झूठ बोलो, ज़ोर से बोलो, बार-बार बोलो, ऐसी कुछ लोगों की आदत हो गई है: मोदी

लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सिर्फ़ घोषणाएं कर, अख़बार की सुर्ख़ियों में छा जाना हमारी संस्कृति नहीं.

New Delhi: Prime Minister Narendra Modi speaks in the Lok Sabha, at the parliament in New Delhi on Wednesday. PTI Photo / TV Grab (PTI2_7_2018_000095B)

लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सिर्फ़ घोषणाएं कर, अख़बार की सुर्ख़ियों में छा जाना हमारी संस्कृति नहीं.

New Delhi: Prime Minister Narendra Modi speaks in the Lok Sabha, at the parliament in New Delhi on Wednesday. PTI Photo / TV Grab (PTI2_7_2018_000095B)
बुधवार को लोकसभा में भाषण देते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: नेहरू-गांधी परिवार पर तीखा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस ने देश के टुकड़े करने का काम किया और कांग्रेस के लोगों ने पूरा समय एक ही परिवार के गीत गाने में लगा दिया जिसके कारण देश की जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठा दिया.

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि सिर्फ़ विरोध की ख़ातिर विरोध करना कितना उचित है. ‘मेरी आवाज़ दबाने की इतनी कोशिश नाकाम रहेगी. सुनने के लिए हिम्मत चाहिए.’

प्रधानमंत्री ने जब जवाब देना शुरू किया तब कांग्रेस और वामदलों के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाज़ी करने लगे.

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘जब आपने देश का विभाजन किया तब जो ज़हर बोया, आज आज़ादी के 70 साल बाद एक दिन ऐसा नहीं जाता है जब आपके उस पाप की सज़ा 125 करोड़ हिंदुस्तानी नहीं सहते हों. आपने देश के टुकड़े किए.’

नेहरू-गांधी परिवार पर प्रहार जारी रखते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लोग जिन विचारों से पले-बढ़े हैं, वैसा माहौल उन्हें देश की आज़ादी के बाद मिला था. पंचायत से संसद तक वे ही थे. देश में उनका कोई विरोध नहीं था. ‘लेकिन आपने पूरा समय एक परिवार के गीत गाने में लगा दिया. देश के इतिहास को भुलाकर सारी शक्ति इसमें लगा दी.’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आपने मां भारती के टुकड़े कर दिए, उसके बाद भी देश आपके साथ रहा था. आप उस ज़माने में देश पर राज़ कर रहे थे. रेडियो, टीवी आपकी भाषा बोलते थे. न्यायपालिका में नियुक्ति आप करते थे. तब पीआईएल नहीं होते थे.’

उन्होंने कहा कि उस समय देश को आगे ले जाने का अगर ज़ज़्बा होता, ज़िम्मेदारी से काम किया होता तो देश की जनता में सामर्थ्य था कि देश कहां से कहां पहुंचा देते. लेकिन आप अपनी ही धुन गाते रहे, एक परिवार के गीत गाते रहे.

मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं को लगता है, जैसे कि 15 अगस्त 1947 से पहले भारत नाम का देश था ही नहीं. इसे अहंकार नहीं कहा जाए तो क्या कहा जाए. कांग्रेस के नेता कह रहे थे कि लोकतंत्र नेहरू लेकर आए. जबकि बिहार में लिच्छवी गणराज्य में 2500 वर्ष पहले लोकतंत्र था. उस समय चर्चा होती थी, वोटिंग होती थी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि संसदीय प्रणाली, लोकतंत्र, देश, विपक्ष ये सारे ज़िम्मेदारी के विषय हैं. यह पता होना चाहिए. देश एक नए भारत के सपने को लेकर आगे बढ़ना चाहता है. महात्मा गांधी ने युवा भारत की बात कही थी, स्वामी विवेकानंद ने नए भारत की बात कही थी. तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नए भारत की बात कही थी.

उन्होंने कहा, ‘आलोचना लोकतंत्र की ताक़त है, होनी चाहिए. लेकिन लोकतंत्र झूठे आरोप लगाने का हक़ नहीं देता है, राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए देश को निराश करने का अधिकार किसी को नहीं देता है.’

