भारत सरकार उस नीति में सुधार करे जिसने भारतीयों की निजता नष्ट की: एडवर्ड स्नोडेन

अमेरिकी ह्विसिल ब्लोवर स्नोडेन ने कहा कि आधार लीक मामले में द ट्रिब्यून की पत्रकार पर कार्रवाई की जगह उसे पुरस्कृत करना चाहिए.

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अमेरिकी ​ह्विसिल ब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन. (फोटो साभार: फेसबुक)

अमेरिकी ह्विसिल ब्लोवर स्नोडेन ने कहा कि आधार लीक मामले में द ट्रिब्यून की पत्रकार पर कार्रवाई की जगह उसे पुरस्कृत करना चाहिए.

अमेरिकी ह्विसिल ब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन. (फोटो साभार: फेसबुक)
अमेरिकी ह्विसिल ब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन. (फोटो साभार: फेसबुक)

लंदन/नई दिल्ली: अमेरिकी ह्विसिल ब्लोवर एडवर्ड स्नोडेन ने मंगलवार को कहा कि आधार डेटा में कथित सेंध पर खबर देने वाली भारतीय पत्रकार के खिलाफ जांच बिठाने की जगह उसे पुरस्कृत किया जाना चाहिए.

स्नोडेन ने यह भी कहा कि भारत सरकार को अपने नागरिकों की निजता की रक्षा के लिए अपनी नीति में सुधार करना चाहिए. स्नोडेन सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (सीआईए) के एक पूर्व कर्मचारी हैं, जिन्होंने फोन और इंटरनेट संचार पर अमेरिकी निगरानी का खुलासा किया था.

स्नोडेन ने अपने ट्वीट में कहा, आधार में सेंध का खुलासा करने वाली पत्रकार जांच की नहीं बल्कि पुरस्कार की हकदार हैं. अगर सरकार वाकई न्याय को लेकर चिंतित है तो वे नीति में सुधार करेंगे, जिसने एक अरब भारतीयों की निजता नष्ट कर दी है. जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं उनकी गिरफ्तारी चाहता हूं.

आधार 12 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या है, जो भारत के हर निवासी को जारी किया जाता है. यह इन निवासियों के बायोमीट्रिक और जनांकिकीय आंकड़ों पर आधारित होता है. ये आंकड़े एक वैधानिक प्राधिकार भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) जुटाता है.

दिल्ली पुलिस ने आधार डेटा में कथित सेंध संबंधी खबर पर यूआईडीएआई की शिकायत पर एक प्राथमिकी दर्ज की थी. साल 2013 से रूस की शरण में रह रहे 34 वर्षीय स्नोडेन ने कहा, निजी जीवन का रिकॉर्ड रखने की इच्छा सरकार की स्वाभाविक प्रवृात्त है. इतिहास दर्शाता है कि भले ही कानून हो, नतीजा इसका दुरुपयोग होता है.

आधार डेटा में कथित सेंधमारी की पुलिस जांच की एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया समेत विभिन्न मीडिया संगठनों और निकायों ने निंदा की है और मामले को वापस लेने की मांग की है.

पंजाब सरकार ने ट्रिब्यून कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया

पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार ने आधार डाटा के कथित खुलासे की रिपोर्ट को लेकर द ट्रिब्यून की पत्रकार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के विरुद्ध उसके कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया.

एक आधिकारिक बयान के अनुसार ट्रिब्यून के कर्मचारी संघ ने प्राथमिकी खारिज करने की मांग को लेकर मंगलवार को प्रदर्शन किया और उस दौरान कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़ और मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने भी प्रदर्शन में भाग लिया.

बाजवा ने आधार संबंधी रिपोर्ट को लेकर ट्रिब्यून की रिपोर्टर के खिलाफ केंद्र सरकार की परेशान करने वाली कथित कार्रवाई की निंदा की. जाखड़ ने पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज करने को लेकर केंद्र की निंदा की और कहा कि जब भाजपा केंद्र में विपक्ष में थी तब उसने आधार का विरोध किया था. केंद्र को आधार प्रणाली की त्रुटियां दूर करनी चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निजता की रक्षा हो.

भाजपा सरकार मीडिया पर बलपूर्वक दबाव बना रही है: येचुरी

माकपा नेता सीताराम येचुरी ने आधार संबंधी आंकड़ों के लीक होने से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट पर प्राथमिकी दर्ज करने के मामले को प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताया है.

येचुरी ने सोमवार को कहा कि इस मामले में दर्ज की गई प्राथमिकी भाजपा सरकार द्वारा मीडिया के ईमानदार वर्ग को डराने, धमकाने और बलपूर्वक दबाव बनाने की पिछले कुछ समय से हो रही घटनाओं की श्रृंखला का हिस्सा है.

येचुरी ने ट्वीट कर कहा हम सरकार के इस कदम की निंदा करते हैं और प्रेस के खिलाफ इस तरह के दमनकारी रवैये का आगे भी विरोध करते रहेंगे. येचुरी ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों के बाद क्या अब सरकार पर तंज कसने वाले कार्टूनिस्टों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाएगी?

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