देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का प्रधानमंत्री का दावा ‘जुमला’: चिदंबरम

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में बेरोज़गारी बड़ी समस्या है. हर सरकारी विभाग में पद खाली हैं. करीब एक लाख ऐसे स्कूल हैं जिनमें एक शिक्षक है. ऐसे हर स्कूल में चार-चार शिक्षकों की नियुक्ति चार लाख लोगों को नौकरी देगी.

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वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में बेरोज़गारी बड़ी समस्या है. हर सरकारी विभाग में पद खाली हैं. करीब एक लाख ऐसे स्कूल हैं जिनमें एक शिक्षक है. ऐसे हर स्कूल में चार-चार शिक्षकों की नियुक्ति चार लाख लोगों को नौकरी देगी.

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नई दिल्ली: देश के सभी गांवों में बिजली पहुंच जाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के एक दिन बाद आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि यह भी इस सरकार का एक जुमला है क्योंकि 5.80 लाख गांवों में पहले की सरकारों के समय ही बिजली पहुंच चुकी थी और प्रधानमंत्री दावा कर रहे हैं कि उनके समय सभी गांवों में बिजली पहुंचाई गई.’

चिदंबरम ने सोमवार को भारतीय युवा कांग्रेस की कार्यकारिणी की बैठक में कहा, ‘मोदी जी ने चार साल पहले कहा था कि हम शेष बचे 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचा देंगे. उनसे पूछना चाहिए कि 5,80,000 गांवों में बिजली किसने पहुंचाई? इन गांवों में पिछली सरकारों ने बिजली पहुंचाई है. अब वे ऐसा पेश कर रहे हैं कि सभी गांवों में हमने बिजली पहुंचाई. यह भी एक जुमला है.’

दरअसल, प्रधानमंत्री ने कल ट्वीट कर रहा था, ‘भारत के सभी गांवों में शनिवार को बिजली पहुंचा दी गई है.’

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मई 2014 में मोदी के सत्ता संभालने के समय देश में 18,452 गांव बिना बिजली के थे.

चिदंबरम ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा होगी और इस भयावह समस्या को लेकर युवा नरेंद्र मोदी के खिलाफ वोट करेंगे.

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के चुनाव में नरेंद्र मोदी ने हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया जिस वजह से युवाओं ने बड़ी संख्या में भाजपा को वोट दिया. लेकिन हुआ क्या ? लोगों को रोजगार तो मिला नहीं, पहले की नौकरियां भी चली गईं. इससे युवाओं में आक्रोश है.’

चिदंबरम ने भारतीय युवा कांग्रेस की कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी चुनाव में नोटबंदी, जीएसटी, महिलाओं की सुरक्षा, कश्मीर की स्थिति और दूसरे कई मुद्दे होंगे, लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी का होगा.

उन्होंने कहा कि बेरोजगारी की भयावह समस्या को लेकर युवा इस बार नरेंद्र मोदी के खिलाफ वोट करेंगे.

पूर्व वित्त मंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘अजीबोगरीब बात यह है कि इस सरकार को रोजगार सृजन करने के बारे में पता ही नहीं है. भारत जैसे देश में जहां बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हैं और लोगों को नौकरी की जरूरत है, लेकिन बहुत सारी रिक्तियां होने के बावजूद उनको भरा नहीं जा रहा.’

उन्होंने कहा, ‘यह कहने में अच्छा लगता है कि नौकरी देने वाले बनो, नौकरी मांगने वाले नहीं. यह सोचिये कि अगर सब नौकरी देंगे तो नौकरी कौन करेगा? दुनिया में ज्यादातर लोग नौकरियां करते हैं. भारत भी अलग नहीं है. दुनिया के हर देश के लिए रोजगार बड़ी चुनौती है.’

उन्होंने कहा कि अगर पुरुषों के अनुपात में महिलाएं भी नौकरी करें तो भारत की जीडीपी में 900 अरब डॉलर का इजाफा हो जाएगा.

चिदंबरम ने कहा, ‘देश में बेरोजगारी बड़ी समस्या है. आप कहीं भी चले जाइए, बड़ी संख्या में ऐसे युवा मिल जाएंगे जिनके पास कोई काम नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘हर सरकारी विभाग में पद खाली हैं. देश में करीब एक लाख ऐसे स्कूल हैं जिनमें एक शिक्षक है. अगर ऐसे हर स्कूल में चार-चार शिक्षकों को नियुक्त कर दिया जाए तो चार लाख लोगों को नौकरी मिल जाएगी.’

चिदंबरम ने कहा कि अगर थोड़ा सा दिमाग लगाया जाए तो लाखों लोगों को नौकरी मिल जाएगी.

उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार के कार्यकाल में निवेश न के बराबर है. सरकार ने बाजार में मांग को ही खत्म कर दिया है.

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