देश के 32 क्षेत्रीय दलों ने सालभर में कमाए 321 करोड़ रुपये, समाजवादी पार्टी सबसे अमीर: एडीआर

देश में 48 मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दल हैं. 16 ने चुनाव आयोग को अपनी ऑडिट रिपोर्ट नहीं सौंपी है. 2016-17 में समाजवादी पार्टी की कमाई 32 दलों की कुल कमाई का 25.78 प्रतिशत है.

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव.(फोटो: पीटीआई)

देश में 48 मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दल हैं. 16 ने चुनाव आयोग को अपनी ऑडिट रिपोर्ट नहीं सौंपी है. 2016-17 में समाजवादी पार्टी की कमाई 32 दलों की कुल कमाई का 25.78 प्रतिशत है.

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ बीएस-फोर के संस्थापक आरके चौधरी. (फोटो: पीटीआई)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि देश के 32 क्षेत्रीय दलों ने वित्त वर्ष 2016-17 में 321.03 करोड़ रूपये कमाए हैं.

एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में 48 मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दल हैं. 16 ने चुनाव आयोग को अपनी ऑडिट रिपोर्ट नहीं सौंपी है.

82.76 करोड़ रुपये की आमदनी के साथ समाजवादी पार्टी शीर्ष पर रही. सपा की कमाई 32 दलों की कुल कमाई का 25.78 प्रतिशत रही.

हालांकि, 2015-16 की तुलना में 32 में से 14 दलों की आमदनी में कमी देखी गई है जबकि 13 ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में अपनी कमाई में इजाफा दिखाया है.

तो वहीं, इनमें से 5 दलों ने पिछले साल का ब्योरा नहीं दिया था.

वर्ष के दौरान इन 32 दलों ने अपना कुल खर्च 435.48 करोड़ रूपये दिखाया. जिनमें से 17 दलों के पास 114.05 करोड़ रुपये शेष बचे हुए हैं.

समाजवादी पार्टी के बाद तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) का नंबर आता है जिसकी कमाई 72.92 करोड़ रुपये रही. तीसरे पर अन्नाद्रमुक रही जिसने 48.88 करोड़ रुपये की आमदनी की.

शीर्ष आमदनी वाले तीनों दलों की कुल आमदनी 204.56 करोड़ रुपये रही. जो सभी 32 क्षेत्रीय दलों का कुल 63.72 प्रतिशत है.

वहीं, ऑडिट रिपोर्ट न सौंपने वालों में आम आदमी पार्टी, जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस और राष्ट्रीय जनता दल जैसे बड़े नाम शामिल हैं.

एडीआर ने आगे कहा कहा कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल (एआईएमआईएम) और जनता दल (सेक्युलर) (जेडीएस) ने अपनी कुल कमाई का 87 प्रतिशत से अधिक खर्च नहीं हुआ दिखाया है. वहीं, टीडीपी की 67 प्रतिशत आमदनी खर्च नहीं हुई.

द्रविड़ मुनेत्र कज़गम (डीएमके) ने अपनी आमदनी से 81.88 करोड़ रुपये अधिक खर्च होना दिखाए हैं. तो सपा और एआईएडीएमके ने अपनी कुल कमाई से क्रमश: 64.34 करोड़ और 37.89 करोड़ रुपये अधिक खर्च होना बताए हैं.

सबसे अधिक खर्च करने वाले शीर्ष तीन क्षेत्रीय दलों में सपा पहला स्थान पर रही जिसने 147.1 करोड़ रुपये खर्च किए. एआईएडीएमके दूसरे पायदान पर रही, उसने 86.77 करोड़ खर्च किए और डीएमके 85.66 करोड़ खर्च करके तीसरे पायदान पर रहा. सपा द्वारा किया खर्च सभी 32 दलों के कुछ खर्च का 33.78 प्रतिशत रहा.

(समाचार एजेंसी पीटीआई से इनपुट के साथ)