पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला: आजीवन सियासत नहीं कर सकेंगे नवाज़ शरीफ़

शीर्ष न्यायालय के ऐतिहासिक फ़ैसले के बाद पनामा पेपर्स मामले में अयोग्य ठहराए गए 68 वर्षीय नवाज़ शरीफ़ जीवन भर किसी सार्वजनिक पद पर आसीन नहीं हो सकेंगे.

शीर्ष न्यायालय के ऐतिहासिक फ़ैसले के बाद पनामा पेपर्स मामले में अयोग्य ठहराए गए 68 वर्षीय नवाज़ शरीफ़ जीवन भर किसी सार्वजनिक पद पर आसीन नहीं हो सकेंगे.

nawaz reuters
नवाज़ शरीफ़ (फोटो: रायटर्स)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले के बाद देश के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ जीवन भर पर किसी सार्वजनिक पद पर आसीन नहीं हो सकेंगे.

‘ द डॉन ’ की खबर के मुताबिक पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वमत से अपने फैसले में संविधान के प्रावधानों की व्याख्या करते हुए कहा कि किसी सार्वजनिक पद पर आसीन व्यक्ति को आजीवन के लिए अयोग्य ठहराया जाता है.

संविधान के अनुच्छेद 62 (1)( एफ ) के अनुसार सार्वजनिक पद पर आसीन व्यक्ति को निश्चित शर्तों के अनुसार अयोग्य ठहराया जाता है लेकिन अयोग्यता की अवधि तय नहीं की गयी है.

गौरतलब है कि अनुच्छेद 62 के तहत ही 68 वर्षीय शरीफ को 28 जुलाई , 2017 को पनामा पेपर्स मामले में अयोग्य ठहराया गया था. इसके बाद उच्चतम न्यायालय की एक अन्य पीठ ने पिछले साल 15 दिसंबर को इसी प्रावधान के तहत पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ के नेता जहांगीर तरीन को अयोग्य ठहराया था.

न्यायमूर्ति उमर अता बंदियाल के फैसले में कहा गया है कि भविष्य में किसी भी सांसद या लोक सेवक को अगर अनुच्छेद 62 के तहत अयोग्य ठहराया जाता है तो उन पर यह प्रतिबंध स्थायी होगा. ऐसे व्यक्ति चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकेंगे और ना ही संसद के सदस्य बन सकेंगे.

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