बेंगलुरू में मोदी के रैली स्थल के पास डिग्री लेने वाले परिधान पहन छात्रों ने बेचा पकौड़ा

छात्र-छात्राओं ने ‘मोदी पकौड़ा’, ‘अमित शाह’ पकौड़ा तथा ‘डॉ. येद्दि’ पकौड़ा बेचने के साथ इस संबंध में दिए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की निंदा की.

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बेंगलुरु में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से पहले छात्र-छात्राओं ने पकौड़ा बेचकर उनका विरोध किया. (फोटो साभार: फेसबुक/चंद्र मिश्रा)

छात्र-छात्राओं ने ‘मोदी पकौड़ा’, ‘अमित शाह’ पकौड़ा तथा ‘डॉ. येद्दि’ पकौड़ा बेचने के साथ इस संबंध में दिए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की निंदा की.

बेंगलुरु में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से पहले छात्र-छात्राओं ने पकौड़ा बेचकर उनका विरोध किया. (फोटो साभार: फेसबुक/चंद्र मिश्रा)
बेंगलुरु में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से पहले छात्र-छात्राओं ने पकौड़ा बेचकर उनका विरोध किया. (फोटो साभार: फेसबुक/चंद्र मिश्रा)

बेंगलुरु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार को बेंगलुरू में हुई रैली स्थल से कुछ ही मीटर की दूरी पर कॉलेज के कुछ छात्रों के एक समूह ने पकौड़ा बेचा, हालांकि रैली से कुछ घंटे पहले ही पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को खदेड़ दिया था.

नौकरी सृजन को लेकर प्रधानमंत्री के पकौड़ा संबंधी बयान के विरोध में छात्रों ने उनके रैली स्थल के निकट रविवार को पकौड़ा बेचा.

छात्रों ने वहां आने-जाने वालों तथा रैली में जा रहे लोगों को ‘मोदी पकौड़ा’, ‘अमित शाह’ पकौड़ा तथा ‘डॉ. येद्दि’ (कर्नाटक भाजपा प्रमुख बीएस येदियुरप्पा) पकौड़ा बेचा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैलेस ग्राउंड में एक रैली को संबोधित करना था. इस ग्राउंड के पास स्थित महकरी सर्किल के पास छात्र-छात्राओं आए तथा पकौड़ा बेचने और नौकरी सृजन संबंधी बयान का विरोध किया.

बाद में पुलिस ने उन लोगों को हिरासत में लिया.

बेंगलुरु में रविवार को छात्रों ने डिग्री लेने वाला गाउन पहनकर पकौड़ा बेचा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पकौड़ा बेचने संबंधी बयान की निंदा की. (फोटो साभार: एएनआई)
बेंगलुरु में रविवार को छात्रों ने डिग्री लेने वाला गाउन पहनकर पकौड़ा बेचा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पकौड़ा बेचने संबंधी बयान की निंदा की. (फोटो साभार: एएनआई)

बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में उनसे जब अपर्याप्त नौकरी सृजन के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि चैनल के स्टुडियो के बाहर अगर कोई पकौड़ा बेचकर प्रतिदिन 200 रुपये कमाता है तो उसे भी नौकरी के तौर पर माना जाना चाहिए.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, ये छात्र-छात्राएं राष्ट्रीय स्टूडेंट्स यूनियन आॅफ इंडिया (एनएसयूआई) से जुड़े हुए थे. ये छात्र-छात्राएं अपने ग्रेजुएशन गाउन पहने हुए थे. इन लोगों ने प्रधानमंत्री के पकौड़ा बेचने संबंधी बयान का विरोध किया. इनमें से एक छात्र एक कड़ाही में पकौड़े तल रहा था, जबकि बाकि के छात्र-छात्राएं पकौड़ा के मेन्यू वाले बैनर पोस्टर लिए हुए थे.

इंडिया टुडे से बातचीत में कर्नाटक में एनएसयूआई के उपाध्यक्ष जीतेंद्र शाह ने कहा, ‘हम कई सालों से नौकरी का इंतज़ार कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार ने कुछ नहीं किया है. हम पकौड़ा बेचने के संबंध में दिए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की निंदा करते हैं. हम सब फीस भरते हैं और पढ़ते हैं लेकिन आज हमारे पास नौकरी नहीं हैं. वो दो करोड़ नौकरियां कहां हैं जिसका वादा किया गया था?’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)