मोदी ने कहा कि जब भी विपक्ष में कुछ लोग आलोचना करते हैं तो उसमें तथ्य नहीं होते. भारत की आज़ादी के साथ कई देश आज़ाद हुए. वे देश हमसे तेज़ गति से आगे बढ़े हैं. हम नहीं बढ़ पाए, इस बात को मानना पड़ेगा.

प्रधानमंत्री ने अपने करीब डेढ़ घंटे के भाषण में पंडित जवाहर लाल नेहरू, राजीव गांधी और राहुल गांधी पर परोक्ष निशाना साधा.

कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘आपने सही नीति बनाई होती, नीयत साफ़ होती तो देश आज से कई गुना आगे और अच्छा होता.’

कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर परोक्ष निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक सदस्य ने कहा कि देश को नेहरू ने, कांग्रेस ने लोकतंत्र दिया. ‘आपको पता होगा. जब लिच्छवी साम्राज्य था, जब बौद्ध परंपराएं थीं तब भी हमारे देश में लोकतंत्र की गूंज थी. नेहरू जी ने लोकतंत्र नहीं दिया.’

उन्होंने कहा कि कर्नाटक के जगदगुरु बसवेश्वर ने अभिनव मंडपम की स्थापना की थी. गांव के सारे निर्णय लोकतांत्रिक तरीके से होते थे. महिला सशक्तीकरण का काम होता था. 12वीं शताब्दी में लोकतंत्र को प्रतिस्थापित करने का काम हुआ था.

मोदी ने कहा, ‘लोकतंत्र हमारी रगों में, हमारी परंपराओं में है.’

कांग्रेस पार्टी के आंतरिक चुनाव के तरीकों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ही एक नेता ने हाल ही में आपकी पार्टी के आंतरिक चुनाव पर कहा था कि जहांगीर की जगह पर शाहजहां आए, शाहजहां की जगह औरंगज़ेब आए. वहां चुनाव नहीं हुआ. यहां भी आ गए. कांग्रेस लोकतंत्र की बात न करे.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग किस मुंह से लोकतंत्र की बात करते हैं. इस देश में 90 से अधिक बार अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग करते हुए राज्य सरकारों को, उन राज्यों में उभरती पार्टियों को उखाड़कर फेंक दिया गया.

कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए मोदी ने कहा, ‘आप एक परिवार को ही लोकतंत्र मानते हो.’

प्रधानमंत्री जब अपनी बात रख रहे थे तब सदन में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद थे.

प्रधानमंत्री के जवाब के बाद सदन ने विपक्ष के संशोधनों को अस्वीकार करते हुए ध्वनिमत से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी. प्रधानमंत्री के जवाब के बाद कांग्रेस, तृणमूल और वामदलों ने सदन से वॉकआउट किया.

मुख्य विपक्षी पार्टी पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि आज़ादी के बाद कांग्रेस में व्यापक समर्थन के बावजूद सरदार वल्लभ भाई पटेल को नेतृत्व नहीं दिया गया. अगर पटेल प्रधानमंत्री बनते तो कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के पास नहीं होता.

उन्होंने राहुल पर परोक्ष हमला बोलते हुए कहा कि कुछ वर्ष पहले जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे. कांग्रेस पार्टी के एक पदाधिकारी ने प्रेस के सामने कैबिनेट के निर्णय के टुकड़े-टुकड़े कर दिए. ऐसे में कांग्रेस के लोगों के मुंह से लोकतंत्र की बात शोभा नहीं देती.

कांग्रेस, वामदल सदस्यों के हंगामे के बीच मोदी ने कहा, ‘मेरी आवाज़ दबाने की इतनी कोशिश नाकाम रहने वाली हैं. सुनने की हिम्मत चाहिए.’

उन्होंने कहा कि आंध्र के लोगों की भावना का आदर किए बिना प्रदेश के विभाजन के बारे में निर्णय किया गया. तेलंगाना के पक्ष में हम पहले भी थे, आज भी हैं.

मंगलवार से लोकसभा में तेदेपा और वाईएसआई कांग्रेस के सदस्यों द्वारा आंध्र प्रदेश के विभिन्न मुद्दों पर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आपने उस दिन जो बीज बोए. चुनाव के लिए हड़बड़ी में जो किया. उसी का नतीजा है कि चार साल बाद भी समस्याएं जस की तस हैं.’

