नाबालिग से बलात्कार मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सज़ा

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक नाबालिग से बलात्कार करने के आरोप में जोधपुर की विशेष एसटी-एसटी अदालत ने सुनाया फ़ैसला.

**FILE** New Delhi: File photo of Asaram Bapu being produced in Jodhpur court in connection with the sexual harassment case. A Jodhpur court on Wednesday convicted self-styled godman Asaram of raping a minor girl at his ashram in Rajasthan in 2013. PTI Photo PTI Photo(PTI4_25_2018_000033B)
आसाराम. ​​(फोटो: पीटीआई)

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक नाबालिग से बलात्कार करने के आरोप में जोधपुर की विशेष एसटी-एसटी अदालत ने सुनाया फ़ैसला.

**FILE** New Delhi: File photo of Asaram Bapu being produced in Jodhpur court in connection with the sexual harassment case. A Jodhpur court on Wednesday convicted self-styled godman Asaram of raping a minor girl at his ashram in Rajasthan in 2013. PTI Photo PTI Photo(PTI4_25_2018_000033B)
आसाराम. (फोटो: पीटीआई)

जोधपुर: नाबालिग से बलात्कार के एक मामले में बुधवार को जोधपुर की विशेष एससी-एसटी अदालत ने आरोपी स्वयंभू बाबा आसाराम को दोषी क़रार दिया है.

एक साल के भीतर यह दूसरा मामला है जब किसी स्वयंभू बाबा को बलात्कार के मामले में दोषी क़रार दिया गया है. पिछले साल अगस्त में गुरमीत राम रहीम को भी यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी क़रार दिया गया था.

यौन उत्पीड़न, मुख्य तौर पर नाबालिग से बलात्कार करने के बिंदुओं पर जिरह के बाद विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर सेंट्रल जेल परिसर में अपना फैसला सुनाया. 77 वर्षीय आसाराम यहां चार साल से अधिक समय से बंद हैं.

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति मामलों की विशेष अदालत ने दो अन्य आरोपियों शिल्पी और शरद को भी दोषी क़रार दिया और अन्य दो प्रकाश और शिव को रिहा कर दिया.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अदालत ने आसाराम को उम्रक़ैद और अन्य दो आरोपियों को 20-20 साल की सज़ा सुनाई है.’

इससे पूर्व कड़ी सुरक्षा के बीच जेल परिसर में सजा की अवधि पर जिरह की गई. राजस्थान उच्च न्यायालय ने निचली अदालत को जोधपुर सेंट्रल जेल परिसर में फैसला सुनाने का आदेश दिया था.

साबरमती नदी के किनारे एक झोंपड़ी से शुरुआत करने से लेकर देश और दुनियाभर में 400 से अधिक आश्रम बनाने वाले आसाराम ने चार दशक में 10,000 करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा कर लिया था.

आसाराम और शिव, शिल्पी, शरद और प्रकाश के ख़िलाफ़ पॉक्सो अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम और भादंवि की विभिन्न धाराओं के तहत छह नवंबर 2013 को पुलिस ने आरोपपत्र दायर किया था.

पीड़िता ने आसाराम पर उसे जोधपुर के नज़दीक मनाई इलाके में आश्रम में बुलाने और 15 अगस्त 2013 की रात उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था.

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली पीड़िता मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी.

आसाराम मामले में अंतिम सुनवाई अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति मामलों की विशेष अदालत में सात अप्रैल को पूरी हो गई थी और फैसला 25 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रखा गया था.

आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर एक सितंबर 2013 को जोधपुर लाया गया था और दो सितंबर 2013 से वह न्यायिक हिरासत में है.

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में पीड़िता के पिता ने कहा, ‘आसाराम दोषी साबित हुए, हमें न्याय मिल गया. मैं उन सभी लोगों को शुक्रगुज़ार हूं जिन्होंने इस लड़ाई में हमारा साथ दिया. अब मुझे उम्मीद है कि उन्हें कड़ी सज़ा मिलेगी. मुझे यह भी उम्मीद है कि उन गवाहों को भी न्याय मिलेगा जिनकी या तो हत्या कर दी गई या फिर अपहरण कर लिया गया.’

उन्होंने कहा कि परिवार लगातार दहशत में जी रहा था और इसका उनके व्यापार पर भी काफ़ी असर पड़ा.

वहीं आसाराम की प्रवक्ता नीलम दुबे ने कहा, ‘हम अपनी लीगल टीम से इस बारे में बातचीत करेंगे फिर आगे की रणनीति तय की जाएगी. हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है.’

फ़ैसले के मद्देनज़र जोधपुर जेल के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी जहां पहले से निषेधाज्ञा लागू है. क़ानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर केंद्र ने राजस्थान, गुजरात और हरियाणा सरकारों से सुरक्षा कड़ी करने और अतिरिक्त बल तैनात करने को कहा था. तीनों राज्यों में आसाराम के बड़ी संख्या में अनुयायी हैं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय का यह परामर्श डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पिछले साल अगस्त में बलात्कार के मामले में सज़ा सुनाए जाने के बाद हरियाणा, पंजाब तथा चंडीगढ़ में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के मद्देनज़र भेजा गया था. उस समय हुई हिंसा में 13 लोग मारे गए थे.

