जम्मू कश्मीर भाजपा नेताओं द्वारा विवादित ज़मीन के लिए लिया गया 29 करोड़ का क़र्ज़ एनपीए घोषित

निर्मल सिंह और कुछ बड़े भाजपा नेताओं ने वर्ष 2000 में हिमगिरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड नामक कंपनी का गठन किया था. कंपनी के पास जम्मू कश्मीर बैंक के 29.31 करोड़ रुपये ऋण के रूप में बकाया है. ज़मीन पर निर्माण होने से सेना को है आपत्ति.

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जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता (बाएं) और जम्मू कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष निर्मल सिंह (दाएं) (फोटो साभार: फेसबुक)

निर्मल सिंह और कुछ बड़े भाजपा नेताओं ने वर्ष 2000 में हिमगिरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड नामक कंपनी का गठन किया था. कंपनी के पास जम्मू कश्मीर बैंक के 29.31 करोड़ रुपये ऋण के रूप में बकाया है. ज़मीन पर निर्माण होने से सेना को है आपत्ति.

जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता (बाएं) और जम्मू कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष निर्मल सिंह (दाएं) (फोटो साभार: फेसबुक)
जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता (बाएं) और जम्मू कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष निर्मल सिंह (दाएं) (फोटो साभार: फेसबुक)

जम्मू: जम्मू कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष निर्मल सिंह जो कि सेना के साथ जमीन विवाद के चलते सुर्खियों में हैं, अब बैंक से लिए क़र्ज़ को न चुकाने के मामले में भी उनका नाम उछला है.

पत्रिका की एक खबर के मुताबिक, निर्मल सिंह समेत कुछ बड़े भाजपा नेताओं ने वर्ष 2000 में हिमगिरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड नामक कंपनी का गठन किया था. इस कंपनी का गठन नगरोटा में सेना के गोला-बारूद डिपो के नजदीक भूमि खरीदने के लिए किया गया.

मालूम हो कि विधानसभा के स्पीकर और हाल तक उपमुख्यमंत्री रहे निर्मल सिंह के अलावा उनकी पत्नी ममता सिंह, मौजूदा उपमुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता ने एक कंपनी के ज़रिये ज़मीन खरीदी है.

दरअसल जम्मू कश्मीर भाजपा के शीर्ष नेताओं की एक कंपनी ने भारतीय सेना के नगरोटा आयुध भंडार के पास प्रतिबंधित इलाके में ज़मीन ख़रीदकर निर्माण करवाना शुरू किया है.

सेना ने इस पर आपत्ति जताई है. इसके बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधानसभा स्पीकर निर्मल सिंह का कहना है कि निर्माण पर राजनीति के चलते सवाल उठाए जा रहे हैं.

2014 में 12 एकड़ ज़मीन ख़रीदी गई जिस पर स्पीकर निर्मल सिंह घर बना रहे हैं. इसके खिलाफ सेना 16 कोर के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सरनजीत सिंह ने पत्र लिखकर गंभीर एतराज़ जताया है.

19 मार्च 2018 को यह पत्र लिखा गया है. तब निर्मल सिह उपमुख्यमंत्री ही थे लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा है कि निर्मल सिंह ने अवैध रूप से निर्माण किया है. इससे सुरक्षा कारणों को नुकसान पहुंच सकता है.

बहरहाल भाजपा नेताओं की इस कंपनी पर जम्मू कश्मीर बैंक के 29.31 करोड़ रुपये ऋण के रूप में बकाया हैं और पिछले वर्ष दिसंबर में कंपनी का खाता बैंक द्वारा गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) घोषित किया जा चुका है.

पत्रिका अखबार की क्लिपिंग (15-05-2018)
पत्रिका अखबार की क्लिपिंग (15-05-2018)

हिमगिरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड के ऊपर जो क़र्ज़ है वो हिमाचल के चंबा ज़िले में एक विद्युत परियोजना की स्थापना के लिए था.

