सड़क दुर्घटना, आग और तेज़ाब हमला पीड़ितों का निजी अस्पतालों में भी ख़र्च उठाएगी दिल्ली सरकार

सत्येंद्र जैन ने कहा, लोग सड़क दुर्घटना पीड़ितों को पास के निजी अस्पताल के बजाय सरकारी अस्पताल ले जाते हैं, जिससे वे जल्दी उपचार से वंचित हो जाते हैं.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फोटो: पीटीआई)

सत्येंद्र जैन ने कहा, लोग सड़क दुर्घटना पीड़ितों को पास के निजी अस्पताल के बजाय सरकारी अस्पताल ले जाते हैं, जिससे वे जल्दी उपचार से वंचित हो जाते हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फोटो: पीटीआई)
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने मंगलवार को एक नई योजना को मंजूरी दी, जिसके तहत वह शहर की सड़कों पर सड़क दुर्घटनाओं, आग हादसों और तेजाब हमलों के पीड़ितों के निजी अस्पतालों में भी इलाज का खर्च वहन करेगी.

सरकार के अनुसार दिल्ली सरकार ऐसी स्थिति में कितना खर्च वहन करेगी इसकी कोई सीमा नहीं तय की गई है. इस योजना को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई. इसे अब उपराज्यपाल अनिल बैजल की मंजूरी के लिए उनके पास भेजा जाएगा.

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पीड़ित चाहे कहीं के भी स्थायी निवासी हों, दिल्ली की सड़कों पर जलने, सड़क दुर्घटनाओं और तेजाब हमलों के मामले में उन्हें मुफ्त इलाज प्रदान किया जाएगा.

जैन ने यहां संवाददाताओं से कहा, इस कदम का लक्ष्य दिल्ली की सड़कों पर चाहे सड़क दुर्घटना, आग हादसे और तेजाब हमले के पीड़ितों की दुर्घटनाओं के बाद की महत्वपूर्ण अवधि के दौरान जान बचाना है.

उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को पास में निजी अस्पताल होने के बावजूद सरकारी अस्पताल ले जाते हैं. इसकी वजह से वे दुर्घटना के एक घंटे के भीतर उपचार से वंचित हो जाते हैं.

योजना को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद केजरीवाल ने कहा, हर जीवन का मोल है. हर जीवन हमारे लिए महत्वपूर्ण है. अगर दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल सर्वश्रेष्ठ उपचार मिले तो कई जानें बचाई जा सकती हैं.

योजना का ब्योरा देते हुए जैन ने कहा कि तीन तरह की दुर्घटनाओं- सड़क दुर्घटना, तेजाब हमला और आग हादसा- के पीड़ितों के लिए योजना को मंजूरी दी गई है.

जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार अपने और निजी दोनों तरह के अस्पतालों में ऐसे लोगों के इलाज का खर्च वहन करेगी.

जैन ने दावा किया कि दिल्ली की सड़कों पर हर साल 8000 दुर्घटनाएं होती हैं. इसमें 15 से 20 हजार लोग प्रभावित होते हैं और सड़क दुर्घटनाओं में प्रति वर्ष तकरीबन 1600 लोगों की मौत होती है.

योजना के बारे में बात करते हुए जैन ने कहा कि यह योजना और नव स्वीकृत सड़क दुर्घटना योजना को उपराज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद एक साथ शुरू किया जाएगा.

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