लोकसभा की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, 13 बैठकों में 61 घंटे से अधिक कार्यवाही चली

शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में 16 सरकारी विधेयक पेश किए गए और 12 विधेयक पारित हुए.

New Delhi : A view of Parliament House in New Delhi on Wednesday. PTI Photo by Atul Yadav (PTI12_19_2012_000056A)

शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में 16 सरकारी विधेयक पेश किए गए और 12 विधेयक पारित हुए.

New Delhi : A view of Parliament House in New Delhi on Wednesday. PTI Photo by Atul Yadav (PTI12_19_2012_000056A)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: संसद के शुक्रवार को समाप्त हुए शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में 13 बैठकें हुईं जो 61 घंटे और 48 मिनट चलीं. सत्र के दौरान निचले सदन में 16 सरकारी विधेयक पेश किए गए और 12 विधेयक पारित हुए.

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसकी सदन में जानकारी दी और इसके बाद लोकसभा की बैठक अनिश्चिचकाल के लिए स्थगित कर दी गई.

सुमित्रा महाजन ने बताया कि 15 दिसंबर 2017 को आरंभ हुए सोलहवीं लोकसभा के तेरहवें सत्र में व्यवधानों और उसके परिणाम स्वरूप स्थगनों के कारण 14 घंटे और 51 मिनट का समय नष्ट हुआ तथा सभा ने 8 घंटे 10 मिनट देर तक बैठकर विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की.

इस सत्र के दौरान महत्वपूर्ण वित्तीय, विधायी और अन्य कार्य निपटाए गए. वर्ष 2017-18 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के दूसरे और तीसरे बैच के बारे में छह घंटे से अधिक चर्चा हुई और इसके बाद इन्हें मतदान के लिए रखा गया एवं संबंधित विनियोग विधेयक पारित किए गए.

सत्र के दौरान पारित होने वाले महत्वपूर्ण विधेयकों में केंद्रीय सड़क निधि संशोधन विधेयक 2017, स्थावर संपत्ति अधिग्रहण और अर्जन संशोधन विधेयक 2017, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र विधियां विशेष उपबंध दूसरा संशोधन विधेयक 2017, माल एवं सेवाकर राज्यों को प्रतिकर संशोधन विधेयक 2017, मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2017, उच्च एवं उच्चतम न्यायालय न्यायाधीश वेतन एवं सेवा शर्त संशोधन विधेयक 2017 शामिल हैं .

सत्र के दौरान 280 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध किए गए जिनमें 45 प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए. इस दौरान औसतन प्रतिदिन लगभग 3.46 प्रश्नों के उत्तर दिये गए. शेष तारांकित प्रश्न उत्तरों के साथ सभा पटल पर रखे गए.

इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी आदि उपस्थित थे.

लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि सदस्यों ने प्रश्नकाल के पश्चात और शाम देर तक बैठकर लगभग 198 अविलंबनीय लोक महत्व के मामले उठाए. सदस्यों ने नियम 377 के अधीन 226 मामले भी उठाए. स्थायी समितियों ने सभा में 53 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए.

सभा में दक्षिण भारत में ओखी चक्रवात के विशेष संदर्भ में देश के विभिन्न भागों में प्राकृतिक आपदाओं के बारे में नियम 193 के अधीन एक अल्पकालिक चर्चा भी हुई. चर्चा गृह मंत्री राजनाथ सिंह के उत्तर के साथ पूरी हुई.

अन्य विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर मंत्रियों ने 55 वक्तव्य दिए और संसदीय कार्य मंत्री ने सरकारी कार्य के बारे में 2 वक्तव्य दिए. सत्र के दौरान 2,255 पत्र सभा पटल पर रखे गए.

गैर सरकारी सदस्यों के कार्य के अंतर्गत विभिन्न विषयों पर सदस्यों ने 98 निजी विधेयक पेश किए. विंसेंट एच पाला द्वारा पिछले सत्रों के दौरान पेश किए गए संविधान की छठी अनुसूची संशोधन विधेयक 2015 पर विचार किए जाने के प्रस्ताव को 29 दिसंबर 2017 को आगे चर्चा के लिए लिया गया. चर्चा उस दिन पूरी नहीं हुई.

जहां तक गैर सरकारी सदस्यों के संकल्पों का संबंध है, विभिन्न रक्षा स्थापनों के समीप स्थित भवनों के जीर्णोद्धार के संबंध में गोपाल शेट्टी द्वारा पेश संकल्प पर 22 दिसंबर 2017 को आगे चर्चा हुई और उसी दिन शाम को सभा की अनुमति से इसे वापस ले लिया गया.

राघव लखनपाल द्वारा 22 दिसंबर 2017 को जनसंख्या नियंत्रण पर एक सख्त नीति के कार्यान्वयन के बारे में एक अन्य संकल्प पेश किया गया और इस पर आंशिक चर्चा हुई.

अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी मंत्रियों, विभिन्न दलों और समूहों के नेताओं और मुख्य सचेतकों तथा मीडिया को धन्यवाद दिया.

इसके बाद सदन में वंदे मातरम की धुन बजाई गई और अध्यक्ष ने सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की.

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