तेंदुलकर ने ब्लाइंड क्रिकेट को मान्यता देने की बीसीसीआई से अपील की

सचिन तेंदुलकर ने कहा कि इन खिलाड़ियों को बीसीसीआई की पेंशन योजना के तहत लाया जा सकता है ताकि उन्हें वित्तीय सुरक्षा मिल सके.

सचिन तेंदुलकर. (फोटो: रॉयटर्स)

सचिन तेंदुलकर ने कहा कि इन खिलाड़ियों को बीसीसीआई की पेंशन योजना के तहत लाया जा सकता है ताकि उन्हें वित्तीय सुरक्षा मिल सके.

सचिन तेंदुलकर. (फोटो: रॉयटर्स)
सचिन तेंदुलकर. (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली:  क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से आग्रह किया है कि वह भारतीय दृष्टिहीन क्रिकेट संघ (क्रिकेट एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड इन इंडिया- केबी) को अपने संरक्षण में लेकर इसके खिलाड़ियों को बोर्ड की पेंशन योजना के तहत ले आए.

तेंदुलकर ने प्रशासकों की समिति (सीओए) के अध्यक्ष विनोद राय को पत्र लिखकर केबी को मान्यता देने की अपील की है. भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट टीम ने हाल ही में पाकिस्तान को हराकर विश्व कप जीता था.

अपने पत्र में तेंदुलकर ने लिखा, ‘हमने लगातार चौथी बार ब्लाइंड वर्ल्ड कप जीता. मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि भारतीय दृष्टिहीन क्रिकेट संघ को बीसीसीआई मान्यता देने पर विचार करें.’

टीम के जुझारूपन की तारीफ करते हुए उन्होंने इसे दूसरों के लिए मिसाल बताया.  उन्होंने कहा ,‘इस टीम ने कई बाधाओं का सामना करके अपना फोकस देश का नाम रोशन करने पर रखा. यह जीत प्रेरणास्पद है और हमें इंसानी दिमाग की अंतहीन क्षमता से रूबरू कराती है.’

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उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि बीसीसीआई ने अतीत में भी इन खिलाड़ियों का साथ दिया है और इस बार भी देगा. तेंदुलकर ने आगे कहा, ‘आप इन खिलाड़ियों को बीसीसीआई की पेंशन योजना के तहत ला सकते हैं ताकि उन्हें दीर्घकालीन वित्तीय सुरक्षा मिले.’

गौरतलब है कि भारत में ब्लाइंड क्रिकेट का संचालन करने वाला केबी बेंगलुरु के समर्थनम ट्रस्ट के सहयोग से चलता है. केबी के आर्थिक हालातों की बात करें तो भारत में ही आयोजित हुए पिछले टी20 ब्लाइंड वर्ल्ड कप के आयोजन के लिए उसे देश भर से चंदा मांगना पड़ा था. केबी को बीसीसीआई की मान्यता नहीं मिली है और उसे सरकारी मदद भी न के बराबर मिलती है.

खिलाड़ियों के आर्थिक हालात भी ऐसे हैं कि वे दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करके अपना घर चलाते हैं. सालों से केबी और ब्लाइंड क्रिकेटर भारत सरकार और बीसीसीआई से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें मान्यता दी जाए, ताकि उनके आर्थिक हालात सुधरें.

इन चुनौतीपूर्ण हालातों के बावजूद खिलाड़ियों ने अपने खेल का स्तर बनाए रखा. भारतीय टीम लगातार चार विश्वकप जीत चुकी है, जिसमें दो टी20 और दो एकदिवसीय विश्वकप शामिल हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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