पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों में तृणमूल कांग्रेस ने की लोकतंत्र की हत्या: वामदल

वामदल, भाजपा और कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर उनके उम्मीदवारों को नामांकन दाख़िल नहीं करने देने और उनके साथ हिंसा करने का आरोप लगाया.

Howrah: West Bengal Chief Minister and Trinamool Congress supremo Mamata Banerjee addresses during Youth Trinamool Congress rally at Damurjala Stadium in Howrah district of West Bengal on Friday. PTI Photo(PTI2_2_2018_000146B)
Howrah: West Bengal Chief Minister and Trinamool Congress supremo Mamata Banerjee addresses during Youth Trinamool Congress rally at Damurjala Stadium in Howrah district of West Bengal on Friday. PTI Photo(PTI2_2_2018_000146B)

वामदल, भाजपा और कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर उनके उम्मीदवारों को नामांकन दाख़िल नहीं करने देने और उनके साथ हिंसा करने का आरोप लगाया.

Howrah: West Bengal Chief Minister and Trinamool Congress supremo Mamata Banerjee addresses during Youth Trinamool Congress rally at Damurjala Stadium in Howrah district of West Bengal on Friday. PTI Photo(PTI2_2_2018_000146B)
तृणमूल कांग्रेस की संस्थापक अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/कोलकाता: वामदलों ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा प्रायोजित बताते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या क़रार दिया.

माकपा, भाकपा, फॉरवर्ड ब्लॉक और भाकपा माले के नेताओं ने बीते शुक्रवार को नई दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि राज्य चुनाव आयोग और स्थानीय पुलिस पूरी तरह से राज्य सरकार की कठपुतली बनकर काम कर रहे हैं. परिणामस्वरूप टीएमसी कार्यकर्ता विपक्षी दलों के उम्मीदवारों को नामांकन ही नहीं करने दे रहे हैं.

माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि यह सिर्फ़ वाम दलों की ही शिकायत नहीं है, बल्कि कांग्रेस और भाजपा को भी राज्य प्रायोजित हिंसा के कारण स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ी.

चुनाव में हिस्सा ले रहे राज्य के सभी 17 वाम दलों ने राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष शुक्रवार को विशाल धरना प्रदर्शन भी किया है. येचुरी ने कहा कि चुनावी हिंसा में पांच अप्रैल तक 200 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं.

उम्मीदवारों को नामांकन नहीं करने देने के आरोप के कारण चुनाव आयोग ने नामांकन की अंतिम तिथि को नौ अप्रैल से एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया है.

येचुरी ने इस अवधि को और अधिक बढ़ाने की मांग की जिससे नामांकन नहीं कर पाए उम्मीदवारों को इसके लिए अतिरिक्त समय मिल सके.

भाकपा नेता डी. राजा ने पंचायत चुनाव को लोकतांत्रिक प्रणाली का मूल आधार बताते हुए कहा कि स्थानीय निकाय स्तर पर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव नहीं हो पाना लोकतंत्र के लिए ख़तरे का संकेत है.

उन्होंने कहा कि राज्य में टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा अन्य दलों के उम्मीदवारों को नामांकन नहीं करने की बाकायदा उद्घोषणा कर खुली चेतावनी दी जा रही है.

पश्चिम बंगाल के दौरे से लौटी भाकपा माले की कविता कृष्णन ने कहा कि राज्य में सभी वामदलों के दफ़्तरों पर हमले कर आतंक का माहौल बनाया गया है.

भाजपा द्वारा केंद्रीय सुरक्षा बलों की निगरानी में चुनाव कराने की मांग के सवाल पर वाम नेताओं ने कहा, ‘हमारी मांग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने की है, यह ज़िम्मेदारी किसी भी सुरक्षा एजेंसी के पास क्यों न हो. वैसे केंद्रीय बलों की निगरानी में स्थानीय चुनाव कराना लोकतंत्र के लिए बेहतर संकेत नहीं है.’

उधर, तृणमूल के महासचिव पार्थ चटर्जी ने आरोपों को बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा, ‘भाजपा राज्य में सांप्रदायिक हिंसा भड़का कर और पंचायत चुनाव के दौरान गड़बड़ी फैलाने के लिए बाहरी लोगों को लाकर राज्य की शांति और स्थिरता को बाधित करने की कोशिश कर रही है.’

राज्य में पंचायत चुनाव मई के पहले हफ़्ते में होने हैं.

पंचायत चुनाव में नामांकन को लेकर हिंसा के विरोध में भाजपा का धरना

पश्चिम बंगाल भाजपा ने पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्र दायर करने पर हो रही हिंसा के ख़िलाफ़ शुक्रवार को यहां धरना दिया. पार्टी ने निष्पक्ष एवं स्वतंत्र पंचायत चुनाव कराने के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की भी मांग की.

भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राहुल सिन्हा ने पार्टी के अन्य नेताओं के साथ कोलकाता के मेयो रोड इलाके में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया.

रॉय ने आरोप लगाया, ‘तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में पंचायत चुनाव को तमाशे में बदल दिया है. तृणमूल कांग्रेस अन्य को नामांकन पत्र दायर नहीं करने दे रही है.’

रॉय ने आरोप लगाया कि पूरे राज्य में ख़ून-खराबा हो रहा है और राज्य निर्वाचन आयोग और पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है. पुलिस तृणमूल के कैडर के तौर पर काम कर रही है.

धरने के दौरान भाजपा के कार्यकर्ता राज्य सरकार के ख़िलाफ़ हिंसा की निंदा करने वाली तख्तियां थामे हुए थे. अपने संबोधन में राहुल सिन्हा ने कहा कि भाजपा लड़े बिना तृणमूल के लिए एक इंच भी नहीं छोड़ेगी.

राज्य के विभिन्न हिस्सों में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के बीच संघर्ष की कई घटनाएं सामने आई हैं.

तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़पों में कई लोग घायल

बांकुड़ा/नलहटी/नबग्राम: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाख़िल करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच बीते शुक्रवार को हुईं झड़पों में कई लोग घायल हुए हैं.

नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया दो अप्रैल से शुरू होने के बाद से चुनाव से जुड़ी हिंसा में मालदा ओर बांकुड़ा ज़िलों में दो लोगों की जान गई है.

पुलिस ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच मुर्शिदाबाद ज़िले के नबग्राम और बीरभूम ज़िले के नलहटी तथा बांकुड़ा ज़िले में झड़पें दर्ज की गई हैं.

बीरभूम ज़िले के नलहटी इलाके में पुलिस और भाजपा समर्थकों के बीच भी झड़पें हुई.

दरअसल, भाजपा कार्यकर्ताओं की एक रैली पुलिस ने रोक दी थी. पुलिस ने झड़प के दौरान भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्च किया और रबर की गोलियां चलाई.

पुलिस ने बताया कि भाजपा कार्यकर्ताओं के पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. हिंसा के सिलसिले में भाजपा के 25 कार्यकर्ता गिरफ्तार किए हैं.

भाजपा ने नलहटी में प्रदर्शन कर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की मांग की. हालांकि, पश्चिम बंगाल के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने सचिवालय में संवाददाताओं से कहा कि इसकी ज़रूरत नहीं है.

वहीं, बांकुड़ा में भाजपा प्रदेश सचिव श्यामपदा मंडल पर कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने हमला किया.

मंडल ने आरोप लगाया कि तृणमूल के क़रीब 300 लोगों ने इलाके में लगाए गए धारा 144 का उल्लंघन कर भाजपा प्रतिनिधिमंडल पर हमला किया, जो ज़िलाधीश को एक ज्ञापन सौंपने जा रहा था.

हालांकि, ज़िले के तृणमूल नेतृत्व ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

न्यूज़ चैनलों पर प्रसारित किए गए वीडियो फुटेज में मुर्शिदाबाद के नबग्राम में देशी बम फेंकते देखा जा सकता है. जबकि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता नामांकन पत्र दाख़िल करने के लिए एक-दूसरे से झड़प करते दिख रहे हैं.

राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के महासचिव एवं मंत्री पार्थ चटर्जी ने भाजपा पर बाहरी लोगों को राज्य में लाकर संकट खड़ा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.

चटर्जी ने कहा, ‘भाजपा को राज्य में शांति में खलल डालने की कभी इज़ाज़त नहीं दी जाएगी. पहले तो रामनवमी पर सांप्रदायिक हिंसा की गई और अब वे लोग नामांकन दाख़िल करने से हमारे उम्मीदवारों को रोकने के लिए बाहुबल का इस्तेमाल कर रहे हैं.’

वहीं, दूसरी ओर भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस पर अपने कार्यकर्ताओं को पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाख़िल नहीं करने देने का आरोप लगाया.

भाजपा नेता मुकुल रॉय ने दावा किया कि उनके कार्यकर्ताओं को मुर्शिदाबाद, बांकुड़ा और बीरभूम में बुरी तरह से पीटा गया जबकि पुलिस तृणमूल के कैडर के तौर पर बर्ताव कर रही थी.

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अधीर चौधरी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख़ किया. अदालत ने शुक्रवार को पुलिस को निर्देश दिया कि वह उम्मीदवारों की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करे.

इस बीच, उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह भाजपा की याचिका पर नौ अप्रैल को आदेश जारी करेगा. दरअसल, भाजपा ने आरोप लगाया है कि उसके उम्मीदवारों को पंचायत चुनाव में नामांकन पत्र दाख़िल करने की इज़ाज़त नहीं दी जा रही. साथ ही पार्टी ने नामांकन भरने की तारीख़ बढ़ाने की मांग की है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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