधानमंत्री के गृहनगर में भी असंतोष

गुजरात में ऐसा आम तौर पर देखने को नहीं मिलता कि पिछले 22 सालों से सत्ता पर काबिज भाजपा का कार्यकर्ता आपको यह कहता मिल जाए कि इस बार पार्टी के लिए चुनावों में राह आसान नहीं है.

अगर ऐसा कोई भाजपा कार्यकर्ता आपका मिल जाए कि वो भी प्रधानमंत्री के गृहनगर वडनगर में तो यह राज्य के इस हिस्से में असंतोष का स्पष्ट संकेत है. पार्टी यहां लगातार पांचवीं बार सत्ता में लौटने की कोशिश में जुटी है.

भाजपा के पुराने कार्यकर्ता दीक्षित पटेल चिंतित हैं कि 2015 में आरक्षण को लेकर प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से नाराज पाटीदार समाज का गुस्सा चुनाव के दिन फूट सकता है. यह पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है.
प्रदेश में दूसरे चरण के लिए 14 दिसंबर को होने वाले चुनाव के लिए ऐसा पूर्वाभास सिर्फ उनका ही नहीं है. मेहसाणा जिले में भाजपा के खेमे में माहौल तनाव का है. इस जिले में सात विधानसभा सीटें आती हैं.

मेहसाणा और वडनगर दोनों मेहसाणा जिले में आते हैं, वडनगर जहां ऊंझा विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है, वहीं मेहसाणा शहर प्रदेश निर्वाचन कार्यालय की सूची में मेहसाणा एक अलग विधानसभा क्षेत्र है.

भाजपा कार्यकर्ता इस बात को लेकर आशंकित हैं कि पाटीदारों की नाराजगी पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकती है. वे याद करते हुए कहते हैं कि यह सबकुछ मेहसाणा में दो साल पहले शुरू हुआ. जो हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाले पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के आंदोलन का केंद्र था.

अंदर ही अंदर आग अब भी सुलग रही है

आरक्षण के लिए किए गए प्रदर्शन ने हिंसक मोड़ ले लिया, लोग मारे गए. पाटीदार नेताओं को जेल भेज दिया गया और सरकार ने समुदाय के लिए आरक्षण की उनकी मांग पर अपने कान बंद कर लिए. बाहर से भले ही सब कुछ शांत लगे, अंदर ही अंदर आग अब भी सुलग रही है.

दीक्षित ने कहा, एक व्यक्ति हार्दिक से ज्यादा, पाटीदार आंदोलन का मुद्दा है जो पटेलों को जोड़ रहा है, खासकर युवाओं को. गुजरात में पटेल भाजपा का आधार हैं. पार्टी आज जो है वह हमने बनाई है इसलिए यह स्वाभाविक है कि अगर वे हमारा पाला छोड़ते हैं तो इसका असर गहरा होगा.

पाटीदारों के बाहुल्य वाले इस इलाके में भाजपा के अधिकतर पदाधिकारी इसी समुदाय से आते हैं. फिर चाहे वह वडनगर में दीक्षित हों या अच्छी तरह से विकसित शहरी बसावट वाले मेहसाणा शहर में फाल्गुन पटेल, चिंता स्पष्ट है. मेहसाणा नगर पालिका में भाजपा के पार्षद फाल्गुन पटेल ने यह भी माना कि इस बार मुकाबला बेहद कड़ा है क्योंकि पटेल समुदाय में नाराजगी है. उन्होंने समुदाय के बारे में कहा इसे खरीदा नहीं जा सकता.

पार्टी संभावित नुकसान कम करने के प्रयास में जुटी है. ऊंझा सीट से पार्टी ने लगातार छठी बार जीत के सपने के साथ स्थानीय विधायक नारायणभाई किस्मत आजमा रहे हैं जो उमिया धाम मंदिर के प्रमुख हैं जिन्हें पटेल समुदाय में श्रद्धेय हैं. उनके सामने कांग्रेस की आशाबेन पटेल हैं.

मोदी का जादू फिर काम करेगा

मेहसाणा सीट से भाजपा ने उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस के जीवाभाई पटेल उन्हें मुख्य चुनौती दे रहे हैं. मुकाबला कड़ा है इस बात का जिक्र फाल्गुन पटेल कुछ आंकड़ों के जरिये भी करते हैं.