जोधपुर की अदालत द्वारा स्वयंभू बाबा आसाराम को दोषी ठहराए जाने के बाद देश में कहीं से भी अभी तक किसी भी अप्रिय घटना का समाचार नहीं है. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि मंत्रालय वर्तमान स्थिति पर खुद ही नजर रख रहा है और खासकर राजस्थान , गुजरात और हरियाणा की स्थिति पर विशेष तौर पर नजर रखी जा रही है.

अदालत ने वर्ष 2002 के बलात्कार के एक मामले में रहीम को 20 साल की सजा सुनाई थी.

आसाराम पर गुजरात के सूरत में भी बलात्कार का एक आरोप है. वहां दो लड़कियों ने आसाराम और बेटे नारायण साई के खिलाफ बलात्कार और बंदी बनाकर रखने का आरोप लगाया है, जिसमें उच्चतम न्यायालय ने अभियोजन पक्ष को पांच सप्ताह के भीतर सुनवायी पूरी करने का निर्देश दिया था.

आसाराम ने 12 बार जमानत याचिका दायर की, जिसे छह बार निचली अदालत ने, तीन बार राजस्थान उच्च न्यायालय और तीन बार उच्चतम न्यायालय ने ख़ारिज किया.

इस मामले में अब तक का घटनाक्रम इस प्रकार है:

01 सितंबर 2013: एक नाबालिग के साथ बलात्कार के मामले में जोधपुर पुलिस ने आसाराम को गिरफ़्तार कर जेल भेजा था. पीड़ित के अभिभावकों ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी.

06 नवंबर 2013: जोधपुर पुलिस ने आसाराम और चार सह आरोपियों के ख़िलाफ़ पॉक्सो क़ानून, किशोर न्याय क़ानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपपत्र दाख़िल किया.

07 फरवरी 2014: जोधपुर की एक अदालत ने बलात्कार, आपराधिक षडयंत्र और अन्य अपराधों के लिए आसाराम के ख़िलाफ़ आरोप तय किए.

11 अगस्त 2016: उच्चतम न्यायालय ने आसाराम को अंतरिम ज़मानत देने से इनकार किया, आसाराम के स्वास्थ्य की जांच के लिए एम्स को मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया.

07 अप्रैल 2018: मामले में अंतिम दलीलें पूरी हो गईं और अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया.

17 अप्रैल 2018: राजस्थान उच्च न्यायालय ने सुनवाई अदालत को आदेश दिया कि वह अपना फ़ैसला जोधपुर केंद्रीय कारागार के अंदर सुनाए ताकि कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं बिगड़े.

25 अप्रैल 2018: अदालत ने आसाराम को दोषी क़रार देते हुए उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई.

आसाराम: स्वयंभू बाबा से बलात्कार का दोषी होने तक का सफ़र

अहमदाबाद: एक समय स्वयंभू बाबा आसाराम लाखों लोगों द्वारा पूजा जाता था और लोगों की इन्हीं भावनाओं का दोहन कर उसने अपना करोड़ों रुपये का भक्ति साम्राज्य खड़ा किया था लेकिन एक नाबालिग से बलात्कार का मामला सामने आने के बाद उसकी प्रतिष्ठा धूल में मिल गई और उसकी सल्तनत ढहनी शुरू हो गई .

अदालत ने उसे बलात्कार के उसी मामले में बुधवार को दोषी करार दिया.

1970 के दशक में साबरमती नदी के किनारे एक झोपड़ी से शुरुआत करने से लेकर देश और दुनियाभर में 400 से अधिक आश्रम बनाने वाले आसाराम ने चार दशक में 10,000 करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा कर लिया.

वर्ष 2013 के बलात्कार मामले में आसाराम की गिरफ्तारी के बाद गुजरात के मोटेरा में उसके आश्रम से पुलिस द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच से खुलासा हुआ कि 77 वर्षीय आसाराम ने करीब 10,000 करोड़ रुपये की संपत्ति बना ली थी और इसमें उस जमीन की बाजार कीमत शामिल नहीं हैं जो उसके पास है.

आसाराम के समर्थकों की अब भी अच्छी खासी तादाद हो सकती है लेकिन बलात्कार के आरोपों के बाद उस पर जमीन हड़पने और अपने आश्रमों में काला जादू करने जैसे अन्य अपराधों के आरोप भी लगे.

उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद डॉक्यूमेंट्री के अनुसार आसाराम का जन्म वर्ष 1941 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बेरानी गांव में हुआ था और उसका नाम आसुमल सिरुमलानी था.

वर्ष 1947 के विभाजन के बाद आसुमल अपने माता -पिता के साथ अहमदाबाद आया और वह मणिनगर इलाके में एक स्कूल में केवल चौथी कक्षा तक पढ़ा. उसे दस साल की उम्र में अपने पिता की मौत के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी.

