ऑक्सीजन की कमी से नवजातों की मौत का कोई मामला सामने नहीं आया: स्वास्थ्य मंत्री

सदन में एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि ऐसी कोई भी घटना सामने नहीं आई, जहां जीवनरक्षक ऑक्सीजन की कमी से नवजात बच्चों की मौत हुई हो.

Gorakhpur: A child receives treatments in the Encephalitis Ward at the Baba Raghav Das Medical College Hospital in Gorakhpur district on Sunday. More than 30 children have died at the hospital in the span of 48 hours. PTI Photo (PTI8_13_2017_000201A)

सदन में एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि ऐसी कोई भी घटना सामने नहीं आई, जहां जीवनरक्षक ऑक्सीजन की कमी से नवजात बच्चों की मौत हुई हो.

Gorakhpur: A child receives treatments in the Encephalitis Ward at the Baba Raghav Das Medical College Hospital in Gorakhpur district on Sunday. More than 30 children have died at the hospital in the span of 48 hours. PTI Photo (PTI8_13_2017_000201A)
प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई

नई दिल्ली: सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि देश में कहीं भी जीवनरक्षक ऑक्सीजन की कमी की वजह से नवजात बच्चों की मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है.

स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने केवी थॉमस के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘राज्यों से मिली जानकारी के अनुसार ऐसी कोई भी घटना सामने नहीं आई जहां जीवनरक्षक ऑक्सीजन की कमी की वजह से नवजात बच्चों की मौत हुई हो.’

गौरतलब है कि पिछले दिनों गोरखपुर के एक अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत के मामले सामने आये थे और ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत होने के आरोप भी लगे थे, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने गोरखपुर मामले में ऑक्सीजन की कमी के आरोपों को खारिज कर दिया था.

थॉमस ने अपने प्रश्न में पूछा था कि क्या देश के अनेक हिस्सों में ऑक्सीजन की समय पर आपूर्ति नहीं होने की वजह से नवजात बच्चों की मौत हुई?

नड्डा ने अपने उत्तर में यह भी कहा कि नवजात बच्चों को जीवित रखना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र है जहां पांच साल से कम उम्र में बच्चों की मौत के 60 प्रतिशत मामले नवजात शिशुओं के होते हैं.

मंत्री ने अपने उत्तर में कहा कि नवजातों की मृत्यु के मामलों को कम करने के लिए अस्पतालों में प्रसूति, सभी बिंदुओं पर नवजात बच्चों के लिए आवश्यक देखभाल, अस्वस्थ नवजात की देखभाल के लिए विशेष नवजात देखभाल इकाइयों की स्थापना और आशा तथा एएनएम के माध्यम से गृह आधारित नवजात देखभाल प्रणाली स्थापित करने जैसे अनेक उपाय किये गये हैं.