फाल्गुन कहते हैं, मेहसाणा सीट में करीब 2.57 लाख मतदाता हैं जिनमें से 52,000 पाटीदार हैं. अपने लिए सबसे आदर्श स्थिति को भी ध्यान में रखें तो पाटीदारों में से 18,000 से ज्यादा हमारे लिए वोट नहीं करेंगे. और पटेल हमारी ताकत रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पाटीदारों के दूर होने की भरपाई पार्टी ठाकोर करीब 40,000 और प्रजापति करीब 26,000 और चौधरी करीब 17,000 जैसे दूसरे ओबीसी समुदायों पर ध्यान केंद्रित कर करने की कोशिश कर रही है.

फाल्गुन ने कहा, ठाकोर के मत सामान्य तौर पर कांग्रेस के लिए आरक्षित रहते हैं. लेकिन इस बार कांग्रेस के पाटीदारों को आरक्षण का वादा कर उन्हें लुभाने के प्रयास को देखते हुए हमें उम्मीद है कि ओबीसी भाजपा की तरफ झुकेंगे.

ओबीसी यह समझते हैं कि अगर आरक्षण फलीभूत हुआ तो उन्हें नुकसान होगा. हर कोई इतना मायूस नहीं है. मेहसाणा-पालनपुर राजमार्ग पर स्टेशनरी की दुकान चलाने वाले 73 वर्षीय जेके भरोट हमेशा की तरह ही आशावान हैं.

उन्होंने कहा, एके पटेल 1984 में जब चुनाव जीते थे उसी बार की तरह मुझे अब भी उम्मीद है. मोदी का जादू फिर काम करेगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री एक महान व्यक्ति हैं.

एके पटेल मेहसाणा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने जाने वाले भाजपा के पहले नेता थे. ऊंझा और मेहसाणा के अलावा जिले की पांच अन्य विधानसभा सीटें खेरालू, विसनगर, बेचाराजी, कडी और वीजापुर हैं.

पाक सेना के पूर्व डीजी क्यों चाहते हैं अहमद पटेल बनें गुजरात के मुख्यमंत्री: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पालनपुर में आरोप लगाया कि पाकिस्तान गुजरात विधानसभा चुनावों में हस्तक्षेप कर रहा है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस से उसकी पार्टी के आला नेताओं के हाल ही में पड़ोसी देश के नेताओं से मिलने पर स्पष्टीकरण भी मांगा.

पालनपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पाकिस्तानी सेना के पूर्व महानिदेशक सरदार अरशद रफीक द्वारा कथित तौर पर की गई अपील को लेकर सवाल उठाए. रफीक ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने की कथित तौर पर अपील की थी.

मोदी ने कहा कि कांग्रेस के निलंबित वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने कांग्रेस के आला नेताओं के पाकिस्तानी नेताओं से कथित तौर पर मुलाकात करने के एक दिन बाद उन्हें नीच कहा था.

प्रधानमंत्री ने कहा, मीडिया में मणिशंकर अय्यर के आवास पर हुई बैठक के बारे में खबरें थीं. इसमें पाकिस्तान के उच्चायुक्त, पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री, भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हिस्सा लिया.

मोदी ने कहा कि अय्यर के आवास पर तकरीबन तीन घंटे तक बैठक चली. उन्होंने कहा, अगले दिन, मणिशंकर अय्यर ने कहा कि मोदी नीच है. यह गंभीर मामला है.

मोदी ने कहा कि रफीक ने अहमद पटेल को गुजरात का अगला मुख्यमंत्री बनाने का समर्थन किया था. उन्होंने कहा, एक तरफ पाकिस्तानी सेना के पूर्व डीजी गुजरात के चुनाव में हस्तक्षेप कर रहे हैं. दूसरी तरफ पाकिस्तान के लोग मणिशंकर अय्यर के आवास पर बैठक कर रहे हैं.

मोदी ने कहा, और उस बैठक के बाद गुजरात की जनता, पिछड़ा समुदाय, गरीब लोगों और मोदी का अपमान किया गया. क्या आप नहीं मानते कि इस तरह की घटनाएं संदेह पैदा करती हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को देश की जनता को बताना चाहिए कि क्या योजना बन रही थी.

जादूगर की तरह ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं मोदी: राहुल गांधी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को मोदी के गृहनगर वडनगर में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असली मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं जैसे कोई जादूगर जादू दिखाकर लोगों का ध्यान भटकाता है.

