सपा-बसपा गठबंधन को समझने में कमी रही, अति आत्मविश्वास उसका एक कारण है: योगी

गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘ये जनता का फैसला है. लोकतंत्र में जनता जर्नादन के रूप में है. हम इस फैसले को स्वीकार करते हैं.’

गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘ये जनता का फैसला है. लोकतंत्र में जनता जर्नादन के रूप में है. हम इस फैसले को स्वीकार करते हैं.’

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा और बसपा की ‘बेमेल सौदेबाज़ी’ को और अपनी पार्टी के अति आत्मविश्वास को गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा के ख़राब प्रदर्शन के लिए फौरी तौर पर ज़िम्मेदार बताया और कहा कि पार्टी नतीजों की समीक्षा करेगी.

उन्होंने कहा, ‘हम इस फैसले को स्वीकार करते हैं. मैं गोरखपुर और फूलपुर से विजयी प्रत्याशियों को बधाई देता हूं. और विश्वास व्यक्त करता हूं कि जनता के इस फैसले के अनुरूप वे प्रदेश के विकास में अपना योगदान देंगे.’

उन्होंने आगे कहा, ‘अंतिम समय में जब प्रत्याशी घोषित हुए थे तब सपा अलग थी… बसपा अलग थी. कांग्रेस अलग थी… सभी लोग अलग-अलग थे. लेकिन राज्यसभा चुनाव की दृष्टि से सपा-बसपा की सौदेबाज़ी होना. और जो ये बेमेल गठबंधन इन लोगों के द्वारा किया गया. उसको समझने में कहीं न कहीं कमी रही, अति आत्मविश्वास उसका एक कारण है.’

योगी ने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बारे में संवाददाताओं से कहा कि जब इन दोनों सीटों के उपचुनाव के लिये प्रत्याशी घोषित हुए थे, तब सपा, बसपा और कांग्रेस समेत सभी अलग-अलग थे. लेकिन चुनाव के बीच में सपा-बसपा के बीच जो आपसी सौदेबाजी और बेमेल गठबंधन हुआ उसको समझने में कहीं ना कहीं कमी रही और अति आत्मविश्वास उसका कारण है.

उन्होंने कहा, ‘कहां कमी रह गई है, इस बात की हम अवश्य समीक्षा करेंगे. सपा और बसपा की यह राजनीतिक सौदेबाज़ी एक बार फिर प्रदेश और देश के विकास को बाधित करने के लिए हुई है. वर्ष 2019 के लिये इसके बारे में अपनी पूरी रणनीति तैयार करेंगे.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों का हारना निश्चित रूप से समीक्षा का विषय है. कमियों को दूर करने और भविष्य की बेहतर योजना के लिये हम जी-जान से लगकर कार्य करेंगे. प्रदेश के अंदर जो बेमेल राजनीतिक सौदेबाज़ी का दौर फिर से शुरू हुआ है, उसे प्रदेश की जनता समझेगी.

उन्होंने कहा, ‘हम जनता के फैसले को स्वीकार करते हैं, परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहे. हम जल्द ही इसकी समीक्षा करेंगे.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि उपचुनाव के नतीजे जनता का फैसला हैं, लोकतंत्र में जनता जनार्दन के रूप में है. हम उसके फैसले को स्वीकार करते हैं. उपचुनाव में स्थानीय मुद्दे हावी होते हैं. आम चुनाव जब होंगे तो उसमें राष्ट्रीय मुद्दे होंगे. देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले चार सालों में जो कार्य हुए हैं, उनसे देश में एक विश्वास जगा है.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश और बिहार के लोकसभा उपचुनावों के नतीजे भाजपा की उम्मीदों से उलट रहे हैं. उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा का प्रदर्शन शानदार रहा है. इस मौके पर राहुल गांधी ने ट्वीट करके उपचुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को बधाई दी है.

उन्होंने ट्वीट किया है, ‘नतीजों से साफ है कि मतदाताओं में भाजपा को लेकर काफी गुस्सा है. और वो उस गैर बीजेपी उम्मीदवार के लिए वोट करेंगे जिसके जीतने का चांस सबसे ज्यादा हो.कांग्रेस यूपी में नवनिर्माण के तत्पर है. ये रातों रात नहीं होगा.’

बिहार में राजद की जीत से उत्साहित तेजस्वी यादव ने कहा है, ‘बिहार के उपमुख्यमंत्री इतने घोटालों में फंसे हुए हैं पर कोई कार्रवाई या जांच नहीं हो रही है. अब हमें शंका है कि इस जीत के बाद यूपी और बिहार में जो मोदी जी, अमित शाह, ईडी और सीबीआई कार्रवाई करने में और तेज हो जाएंगे.’

उधर तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी ने भी इस जीत पर ट्वीट करके कहा है कि यह बीजेपी की हार की शुरुआत है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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