नॉर्थ ईस्ट डायरी: बाईचुंग भूटिया ने कहा, तीसरे मोर्चे का विकल्प खुला है

इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में सिक्किम, त्रिपुरा, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, नगालैंड और मेघालय के प्रमुख समाचार.

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New Delhi: Former Indian football team captain Bhaichung Bhutia speaks during the launch of his political party 'Hamro Sikkim' during a press conference in New Delhi on Thursday. PTI Photo by Arun Sharma (PTI4_26_2018_000103B)
बाइचुंग भूटिया. (फोटो: पीटीआई)

इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में सिक्किम, त्रिपुरा, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, नगालैंड और मेघालय के प्रमुख समाचार.

New Delhi: Former Indian football team captain Bhaichung Bhutia speaks during the launch of his political party 'Hamro Sikkim' during a press conference in New Delhi on Thursday. PTI Photo by Arun Sharma (PTI4_26_2018_000103B)
बाइचुंग भूटिया. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: भारत के पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी बाईचुंग भूटिया ने अपनी राजनीतिक पार्टी की शुरुआत करने से पहले बीते 25 मई को कहा है कि क्षेत्रीय पार्टियों के संघीय मोर्चे का विकल्प खुला है लेकिन उनकी प्राथमिकता सिक्किम डेमोक्रेटिक पार्टी (एसडीपी) को शिकस्त देने की है जो तकरीबन 25 बरस से सिक्किम की सत्ता पर काबिज़ है.

भूटिया 31 मई को औपचारिक तौर पर अपनी राजनीतिक पार्टी की शुरुआत करेंगे.

भूटिया ने सिक्किम से बातचीत में कहा कि वे अपनी ‘हमरो सिक्किम पार्टी’ को मज़बूती प्रदान करने को प्राथमिकता देंगे ताकि राज्य के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग और उनकी एसडीपी को सत्ता से बेदख़ल कर दिया जाए.

41 वर्षीय पूर्व स्ट्राइकर ने कहा, ‘हम संघीय मोर्चे या तीसरे मोर्चे के विकल्प को लेकर तैयार हैं लेकिन आज हमारी पूरी तवज्जो अपनी पार्टी को मज़बूत बनाना तथा सिक्किम में सरकार बदलना है. हमारी पार्टी सिक्किम की भ्रष्ट सरकार से लड़ेगी.’

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि आप की भ्रष्टाचार से जंग पार्टी को लोगों के नज़दीक लेकर आई.

भूटिया ने कहा, ‘दिल्ली की तुलना में सिक्किम बहुत लोकतांत्रिक राज्य नहीं है. यहां लोग अपनी नाखुशी नहीं जता पाते हैं. अगर वे सरकार के ख़िलाफ़ अपनी आवाज़ उठाते हैं तो उन्हें तंग किया जाता है. यह राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है.’

भूटिया ने तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर 2014 का लोकसभा चुनाव और 2016 का पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन दोनों ही चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. इसके बाद पूर्व फुटबॉलर ने ममता बनर्जी की पार्टी छोड़ दी थी.

मिज़ोरम: केरल भाजपा के प्रमुख राज्यपाल नियुक्त

नयी दिल्ली: भाजपा नेता कुम्मानम राजशेखरन को बीते 25 मई को मिज़ोरम का राज्यपाल नियुक्त किया गया.

राष्ट्रपति भवन से दी गई जानकारी के मुताबिक एक आदेश में राष्ट्रपति ने केरल भाजपा के प्रमुख कुम्मानम राजशेखरन को मिज़ोरम का राज्यपाल नियुक्त किया है.

वह लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) निर्भय शर्मा की जगह लेंगे जिनका कार्यकाल 28 मई 2018 को पूरा हो रहा है.

राजशेखरन (65) ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का ‘प्रचारक’ बनने के लिए अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी थी. उन्हें 2015 में भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.

त्रिपुरा: मुख्यमंत्री ने केंद्र से पत्रकारों की हत्या की सीबीआई जांच का अनुरोध किया

पत्रकार शांतनु भौमिक. (फोटो साभार: फेसबुक/शांतनु भौमिक)
पत्रकार शांतनु भौमिक. (फोटो साभार: फेसबुक/शांतनु भौमिक)

अगरतला: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि राज्य में पिछले साल दो पत्रकारों की हत्या की सीबीआई जांच के आदेश दिए जाएं.

मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बीते 24 अप्रैल को कहा कि देब ने 23 मई को पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह से फोन पर बात की और उनसे जांच शुरू करने का अनुरोध किया. इससे पहले देब ने राज्य सचिवालय में अगरतला के ‘फोरम फॉर प्रोटेक्शन आॅफ जर्नलिस्ट्स’ के सदस्यों मुलाकात की थी.

बीते वर्ष 20 सितंबर को टेलीविजन पत्रकार शांतनु भौमिक की अगरतला से 25 किलोमीटर दूर मांडवी में एक राजनीतिक कार्यक्रम कवर करते वक्त हत्या कर दी गई थी.

दूसरे मामले में, 21 नवंबर 2017 को वरिष्ठ अपराध रिपोर्टर सुदीप दत्ता भौमिक की त्रिपुरा स्टेट राइफल्स की दूसरी बटालियन के मुख्यालय के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

भाजपा ने फरवरी में विधानसभा चुनावों से पहले वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आई तो इन मामलों को केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपा जाएगा.

सिक्किम: सरकार ने निपाह वायरस को लेकर परामर्श जारी किया

गंगटोक: सिक्किम स्वास्थ्य विभाग ने निपाह वायरस को लेकर सतर्क रहने के लिए राज्य के लोगों के लिए आवश्यक परामर्श जारी किया है.

केरल में निपाह वायरस के प्रकोप को देखते हुए बीते 25 मई को जारी स्वास्थ्य परामर्श में कहा गया, ‘सिक्किम में निपाह वायरस की संभावना बेहद कम है, फिर भी लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए.’

परामर्श में कहा गया कि बुखार, सिर दर्द, उल्टी और बेहोशी इस वायरस के लक्षण हैं. कुछ मामले में मिर्गी भी इसका लक्षण हो सकता है. ये लक्षण 10-12 दिनों तक रहने के बाद लोग बेहोश हो सकते हैं और दिमागी बुखार से मौत भी हो सकती है.

लोगों को यह सलाह दी गई है कि पक्षियों, चमगादड़ों और जानवरों द्वारा काटे गए फलों और सब्ज़ियों को न खाएं, संक्रमित व्यक्तियों से मिलने के बाद अच्छी तरह से हाथ धो लें और केरल जैसे प्रभावित क्षेत्रों में यात्रा के बाद आए बुखार को लेकर सतर्क रहें और उस पर ध्यान दें.

नगालैंड: लोकसभा उपचुनाव की सारी तैयारियां पूरी

कोहिमा: नगालैंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अभिजीत सिंह ने कहा कि राज्य के एकमात्र लोकसभा क्षेत्र में 28 मई को आयोजित होने वाले उपचुनाव के शांतिपूर्ण आयोजन की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बीती 26 मई संवाददाताओं से कहा कि इस लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 11,97,436 है. इसमें से 6,07,589 पुरुष हैं और 5,89,847 महिला मतदाता चुनाव में मतदान करने के योग्य हैं.

मतों की गिनती 31 मई को की जाएगी.

सिन्हा ने बताया कि 2196 पोलिंग स्टेशन में से 260 को ‘अति संवेदनशील’ और 211 को ‘संवेदनशील’ घोषित किया गया है.

अरुणाचल प्रदेश: नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर विरोध प्रदर्शन

Guwahati: A policecman tries to extinguist a burning tyre as Asom Jatiyatabadi Yuba-Chatra Parishad activists participate in a National Highway Road block program to protest against Citizenship Amendment Bill Act 2016, in Guwahati on Saturday. PTI Photo (PTI5_12_2018_000095B)
नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर उत्तर पूर्व के विभिन्न राज्यों में विरोध प्रदर्शन लगातार जारी हैं. (फोटो: पीटीआई)

ईटानगर: नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 के विरोध में 21 मई को 500 से ज़्यादा छात्र कार्यकर्ताओं ने ईटानगर के आईजी पार्क टेनिस कोर्ट में तीन घंटे से ज़्यादा समय तक धरना दिया.

हाथों में बैनर और तख़्ती थामे ऑल अरुणाचल प्रदेश छात्रसंघ (आपसू) के सदस्यों ने केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी करते हुए विधेयक तत्काल वापस लेने की मांग की.