वडनगर में आयोजित एक रैली में राहुल ने दावा किया कि प्रधानमंत्री लगातार मुद्दे बदल रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया, जादूगर भी कुछ छिपाने का प्रयास करता है. जब वह जादू दिखाता है तो वह लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करता है. इसी तरह नरेंद्र मोदी जी ने पिछले 10-15 दिनों में असली मुद्दों से आप लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश की है.

राहुल ने कहा, आखिरकार, वह परेशान हो गए और हार मान ली. उन्होंने कहा कि वह मुद्दों के बारे में बात नहीं करेंगे, बल्कि अपने बारे में बात करेंगे. नरेंद्र मोदी का सामना सच्चाई से हो गया है.

इससे पहले पाटन जिले के हरिज में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि मोदी ने कांग्रेस से निलंबित किए जा चुके नेता मणिशंकर अय्यर की ओर से अपने खिलाफ की गई टिप्पणी का मुद्दा इसलिए उठाया क्योंकि नर्मदा में पानी, अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी और राज्य में भाजपा के 22 साल के शासनकाल में हुए विकास जैसे मुद्दों पर प्रधानमंत्री की पोल खुल चुकी है.

गांवों को पानी नहीं मिला, नैनो को मिलने लगा

राहुल ने दावा किया, यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि लोग सच्चाई को कैसे लेते हैं. मोदी जी ने कहना शुरू कर दिया कि वह नर्मदा के पानी पर चुनाव लड़ेंगे. पता चला कि नदी का पानी गांवों तक पहुंच ही नहीं रहा और टाटा के नैनो कारखाने को मिलने लगा.

कांग्रेस नेता ने कहा, दो-तीन दिन के बाद उन्होंने कहा कि वह ओबीसी के मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगे. लेकिन वह भी काम नहीं आया. इसके बाद मोदी ने कहा कि वह 22 साल के विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगे. लेकिन इससे भी कोई फायदा नहीं हुआ.

उन्होंने कहा, इसके बाद मोदी जी कहते हैं कि मणिशंकर अय्यर ने मेरे बारे में बुरी बातें बोलीं, इसलिए मेरा चुनावी मुद्दा यही होगा. एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए राहुल ने विज्ञापनों पर 3,700 करोड़ रुपये खर्च करने को लेकर मोदी सरकार की निंदा की.

राहुल ने कहा, एक आंकड़े के अनुसार, मोदी सरकार ने विज्ञापनों पर 3,700 करोड़ रुपये खर्च किए. लिहाजा, इस सरकार का सारा धन इसकी छवि बनाने में और उद्योगपतियों के पास जा रहा है. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, हमारी सरकार आपके स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए आपके उस धन का इस्तेमाल करेगी.

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी के खिलाफ सामने आए आरोपों और राफेल लड़ाकू विमान करार से जुड़े आरोपों का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि मोदी ने पूरे चुनाव प्रचार में इन मुद्दों पर कुछ नहीं कहा.

मोदी गुजरात चुनाव प्रचार में सिर्फ़ ख़ुद के बारे में बात कर रहे हैं

राहुल गांधी ने रविवार को डाकोर में नरेंद्र मोदी पर गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान विकास का एजेंडा छोड़कर केवल स्वयं के बारे में बात करने का आरोप लगाया.

गांधी ने दूसरे चरण के मतदान के लिए अपने प्रचार के दूसरे दिन की शुरुआत यहां स्थित भगवान कृष्ण के रणछोड़ रायजी मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद की. गांधी ने दावा किया कि मोदी चुनावी मुद्दा लगातार बदल रहे हैं और अब प्रधानमंत्री के पास बोलने को कुछ भी नहीं बचा है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा ने अपने प्रचार की शुरुआत नर्मदा मुद्दे पर की थी. चार-पांच दिन के बाद लोगों ने कहा कि उन्हें नदी का पानी नहीं मिल रहा है. भाजपा दाहिनी ओर मुड़ गई. उसने कहा कि चुनाव नर्मदा पर नहीं लड़ा जाएगा. चलिए चुनाव अन्य पिछड़ा वर्ग के मुद्दे पर लड़ते हैं.

उन्होंने कहा, यद्यपि तब ओबीसी ने कहा कि भाजपा सरकार ने उनके लिए कुछ भी नहीं किया. पांच-छह दिन बाद भाजपा फिर बाएं ओर मुड़ गई और कहा कि वह विकास यात्रा निकालेगी और 22 वर्ष के विकास की बात करेगी.