पत्रिका के मुताबिक बैंक नोटिस में दर्ज है कि बैंक की लिंक रोड, जम्मू शाखा द्वारा कंपनी को 18.50 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया था. यह ऋण बकाया है.

5 जनवरी को उपमुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता और निर्मल सिंह, उनकी पत्नी ममता सिंह और सांसद जुगल किशोर के साथ अन्य को बैंक ने नोटिस दिया था.

निर्मल सिंह भी ऋण वाली बात को स्वीकारते हैं. हालांकि, उनका कहना है कि उनकी पत्नी ने जून 2017 में निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया था, पर वे शेयरधारक अभी भी हैं.

वहीं, उपमुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता ने कहना है कि वे 2014 में कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे चुके हैं. बैंक नोटिस मिल गया है. ऋण चुका दिया जाएगा.

इसके इतर जम्मू कश्मीर बैंक की लिंक रोड, जम्मू शाखा की शाखा प्रबंधक अनीता नेहरू का कहना है कि बैंक का मुख्यालय ही बड़े ऋण मामलों को निपटाता हैं, बैंक शाखा नहीं.

क्या भारतीय जनता पार्टी अब आतंकवादियों को हमले का निमंत्रण दे रही है: कांग्रेस

नई दिल्ली: कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में सेना के आयुध डिपो के निकट कथित तौर पर अवैध निर्माण कार्य कराए जाने को लेकर राज्य विधानसभा के अध्यक्ष निर्मल सिंह और भाजपा के कुछ दूसरे नेताओं पर सशस्त्र बलों का अपमान करने का आरोप लगाया और सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘सुरक्षा को खतरे में डालने वाली गतिविधियों’ पर ‘मूकदर्शक’ क्यों बने हुए हैं.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कहा, ‘भाजपा के नेता सुरक्षा बलों का अपमान कर रहे हैं. सेना के आयुध डिपो के निकट अवैध निर्माण किया जा रहा है. इसमें निर्मल सिंह, उपमुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता और दूसरे लोग शामिल हैं. हम पूछना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री मूकदर्शक क्यों बने हुए हैं?’

उन्होंने कहा, ‘यह मामला जिस कंपनी से जुड़ा है उसमें भाजपा के ये नेता निदेशक या हिस्सेदार हैं. इस कंपनी ने जम्मू-कश्मीर से लिये कर्ज की अदायगी नहीं की.’

सुरजेवाला ने दावा किया, ‘भाजपा के लोग सशस्त्र बलों का अपमान करते आ रहे हैं. सेना का अपमान करना इनकी फितरत है. खुद आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने सेना की क्षमता और बलिदान पर सवाल खड़े किए थे. भाजपा के लोग सेना के हितों को नुकसान पहुंचाना अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं.’

यह भी पढ़ें: सेना पर सवाल से आगबबूला होने वाले भाजपा नेताओं को अब सेना से क्यों शिकायत है?

उन्होंने कहा, ‘हमने ये देखा कि किस प्रकार के पाकिस्तान से आयातित आतंकवादियों ने कई बार हमारी सैन्य प्रतिष्ठानों पर जम्मू-कश्मीर में हमला कर दिया. पिछली बार जब सुंजवान में हमला हुआ तो ये बताया गया कि अवैध निर्माण कार्य के कारण ये हमला हुआ. तो क्या भाजपा अब आतंकवादियों को हमले का निमंत्रण दे रही है?’

उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ‘सेना के हितों और सुरक्षा को खतरे में डालने वाली गतिविधियों’ की अनुमति देते हैं?

ख़बरों के मुताबिक सेना ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे एक गोला बारूद डिपो के पास मकान के निर्माण पर आपत्ति जताई है. सेना ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए निर्माण तत्काल रोकने की मांग की है.

गौरतलब है कि हाल ही में भाजपा विधायक और पूर्व उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह को जम्मू कश्मीर विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया. सिंह जम्मू क्षेत्र में बिल्लावर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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