मोदी ने कहा कि सिर्फ़ घोषणाएं करके, अख़बार की सुर्ख़ियों में छा जाना, जनता की आंखों में धूल झोंकना हमारी संस्कृति नहीं है. हम उन्हीं चीज़ों को हाथ लगाते हैं जिन्हें पूरा कर सकते हैं. ‘हम अधूरी-अटकी हुई चीज़ों को पूरा करने का प्रयास करते हैं. क्योंकि हमारा मानना है सरकारें आती-जाती रहती हैं लेकिन देश रहता है.’

बैंकों का एनपीए कांग्रेस के पाप का नतीजा, देश उसे माफ़ नहीं करेगा: मोदी

बैंकों के एनपीए के बारे में कांग्रेस के आरोपों को सिरे से ख़ारिज करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि वे बैंकों की ग़ैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के बारे में चार वर्षों तक कांग्रेस के झूठ को झेलते रहे, जो कांग्रेस के पाप का नतीजा है और देश इस पाप के लिए उसे कभी माफ़ नहीं करेगा.

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भ्रष्टाचार और कालेधन के मामले में कोई भी बचने वाला नहीं है. पहली बार पूरे देश में चार-चार पूर्व मुख्यमंत्रियों को न्यायपालिका ने दोषी क़रार दिया है. वे जेल में रहेंगे. कोई नहीं बचेगा. मैं इस काम में पीछे रहने वाला नहीं हूं. मैं लड़ने वाला आदमी हूं.’

उन्होंने कहा कि देश में ईमानदारी का माहौल बना है. अधिक लोग आगे आ रहे हैं, आयकर दे रहे हैं. उन्हें भरोसा है कि सरकार के खज़ाने का पाई-पाई का हिसाब मिलेगा.

बैंकों के एनपीए पर कांग्रेस के आरोपों के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘झूठ बोलो, ज़ोर से झूठ बोलो, बार-बार झूठ बोलो. ऐसी कुछ लोगों की आदत हो गई है.’

मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उद्धृत करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा, ‘छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता.’

उन्होंने कहा, ‘मैं बताना चाहता हूं कि एनपीए की सचाई क्या है. एनपीए के पीछे पुरानी सरकार के कारोबार हैं. शत-प्रतिशत पुरानी सरकार ज़िम्मेदार है. ऐसी बैंकिंग नीति बनाई थी जिसमें बैंकों पर दबाव बनाए जाते थे. चहेतों को लोन दिलाया गया. बैंक से गया पैसा कभी वापस नहीं आया.’

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उस समय देश लूटा जा रहा था. उन्होंने अरबों-खरबों रुपये दे दिए.

उन्होंने कहा कि अगर मुझे राजनीति करनी होती तो पहले ही दिन देश के सामने सारे तथ्य रख देता. ऐसे समय बैंकों की दुर्दशा की बात देश के अर्थतंत्र को तबाह कर देती. देश में ऐसा माहौल बन जाता जिससे निकालना मुश्किल हो जाता. ‘इसलिए देश की भलाई के लिए आपके पापों को लेकर मैं मौन रहा.’

मोदी ने कहा कि अब बैंकों को आवश्यक ताक़त दे दी गई है. हमने योजना बनाई. पुन: पूंजीकरण पर काम किया है. बैंकिंग क्षेत्र को ताक़त दी है. चार साल झूठ झेलता रहा. आज देश के सामने सच रख रहे हैं.

उन्होंने कहा कि वह लोकतंत्र के मंदिर में कहना चाहते हैं कि नई सरकार आने के बाद एक भी लोन ऐसा नहीं दिया जिसमें एनपीए की नौबत आई हो.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने एनपीए को छिपाया, आंकड़े गलत दिए. उसने अपने कार्यकाल में लोन एडवांस पर 36 प्रतिशत एनपीए होने की बात कही. हमने पता लगाया तो यह 82 प्रतिशत था. कांग्रेस ने इसे छिपाया क्योंकि उसमें उसके हित थे.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मेरा स्वच्छता अभियान केवल चौराहों तक नहीं है. आचार, विचार में भी है.’

मोदी ने कहा, ‘आज जो ब्याज बढ़ रही है, वह आपके समय के पाप का नतीजा है. देश इस पाप के लिए कभी आपको माफ़ नहीं करेगा. कभी तो देश को इसका हिसाब आपको देना होगा.’