गांधी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री का कल का भाषण सुना जिसमें मोदीजी ने अपने संबोधन के करीब 90 प्रतिशत समय अपनरे बारे में बात की… पहले दाहिने मुड़ो, उसके बाद बाएं मुड़ो और उसके बाद ब्रेक लगा दो.

भ्रष्टाचार पर चुप हैं मोदी

राहुल ने चुनाव के दूसरे चरण से पहले मोदी की चुनावी रैलियों को लेकर आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री पर राज्य के लिए अपनी भविष्य की योजना के बारे में बात नहीं करने और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुप रहने का आरोप लगाया.

उन्होंने विभिन्न समुदायों के आंदोलनों पर भी प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाया जिसमें पटेल, दलित, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और अन्य शामिल हैं. गांधी ने कहा कि भाजपा सच्चाई से रूबरू है और वह यहां से कहीं भी नहीं जा सकती.

गांधी ने इसके साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं से प्रधानमंत्री के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी उन्हें और भाजपा को प्यार और मीठे शब्दों से हराएगी.

कांग्रेस नेता ने मोदी पर नोटबंदी और जीएसटी को लेकर हमला बोला और कहा कि नोटबंदी ने सभी चोरों की उनका काला धन सफेद बनाने में मदद की और गब्बर सिंह टैक्स जीएसटी ने छोटे व्यापारों को नष्ट कर दिया और एक लाख लोगों को बेरोजगार बना दिया.

गांधी ने कहा, 60-70 मिनट तक मोदीजी ने अपने बारे में बात की लेकिन नोटबंदी और गब्बर सिंह टैक्स के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा. मैं एक चाय की दुकान पर बैठा था. चाय वाले ने कहा कि राहुलजी जीएसटी से पहले मैं 100 रुपये कमाता था, अब 50 रुपये कमा रहा हूं. मोदी ने हमारा 50 प्रतिशत का नुकसान कर दिया.

गांधी ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पुत्र जय शाह के व्यापारिक लेनदेने का मुद्दा भी उठाया जिसमें उन्होंने कथित रूप से 50 हजार रुपये को 80 करोड़ रुपये में बदल दिए. गांधी ने इसके साथ ही राफेल लड़ाकू विमान सौदे का मुद्दा भी उठाया.

उन्होंने कहा, आपने गौर किया होगा कि मोदीजी अपने भाषणों में भ्रष्टाचार के बारे में बात नहीं करते. उन्होंने आपको पंक्तियों में खड़ा कर दिया और गब्बर सिंह टैक्स लगाया. उन्होंने कहा, पहले वह कहते थे कि ना खाऊंगा ना खाने दूंगा. अब वह भ्रष्टाचार पर एक शब्द भी नहीं बोलते.

कांग्रेस ने चुनाव हारने की सुपारी ली है, गुजरात में जीतेगी भाजपा: वाघेला

गुजरात में दो मुख्य राजनैतिक दलों का नेतृत्व कर चुके पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि कांग्रेस जान बूझकर भाजपा से हार रही है. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा को राज्य विधानसभा चुनावों में बहुमत मिलेगा.

इस साल कांग्रेस छोड़ने वाले वाघेला का मानना है कि मुख्य विपक्षी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव हारने के लिए भाजपा से सुपारी ली है और घोषणा की कि सत्तारूढ़ भाजपा राज्य विधानसभा चुनावों में स्पष्ट बहुमत हासिल करेगी.

छह बार के सांसद वाघेला ने चुनाव से कुछ महीने पहले अपना संगठन जन विकल्प मोर्चा बनाने के लिए कांग्रेस छोड़ी थी. उन्होंने यह भी दावा किया कि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल इस चुनाव के बाद इतिहास बन जाएंगे.

वाघेला अलग-अलग समय में राज्य में कांग्रेस और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्होंने कहा, उनके जैसे लोग सिर्फ अपने हितों की पूर्ति करते हैं. आप देखेंगे कि एक बार चुनाव समाप्त हो जाने के बाद वह इतिहास बन जाएंगे.

तीन दशक से अधिक समय से प्रदेश की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने वाले 77 वर्षीय वाघेला ने कहा कि अगर कांग्रेस ने पहले से इसकी तैयारी शुरू कर दी होती तो वह चुनाव जीत सकती थी.

उन्होंने कहा, भाजपा का गुजरात में मजबूत संगठन है और पार्टी कार्यकर्ताओं का बड़ा आधार है. अगर आपको उन्हें चुनौती देनी है तो आपको चुनाव से कम से कम छह महीने पहले जमीनी काम शुरू करने की आवश्यकता है.

