पेट्रोल-डीज़ल पर लागू करों की समीक्षा करने की ज़रूरत: हिंदुस्तान पेट्रोलियम

कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि पेट्रोल की कीमतों में 25 रुपये लीटर की कटौती संभव, लेकिन सरकार ऐसा नहीं करेगी. क़ानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार दीर्घकालिक निदान को लेकर गंभीर है.

Mumbai: A petrol pump employee adjusts the fuel rate card as the price reaches highest-ever, in Mumbai, on Wednesday. (PTI Photo/Shashank Parade) (PTI5_23_2018_000069B)
Mumbai: A petrol pump employee adjusts the fuel rate card as the price reaches highest-ever, in Mumbai, on Wednesday. (PTI Photo/Shashank Parade) (PTI5_23_2018_000069B)

कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि पेट्रोल की कीमतों में 25 रुपये लीटर की कटौती संभव, लेकिन सरकार ऐसा नहीं करेगी. क़ानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार दीर्घकालिक निदान को लेकर गंभीर है.

Mumbai: A petrol pump employee adjusts the fuel rate card as the price reaches highest-ever, in Mumbai, on Wednesday. (PTI Photo/Shashank Parade) (PTI5_23_2018_000069B)
मुंबई के एक पेट्रोल पंप पर बुधवार को कर्मचारी पेट्रोल-डीजल की कीमतों के रेट कार्ड पर कीमतें संशोधित करते हुए. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की कीमतों के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच जाने के बीच हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश कुमार सुराना ने ग्राहकों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा पेट्रोलियम उत्पादों पर लागू करों की समीक्षा करने की जरूरत बताई है.

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान या सरकार में किसी और द्वारा पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर विचार-विमर्श के लिए बुलाई गई किसी बैठक की जानकारी उन्हें नहीं है.

सुराना ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में लगातार 10वें दिन बढ़ोत्तरी हुई है. लेकिन, अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेजी बनी हुई है और इनके घरेलू दर निर्धारण के तरीकों को देखते हुए इन्हें कम करने का कोई तरीका नहीं दिखता.

कर्नाटक चुनाव के दौरान पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर बनाए रखने के बाद अब पिछले नौ दिनों में इनकी कीमत रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई है. दिल्ली में पेट्रोल 76.17 रुपये प्रति लीटर और डीजल 68.34 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है.

पिछले नौ दिनों में पेट्रोल के दाम 2.54 रुपये और डीजल के 2.41 रुपये प्रति लीटर बढ़ चुके हैं.

यहां संवाददाताओं के साथ चर्चा करते हुए सुराना ने कहा, ‘हमें समय-समय पर ऐसी स्थितियों का सामना करने के तरीकों पर काम करना चाहिए.’

उन्होंने कहा कि तेल विपणन कंपनियां उत्पादों की बिक्री मात्रा के आधार पर चलती हैं जिससे उनका मार्जिन बहुत कम होता है. ऐसे में यदि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें बढ़ती हैं तो हम चाहकर भी बहुत ज्यादा कुछ नहीं कर सकते.

सुराना ने कहा, ‘हमें अपने पूंजीगत व्यय और वृद्धि योजनाओं को भी बनाए रखने पर ध्यान देना है.’

उन्होंने कहा कि हमें ऐसा समाधान खोजना पड़ेगा जो तेल कंपनियों, ग्राहकों और सरकार के बजट को संतुलित करने वाला हो. गौरतलब है कि जहां एक तरफ ग्राहक तेल कीमतों के प्रति बहुत संवेदनशील हैं, तो वहीं सरकार अपने व्यय को पूरा करने के लिए इससे प्राप्त होने वाले राजस्व पर काफी कुछ निर्भर करती है. हालांकि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बावजूद इसके उपभोग में कमी का रुझान नहीं दिखता.

ईंधन के दाम को लेकर दीर्घकालिक समाधान पर काम कर रही सरकार

वहीं, सरकार ने कहा है कि वह पेट्रोल, डीजल के दाम में लगातार होने वाले बदलाव और बढ़ते दामों को लेकर दीर्घकालिक समाधान पर काम कर रही है. पेट्रोल, डीजल के दाम लगातार 10वें दिन बढ़े हैं.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पिछले साल जून में हर पखवाड़े पेट्रोल, डीजल के दाम में संशोधन की 15 साल पुरानी व्यवस्था को समाप्त कर अंतर्राष्ट्रीय बाजार की घट-बढ़ के अनुरूप हर दिन दाम में फेरबदल की शुरुआत की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कानून एवं आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘ईंधन के दाम में लगातार होने वाली वृद्धि चिंता और बहस का विषय है. सरकार इस समूची प्रक्रिया पर गौर कर रही है. दाम में वृद्धि और इनको लेकर बनी अनिश्चितता के हर पहलू को सरकार देख रही है.’

उन्होंने कहा कि लगातार बदलती भूराजनीतिक स्थिति ने अंतर्राष्ट्रीय तेल मूल्यों की दिशा को लेकर अनिश्चिता पैदा कर दी है. वे बोले, ‘सरकार इस बात को लेकर गंभीर है कि तदर्थ उपाय करने के बजाय दीर्घकालिक निदान किया जाए. ऐसा निदान जिससे न केवल ईंधन मूल्यों की घट-बढ़ से निजात मिले. बल्कि समय-समय पर होने वाली घट-बढ़ से जो अनावश्यक परेशानी होती है उससे से भी छुटकारा मिले.’

रविशंकर प्रसाद ने हालांकि उपायों के बारे में बताने से इनकार किया. शुल्क कटौती अथवा दूसरे उपायों के बारे में उन्होंनें कोई जानकारी नहीं दी. पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क कटौती के बारे में पूछने पर प्रसाद ने कहा कि कर से मिलने वाले राजस्व का देश के विकास में इस्तेमाल किया जाता है. राजमार्गों का निर्माण, डिजिटल ढांचागत सुविधा, गांवों को बिजली, अस्पताल और शिक्षा क्षेत्र के विकास कार्यों में इसका इस्तेमाल होता है.

पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम के इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘मैं मीडिया के अपने मित्रों से कहना चाहूंगा कि वे चिदंबरम को ट्वीट कर पूछें कि यदि उनका गणित इतना मजबूत है तो फिर उनकी सरकार सत्ता से कैसे बाहर हो गई?’

गौैरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया था कि पेट्रोल की कीमतों में प्रति लीटर 25 रुपये की कटौती संभव है, लेकिन यह सरकार ऐसा नहीं करेगी.

चिदंबरम ने ट्वीट में लिखा था, ‘कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से केंद्र सरकार को पेट्रोल पर 15 रुपये प्रति लीटर की बचत होती है. इसके अलावा केंद्र सरकार पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से अतिरिक्त कर लगाती है. इस तरह केंद्र सरकार को पेट्रोल पर 25 रुपये प्रति लीटर का मुनाफा मिलता है. इस पैसे पर सीधे तौर पर आम आदमी का अधिकार है.’

उन्होंने दावा किया, ‘ऐसे में पेट्रोल की कीमतों में 25 रुपये प्रति लीटर की कटौती संभव है. लेकिन, सरकार ऐसा नहीं करेगी. वो पेट्रोल की दरों में 1 या 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती करके जनता की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास करेगी.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq