उम्मीद है कि शियाओं के बाद सुन्नी भी राम मंदिर का समर्थन करेंगे: केंद्रीय मंत्री

बीते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शिया वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध करने वाले मुस्लिमों को पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाना चाहिए.

गिरिराज सिंह (फोटो: पीआईबी)

बीते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शिया वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध करने वाले मुस्लिमों को पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाना चाहिए.

Shri Giriraj Singh taking charge as the Minister of State for Micro, Small & Medium Enterprises (I/C), in New Delhi on September 04, 2017.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह. (फोटो साभार: पीआईबी)

ठाणे: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उम्मीद जताई है कि शियाओं की तरह ही सुन्नी मुसलमान भी अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के समर्थन में आगे आएंगे. भाजपा नेता ने ठाणे में 25वें राष्ट्रीय कवि सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर यह बात कही.

उन्होंने शनिवार रात संवाददाताओं से कहा ‘शियाओं ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर समर्थन जताया है. मुझे उम्मीद है कि सुन्नी मुसलमान भी इसे अपना समर्थन देंगे.’

पिछले साल नवंबर में उत्तर प्रदेश शिया केंद्रीय वक़्फ़ बोर्ड ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल को लेकर दशकों से चल रहा विवाद सुलझाने के लिए उच्चतम न्यायालय में एक प्रस्ताव सौंपते हुए कहा था कि अयोध्या में मंदिर बनाया जा सकता है और मस्जिद लखनऊ में बनाई जा सकती है.

सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विपक्ष द्वारा आलोचना को ख़ारिज करने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया का ख़ूब उपयोग किया था. पिछले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला था.

उन्होंने कहा ‘उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने प्रधानमंत्री की ख़ूब आलोचना की लेकिन मैंने यह संदेश देने के लिए सोशल मीडिया का खूब उपयोग किया कि (उनकी अगुवाई में) क्या-क्या अच्छा किया गया और आपने खुद ही परिणाम देखा.’

अपने संबोधन में सिंह ने कहा कि बढ़ती आबादी पर रोक की ज़रूरत है क्योंकि यह देश के सामने मौजूद एक बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि आबादी रोकने के लिए तथा ज़मीन और पानी जैसे संसाधनों के उपयोग पर दबाव कम करने के लिए जन्म नियंत्रण उपायों की ज़रूरत है.

ग़ौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर आठ फरवरी से सुनवाई करने वाला है.

बता दें कि बीते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शिया वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध करने वाले मुस्लिमों को ‘पाकिस्तान या बांग्लादेश’ चले जाना चाहिए.

रिज़वी ने शुक्रवार को अयोध्या में विवादित ज़मीन के पास नमाज़ पढ़ी और राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास से मुलाकात की.

इस मौके पर उन्होंने कहा था, ‘जो लोग अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर बनाने का विरोध कर रहे हैं और बाबरी मस्जिद चाहते हैं… ऐसे कट्टर मानसिकता वाले लोगों को पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाना चाहिए. ऐसे मुसलमानों के लिए भारत में कोई स्थान नहीं है.’

रिजवी ने बताया था, ‘मस्जिद के नाम पर जो जिहाद फैलाना चाहते हैं उन्हें ज़रूर चले जाना चाहिए और आईएसआईएस प्रमुख अबू बकर अल बगदादी के गुट में शामिल होना चाहिए.’

गिरिराज सिंह पहले भी विवादित बयान देते रहे हैं. उन्होंने हिंदुओं को जनसंख्या बढ़ाने की भी नसीहत दे दी थी. रोहिंग्या मामले में भी उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को रोहिंग्या मुसलमानों को रख लेना चाहिए. 

दैनिक भास्कर के अनुसार, कासगंज हिंसा को लेकर भी सिंह ने कहा, ‘मुझे लगता है कि कासगंज में हिंसा की प्लानिंग पहले से थी. अगर चंदन गुप्ता की बजाय दूसरे समुदाय का कोई शख़्स मारा जाता तो मीडिया में अलग तरह की डिबेट होती. अब मेजॉरिटी कम्युनिटी के एक शख़्स की मौत हुई है तो मीडिया ने अलग लाइन अपना ली है. हमें इस सोच को बदलना होगा.’

2014 के लोकसभा चुनाव के वक़्त गिरिराज सिंह ने कहा था कि नरेंद्र मोदी का विरोध करने वाले को पाकिस्तान चले जाना चाहिए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)