उन्होंने कहा, ‘हिट एंड रन वाली राजनीति चल रही है. कीचड़ फेंको और भाग जाओ. जितना कीचड़ उछाल लो, कमल उतना ही खिलेगा.’

मोदी ने कहा कि आपने क़तर से गैस लेने का 20 साल का क़रार किया था. जब उनकी सरकार आई तो क़तर से बात की, उन्हें मनाया और गैस की ख़रीद पर 8000 करोड़ रुपये बचाए. इसी तरह से आॅस्ट्रेलिया के साथ एक क़रार में 4000 करोड़ रुपये बचाए.

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘अब ज़्यादा पैसे किसने दिए, क्यों दिए, किसके हित के लिए दिए. आप ये जवाब नहीं देंगे लेकिन देश की जनता जवाब मांगेंगी.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकार के समय में सीएफएल बल्ब 350 रुपये का मिलता था, आज 40 रुपये में मिल रहा है. कंपनी वही है, तकनीक में कोई अंतर नहीं. ये कैसे हुआ, यह कोई बताए.

उन्होंने कहा कि जिसे जितना लूटना है लूटो, लेकिन हमारा ख्याल रखो. कांग्रेस का यही मंत्र रहा.

अपनी सरकार की उपलब्धियों का ज़िक्र करते हुए मोदी ने कहा कि विश्व में भारत का मान-सम्मान बढ़ा हैं भारत के पासपोर्ट की ताकत बढ़ी है. ‘आपको इसमें शर्म आती है. विदेश में देश को ग़लत तरह से पेश कर रहे हो. जब देश डोकलाम में खड़ा था, आप चीन के लोगों से बात कर रहे थे.’

मोदी ने बशीर बद्र के शेर के बहाने कांग्रेस पर तंज़ किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मशहूर शायर बशीर बद्र के शेर के ज़रिये कांग्रेस पर तंज किया जिसमें कहा गया है, ‘जी बहुत चाहता है सच बोलें, क्या करें हौसला नहीं होता.’

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए मंगलवार को कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बशीर बद्र को उद्धृत करते हुए कहा था कि दुश्मनी जमकर करो, लेकिन ये गुंज़ाइश रहे जब कभी दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा नहीं हों.’

चर्चा का जवाब देते हुए बुधवार को मोदी ने कहा कि कल वह कांग्रेस पार्टी के नेता खड़गे जी का भाषण सुन रहे थे. वे समझ नहीं पा रहा था कि वे सत्तापक्ष को संबोधित कर रहे थे, आंध्र के लोगों को संबोधित कर रहे थे या अपने ही दल के नीति निर्धारकों को ख़ुश करने का प्रयास कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता खड़गे ने अपनी बात बशीर बद्र की शायरी से शुरू की. वह आशा करते हैं कि जो शायरी सुनाई है, वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने ज़रूर सुनी हो.

खड़गे के भाषण के संदर्भ में उन्होंने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने उनकी यह गुहार सुन ली होगी. अच्छा होता उस शायरी की पहली दो लाइन भी याद कर लेते.

उन्होंने कहा कि इसमें कहा गया है, ‘जी बहुत चाहता है सच बोलें, क्या करें हौसला नहीं होता.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि वे देश की भलाई के लिए किए गए कार्यों में सभी के योगदान को स्वीकार करते हैं.

उन्होंने सवाल किया, ‘70 साल में लाल क़िले के कांग्रेस के नेताओं के भाषण निकालिए. किसी ने भी नहीं कहा कि देश में जो प्रगति हो रही है, उसमें सभी सरकारों, पूर्व सरकारों का योगदान है.’

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने लाल किले से यह बात कही कि देश जहां है, उसमें पिछली सरकारों, राज्य सरकारों का योगदान है, देश के लोगों का योगदान है.

मोदी ने कहा कि वह गुजरात में जब मुख्यमंत्री थे, उस कालखंड में स्वर्ण जयंती वर्ष में पहले के सभी राज्यपालों के अभिभाषण निकाले, 50 साल का हिसाब अभिलेख बनाया.

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, आपने देश को स्वीकार नहीं किया. सब आपने, आपके परिवार ने किया, यह सोच है. इसलिए आज विपक्ष में हैं.

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