वाघेला ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से कहा था कि पार्टी 90 से अधिक सीटें जीत सकती है और सरकार बनाने में सक्षम हो सकती है. वाघेला 1996 से 1997 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहे. वाघेला ने कहा, मैंने उन्हें यह भी स्पष्ट किया कि मैं मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता हूं. उन्होंने भी मुझे आश्वस्त किया कि वह दिल्ली में मेरे मित्र हैं और राज्य में पार्टी को चलाने में मेरी मदद करेंगे.

उन्होंने दावा किया कि पार्टी आलाकमान में कुछ नेता नहीं चाहते हैं कि पार्टी चुनाव जीते. उन्होंने कहा, कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व में नेताओं ने गुजरात में चुनाव हारने के लिए भाजपा से सुपारी ली है. वे चुनाव जीत सकते थे. भाजपा राजनैतिक प्रबंधन में बेहद शातिर है और कांग्रेस ने जमीनी कार्य नहीं करके उस तथ्य की अनदेखी की.

गोधरा: अतीत भूलकर नौकरी, बिजली पर बात करना चाहते हैं लोग

गोधरा पंद्रह साल बाद अपने अतीत को भूलकर भविष्य के बारे में बात करने को तैयार दिख रहा है. गुजरात के इस शहर में साल 2002 में दंगे के बाद हिंसा की छवि लोगों की यादों में धुंधली पड़ने लगी है. इसकी बजाय वे नौकरी, लगातार बिजली गुल रहने और खस्ताहाल आधारभूत संरचना के बारे में बात कर रहे हैं. गोधरा के मतदाताओं के लिए मौजूदा राज्य विधानसभा चुनावों में यही मुख्य मुद्दे हैं.

गाड़ियों को ठीक करने का काम करने वाले 30 वर्षीय असीम का कहना है कि गोधरा के बारे में चुनावी मुकाबले या राज्य की राजनीति में इस बार बातें नहीं हो रहीं. उन्होंने कहा, मैं खुश हूं कि किसी भी पार्टी का बड़ा नेता इस बार गोधरा के बारे में बात नहीं कर रहा. क्या इससे हमें दो जून का खाना मिलेगा. नहीं, इससे केवल हमें बदनामी मिलेगी.

कांग्रेस के गढ़ गोधरा निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी के राजेंद्र पटेल और इसके पूर्व सदस्य, मौजूदा विधायक सीके राउलजी के बीच मुकाबला है. रौलजी अगस्त में पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो गए थे.

मुकाबले में भाजपा के बागी जसवंत परमार भी हैं जो दोनों मुख्य दावेदारों के वोट काट सकते हैं. पटेल और परमार पिछड़े बक्शी पंच समुदाय से आते हैं जिनसे करीब 90000 मतदाता हैं.

भाजपा 2007 के बाद से इस सीट पर नहीं जीती है. पार्टी राउलजी के कारण इस बार जीतने की उम्मीद कर रही है. वह 1990 से चुनाव लड़ रहे हैं और लोगों के साथ उनका मजबूत नाता है.

उधर, बेकरी की दुकान चलाने वाले पाटीदार शांति और दिनेश पटेल लगातार बिजली गुल रहने जैसे मुद्दे से चिंतित हैं. इससे उनके कारोबार पर बुरा प्रभाव पड़ता है.

सिग्नल फाडिया के निकट एमआईएम मस्जिद के सामने हुसैन अब्दुल रहमान ने कहा, जो हुआ, वह अब अतीत है. हमें रोजगार की जरूरत है क्योंकि कई मुस्लिम लड़कों को यहां महज छोटी-मोटी नौकरी ही मिल पाती है.

असीम की दुकान में गाड़ी ठीक कराने आए रजत ने कहा धार्मिक विभाजन इस बार मुद्दा नहीं है. असीम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, मेरे लिए मायने नहीं रखता कि वह किस धर्म के हैं. मेरे लिए बस ये मायने रखता है कि वह एक अच्छे मैकेनिक हैं.

भाजपा सत्ता में बनी रहेगी, कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ेगा: अठावले

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने रविवार को कहा कि विपक्षी पार्टी कांग्रेस के आक्रामक प्रचार अभियान के बावजूद गुजरात में भाजपा सत्ता में बनी रहेगी.

