वीवीआईपी की विदेश यात्राओं का 326 करोड़ रुपये का बिल सरकार ने एयर इंडिया को नहीं चुकाया

सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं के संबंध में घाटे में चल रही एयर इंडिया को 118.72 करोड़ रुपये चुकाया जाना बाकी है.

Davos: Prime Minister Narendra Modi emplanes for India after attending the World Economic Forum Summit, in Davos on Wednesday. PTI Photo (PTI1_24_2018_000041B)
Davos: Prime Minister Narendra Modi emplanes for India after attending the World Economic Forum Summit, in Davos on Wednesday. PTI Photo (PTI1_24_2018_000041B)

सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं के संबंध में घाटे में चल रही एयर इंडिया को 118.72 करोड़ रुपये चुकाया जाना बाकी है.

Davos: Prime Minister Narendra Modi emplanes for India after attending the World Economic Forum Summit, in Davos on Wednesday. PTI Photo (PTI1_24_2018_000041B)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार पर घाटे में चल रही राष्ट्रीय एयरलाइंस एयर इंडिया का तकरीबन 326 करोड़ रुपये बकाया है. विभिन्न मंत्रालयों ने वीवीआईपी की विदेश यात्राओं की चार्टर फ्लाइट के बिल की यह राशि नहीं चुकाई है.

देश की राष्ट्रीय उड़ान सेवा जो निजीकरण के कगार पर है, ने सेवानिवृत कोमोडोर लोकेश बत्रा द्वारा सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में विभिन्न मंत्रालयों की वीवीआईपी यात्राओं के संबंध में बकाया बिलों की जानकारी उपलब्ध कराई है.

8 मार्च को दी गई जानकारी से पता चला है कि 31 जनवरी 2018 तक केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों पर वीवीआईपी चार्टर फ्लाइट के 325.81 करोड़ रुपये के बिल बकाया हैं.

कुल बकाये बिलों में से 84.01 करोड़ रुपये के भुगतान पिछले वित्तीय वर्ष के हैं, बाकी 241.80 करोड़ इस साल के हैं.

राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे वीवीआईपी की विदेश यात्राओं के लिए चार्टर्ड विमान एयर इंडिया द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं. एयर इंडिया अपने व्यावसायिक जेट विमानों में ही इन वीवीआईपी की जरूरतों के अनुरूप संशोधन करता है.

उक्त बकाया बिल रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय और कैबिनेट सचिवालय के कोष से चुकाए जाने हैं. एयर इंडिया से प्राप्त जवाब में कहा गया है कि सबसे बड़ी बकाया राशि 178.55 करोड़ रुपये विदेश मंत्रालय के नाम है, उसके बाद कैबिनेट सचिव और प्रधानमंत्री कार्यालय के ऊपर 128.84 करोड़ रुपये और रक्षा मंत्रालय पर 18.42 करोड़ की देनदारी बाकी है.

जवाब से पता चलता है कि 451.71 करोड़ रुपये के बिल पुराने थे जबकि 553.01 करोड़ रुपये के इस साल जारी किए गए थे, इस तरह कुल योग 1004.72 करोड़ रुपये हुआ.

जिसमें से सरकार ने 678.01 करोड़ का भुगतान इस साल किया. भुगतान की गई राशि में 367.70 करोड़ रुपये का भुगतान पिछले साल के बकाए 451.71 करोड़ रुपये के एवज में किया गया था और 311.23 करोड़ का भुगतान इस साल के 533.01 करोड़ रुपये के बिलों की मद में किया गया था.

इस तरह, 31 जनवरी 2018 तक सरकार पर एयर इंडिया का दोनों वर्षों का बकाया मिलाकर 325.81 करोड़ रुपये हुआ.

तीन दिनों पहले ही 5 मार्च को एक अलग जवाब में  केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा था कि 31 दिसंबर 2017 तक कुल बकाया 345.946 करोड़ रुपये था. वीवीआईपी उड़ानों के अतिरिक्त इस राशि में 20.966 करोड़ रुपये यात्रा करने वाले गणमान्यों को सुविधाएं उपलब्ध कराने और इवैकुएशन मिशन चलाने के बकाया थे. एयर इंडिया ने अपने जवाब में सिर्फ वीवीआईपी उड़ानों की जानकारी दी है.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा दिए गए जवाब में विभिन्न मंत्रालयों के हिसाब से बकाए और बिलों की जानकारी अलग-अलग भी दी गई है. जो दिखाता है कि राष्ट्रपति की उड़ानों के बकाए बिल कुल 182.22 करोड़  में से 174.22 करोड़ चुका दिया गया था और 8 करोड़ बकाया है. वहीं, उपराष्ट्रपति के मामले में, 414.28 करोड़ के बकाए में से 216.02 करोड़ रुपये चुकाए गए और 198.54 करोड़ रुपये 31 दिसंबर 2017 तक चुकाए जाने बाकी थे.

वहीं, प्रधानमंत्री के मामले में 272.80 करोड़ में से 154.07 करोड़ रुपये चुकाए गए जबकि 118.72 करोड़ अभी भी चुकाए जाने हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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