पीएफ की ब्याज दरों में कटौती पीएनबी घोटाले का नतीजा: ममता बनर्जी

टीएमसी प्रमुख ने दावा किया कि पीएनबी घोटाले की वजह से हुए नुकसान की भरपाई के लिए लोगों की जेब से पैसा लिया जा रहा है.

टीएमसी प्रमुख ने दावा किया कि पीएनबी घोटाले की वजह से हुए नुकसान की भरपाई के लिए लोगों की जेब से पैसा लिया जा रहा है.

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फोटो: पीटीआई

हेमताबाद (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को किया कि भविष्य निधि (पीएफ) की ब्याज दरों में नए सिरे से कटौती पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले का परिणाम है और ब्याज दरों में कटौती से कामगार तबका काफी प्रभावित होगा.

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि पीएनबी घोटाले की वजह से हुए 11 हजार 400 करोड़ रुपये के अनुमानित नुकसान की भरपाई करने के लिए धन लोगों की जेब से लिया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि पीएफ के लिये ब्याज दरों में ताजा कटौती से कामगार वर्ग काफी प्रभावित होगा. वे आगे बोलीं कि जब भाजपा नीत राजग सरकार 2014 में सत्ता में आई थी तो पीएफ के लिए ब्याज दर 8.82 फीसदी थी, जो अब घटकर 8.55 फीसदी पर आ गई है.

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने वर्ष 2017-18 के लिए अपने छह करोड़ ग्राहकों के लिए पीएफ पर ब्याज दर घटाकर बुधवार को 8.55 फीसदी कर दी थी. पिछले वित्तीय वर्ष में यह ब्याज दर 8.65 फीसदी थी.

ममता ने कहा, ‘जहां कहीं भी लूट होती है, वहां उसकी भरपाई करने के लिए जनता की जेब से धन वसूला जाता है. उन्होंने उत्तरी दिनाजपुर जिले के इस छोटे से गांव में कहा कि पीएफ की ब्याज दरों में 0.10 फीसदी की इस कटौती से आम लोगों को हुए नुकसान के बारे में सोचें.

बनर्जी ने आगे कहा कि पीएफ, लघु बचत पर ब्याज दरों में इस सरकार ने भारी कटौती की है. उन्होंने आगे कहा कि अब लोग यह नहीं जानते कि वे बैंकों में रखा अपना धन पा भी सकेंगे या नहीं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय समाधान एवं जमा बीमा (एफआरडीआई) विधेयक लाने की योजना बनाई जा रही है. इसके जरिये बैंक यह तय करेंगे कि जमाकर्ता को उसका धन वापस मिलेगा या नहीं, भले ही उसने सावधि जमा में निवेश किया हो.

उन्होंने दावा किया कि फसल को हुए नुकसान समेत विभिन्न कारणों से कर्ज नहीं चुका पाने के बाद 12,000 किसानों ने आत्महत्या की है. हमने केंद्र से किसानों के कर्ज को माफ करने को कहा था, लेकिन उन्होंने नहीं किया.

वे आगे बोलीं कि अगर किसान कर्ज नहीं चुका पाते हैं तो उनकी जमीन या घर छीन लिये जाते हैं. लेकिन सरकार की साठगांठ से बैंकों को लूटा जाता है तो किसे दंडित किया जाना चाहिए.

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