डॉक्यूमेंट्री में दावा किया गया है कि युवावस्था में छिटपुट नौकरियां करने के बाद आसुमल आध्यात्मिक खोज पर हिमालय की ओर निकल पड़ा, जहां वह अपने गुरू लीलाशाह बापू से मिला.

यही वह गुरू थे जिन्होंने 1964 में उसे ‘आसाराम’ नाम दिया.

इसके बाद आसाराम अहमदाबाद आया और उसने मोटेरा इलाके के समीप साबरमती के किनारे तपस्या शुरू की.

आध्यात्मिक गुरू के रूप में उसका असल सफर 1972 में शुरू हुआ जब उसने नदी के किनारे ‘मोक्ष कुटीर’ स्थापित की.

साल-दर-साल ‘संत आसारामजी बापू’ के रूप में उसकी लोकप्रियता बढ़ती गई और उसकी छोटी सी झोपड़ी आश्रम में तब्दील हो गई. महज चार दशकों में उसने देश और विदेश में करीब 400 आश्रम खोल लिए.

यहां तक कि आज मोटेरा आश्रम समर्थकों से भरा पड़ा है जो अब भी यही रट लगाए हुए हैं कि उनके गुरू को झूठे आरोपों पर जेल भेजा गया.

आसाराम ने लक्ष्मी देवी से शादी की और उसके दो बच्चे नारायण साईं और बेटी भारती देवी हैं. नारायण साईं भी जेल में बंद है.

आसाराम पहली बार मुसीबत में तब पड़ा जब उसके दो रिश्तेदार दीपेश और अभिषेक वाघेला वर्ष 2008 में रहस्यमयी परिस्थितियों में मोटेरा आश्रम के समीप मृत पाए गए.

राज्य की अपराध जांच शाखा (सीआईडी) ने इस मामले में वर्ष 2009 में आसाराम के सात समर्थकों पर मामले दर्ज किए. दोनों रिश्तेदारों के माता-पिता ने आरोप लगाया कि उन्हें आसाराम के आश्रम में इसलिए मारा गया क्योंकि वे काला जादू करते थे.

हालांकि आसाराम की ख्याति असल में वर्ष 2013 में गिरनी शुरू हई जब उसे राजस्थान में नाबालिग से बलात्कार के मामले में गिरफ्तार किया गया.

इसके बाद सूरत की दो बहनों ने भी आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया.

सूरत पुलिस ने छह अक्टूबर 2013 को दो बहनों की शिकायतों पर मामला दर्ज किया. गांधीनगर की अदालत में आसाराम के खिलाफ यह मामला अभी चल रहा है.

आसाराम पर सूरत और अहमदाबाद में अपने आश्रमों के लिए जमीन हड़पने का भी आरोप है. उसके समर्थकों को बलात्कार के मामलों में गवाहों को धमकाने के लिए पकड़ा भी गया था.

लम्बी लुका-छिपी के बाद इंदौर के आश्रम से पकड़ा गया था आसाराम

आसाराम को लंबे नाटकीय घटनाक्रम के दौरान उसके स्थानीय आश्रम से 31 अगस्त 2013 की देर रात गिरफ्तार किया गया था. चश्मदीदों के मुताबिक, 30 अगस्त 2013 की रात तक रहस्य बरकरार था कि आसाराम अपने खंडवा रोड़ स्थित आश्रम में है या नहीं?

लेकिन, इसके अगले ही दिन जब आश्रम में प्रवचनकर्ता के समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा और वहां भारी पुलिस बल तैनात करते हुए इस परिसर के भीतर मीडिया को प्रवेश से रोक दिया गया, तो माज़रा समझ आने लगा.

मीडिया के भारी जमावड़े के बीच 31 अगस्त 2013 को सुबह से लेकर शाम तक पल-पल बदलते घटनाक्रम से आसाराम के अपने आश्रम में ही मौजूद होने के संकेत मिलने लगे.

रात साढ़े आठ बजे के आस-पास जब जोधपुर पुलिस का दल आश्रम के भीतर दाखिल हुआ, तो इसमें कोई संदेह नहीं रह गया कि प्रवचनकर्ता इस परिसर के भीतर ही है.

बहरहाल, स्थानीय अधिकारी बताते हैं कि जोधपुर पुलिस के दल को आश्रम के भीतर दाखिल होने के बाद आसाराम को गिरफ्तार करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी. पुलिस दल करीब चार घंटे तक आश्रम में रहा. इस दौरान आश्रम के भीतर प्रवचनकर्ता के सैकड़ों अनुयायियों का हंगामा और नारेबाजी जारी रही.ट

लंबे सब्र के बाद जोधपुर पुलिस ने आखिरकार सख्त रवैया अपनाया. स्थानीय पुलिस की मदद से पुख्ता तैयारियों के बाद आसाराम को 31 अगस्त 2013 की देर रात गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में उसे सफेद जीप में बैठाकर सीधे देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डे ले जाया गया था.

अधिकारियों ने बताया कि आसाराम को रात भर हवाई अड्डे में ही रखा गया था. इसके अगले दिन यानी एक सितंबर 2013 को उसे हवाई मार्ग से जोधपुर ले जाया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)