अठावले ने वडोदरा में पत्रकारों से कहा कि आक्रामक प्रचार अभियान और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के समर्थन से कांग्रेस का मत प्रतिशत निश्चित रूप से बढ़ेगा.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एक बड़े रणनीतिज्ञ हैं और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से उनको पूरी मदद मिली है और दोनों गुजरात की धरती के बेटे हैं. ये दोनों नेता राज्य की जमीनी स्थिति से अच्छी प्रकार से वाकिफ हैं.

अठावले ने कहा, हार्दिक पटेल के विपक्षी कांग्रेस पार्टी का समर्थन करने के पीछे क्या तर्क है जिसे चुनावों के बाद विपक्ष में ही बैठना है. यदि हार्दिक पटेल मेरे पास आए होते तो मैं प्रधानमंत्री मोदी के साथ बात करके पटेल आरक्षण मुद्दे का समाधान कर देता.

उन्होंने दोहराया कि आर्थिक मानदंडों के आधार पर नौकरियों में आरक्षण के लिए अंतिम सीमा को मौजूदा 49.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया जाना चाहिए और इससे उच्च जातियां भी लाभान्वित होंगी.

उन्होंने उच्च जातियों के लिए नौकरियों में 25 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए संविधान में एक संशोधन किए जाने की मांग की. उन्होंने कहा, प्रतियोगिताओं के जरिये नौकरियां पाने वाली सामान्य श्रेणी के लिए कुल नौकरियों का 25 प्रतिशत छोड़ा जाना चाहिए.

अठावले ने कहा , अनुसूचित जाति एससी, अनुसूचित जनजाति एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी को लाभान्वित करने वाली मौजूदा आरक्षण प्रणाली को नहीं छेड़ा जाना चाहिए. उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा की जिनका जाति भेदभाव के बिना सभी का विकास करने में विश्वास है.

भाजपा को नोटबंदी और जीएसटी का असर गुजरात चुनाव के परिणामों में दिखेगा: अखिलेश

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को दावा किया कि भाजपा नोटबंदी और जीएसटी का असर गुजरात चुनाव के नतीजों में देखेगी, क्योंकि वहां की जनता ने उनके खिलाफ अपना मन बना लिया है.

यादव ने लखनऊ में पार्टी मुख्यालय में व्यापारियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया, नोटबंदी और जीएसटी का असर व्यापारियों और व्यावसाय और अर्थव्यवस्था पर पड़ा है और इसका असर गुजरात चुनाव के नतीजों में दिखेगा और भाजपा को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा.

उत्तर प्रदेश में हाल में हुए नगर निकायों के परिणामों के बारे में अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है. उन्होंने कहा कि अगर नगर निगम चुनावों में भाजपा की जीत को पैमाना बनाया जा रहा है तो भाजपा के छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों के प्रदर्शन का भी आकलन करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि किसान विरोधी और व्यापारी विरोधी नीतियों के कारण भाजपा का ग्राफ नीचे आता जा रहा है. भारत की अर्थव्यवस्था लगातार नीचे गिरती जा रही है और देश का व्यापारी वर्ग परेशान है.

उत्तर प्रदेश में खराब कानून व्यवस्था का आरोप लगाते हुए अखिलेश ने मथुरा और सीतापुर की घटना का हवाला दिया. उन्होंने भरोसा दिलाया कि समाजवादी पार्टी हमेशा व्यापारियों के साथ उनके हितों की लड़ाई में खड़ी रहेगी.

पहले चरण में मतदान का अंतिम प्रतिशत 66.75 फीसदी रहा

गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान का अंतिम प्रतिशत 66.75 फीसदी मतदान रहा. पहले चरण में राज्य की 89 सीटों पर शनिवार को मतदान हुआ था. चुनाव आयोग ने रविवार को यह जानकारी दी.

चुनाव आयोग ने शनिवार को मतदान का प्रतिशत 68 फीसदी बताया था. वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में राज्य की सभी 182 सीटों पर 71.32 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था.

चुनाव आयोग की ओर से जारी अंतिम आंकड़ों के अनुसार आदिवासी बहुल नर्मदा जिले में सर्वाधिक 79.15 फीसदी मतदान हुआ जबकि सौराष्ट्र क्षेत्र की देवभूमि-द्वारका सीट पर सबसे कम 59.39 फीसदी मतदान हुआ.

आयोग ने बताया कि जहां 12 जिलों में 70 फीसदी से कम मतदान हुआ, वहीं सात जिलों में 70 फीसदी मतदान हुआ.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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