राज्य में छात्रसंघों की सर्वोच्च इकाई ने साथ ही लोगों से प्रस्तावित विधेयक के विरोध में अपने साथ शामिल होने की भी अपील की. विधेयक का मक़सद भारत में छह साल रहने के बाद अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदायों को नागरिकता देना है.

आपसू सदस्यों ने राज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीडी मिश्रा को ज्ञापन सौंपकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की.

आपसू के अध्यक्ष एच. बगांग ने कहा कि केंद्र में क्षेत्र के मूल निवासियों के प्रति कोई सम्मान नहीं है.

उन्होंने कहा कि आपसू क्षेत्र के मूल निवासियों के हित में पूर्वोत्तर छात्र संगठन (नेसो) के तत्वाधान में इस तरह के और लोकतांत्रिक आंदोलन आयोजित करेगा.

बगांग ने कहा कि राज्य में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी शरणार्थियों से बाहर जाने को कहा जाएगा.

आपसू के महासचिव ताबोम दाई ने संवाददाताओं से कहा कि विधेयक जल्द ही वापस नहीं लिया गया तो आपसू अपनी संघीय शाखाओं के साथ अपना विरोध प्रदर्शन और तेज़ कर देगा.

अरुणाचल प्रदेश: आईटीबीपी ने युवाओं को भर्ती पूर्व प्रशिक्षण का दिया प्रस्ताव

ईटानगर: भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने अरुणाचल प्रदेश के युवाओं को रोज़गार दिलाने में मदद करने के वास्ते उन्हें भर्ती पूर्व प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव दिया है.

आईटीबीपी के महानिदेशक (डीजी) आरके पचनंदा ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू से 22 मई को मुलाकात की और कहा कि इस प्रकार का भर्ती पूर्व प्रशिक्षण युवाओं को वह बुनियादी शारीरिक फिटनेस प्रदान करेगा जो सेना में भर्ती के लिए आवश्यक योग्यता है.

मुख्यमंत्री ने स्थानीय युवकों को भर्ती पूर्व प्रशिक्षण देने के आईटीबीपी डीजी के प्रस्ताव का स्वागत किया और जून के दूसरे सप्ताह में उपायुक्तों के साथ निर्धारित एक बैठक में इस पर समन्वय करने का आश्वासन दिया.

22 मई को जारी विज्ञप्ति में पचनंदा ने कहा कि आईटीबीपी राज्य के सीमावर्ती इलाकों में नियमित अंतराल पर चिकित्सा और स्वास्थ्य शिविर जैसी सेवाएं देने की इच्छुक है.

आईटीबीपी ने अरुणाचल प्रदेश में दस बटालियन तैनात की है. खांडू ने स्थानीय युवाओं के लिए विशेष रूप से दो नई बटालियन गठित करने का अनुरोध किया.

मणिपुर: देश का पहला खेल विश्वविद्यालय स्थापित करने की मंज़ूरी मिली

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: psgfootballacademy.in)
(प्रतीकात्मक फोटो साभार: psgfootballacademy.in)

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मणिपुर में देश का पहला खेल विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिये एक अध्यादेश को बीते 23 मई को मंज़ूरी दे दी.

मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि इंफाल (पश्चिम) में विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए एक विधेयक पहले ही संसद में लंबित है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने के बाद चीज़ें तेज़ी से आगे बढ़ेंगी.

मणिपुर सरकार ने पहले ही प्रस्तावित विश्वविद्यालय के लिए भूमि आवंटित कर दी है. यह अध्यादेश अगस्त 2017 में लोकसभा में पेश विधेयक की तर्ज पर होगा.

फिलहाल देश में कुछ संस्थान हैं जो एथलीट और कोच के लिए विभिन्न तरह के पाठ्यक्रम चलाते हैं.

विधेयक में कहा गया है, ‘खेल विज्ञान, खेल प्रौद्योगिकी, उच्च प्रदर्शन वाले प्रशिक्षण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में देश के खेल वातावरण में रिक्ति है.’

प्रस्तावित विश्वविद्यालय से इस कमी के पूरा होने की उम्मीद है.

मणिपुर में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय स्थापित करने के प्रस्ताव की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. इसके लिए साल 2014-15 के बजट में 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे.

असम: तस्करों से पांच लोगों को बचाया गया

रांगिया: रांगिया रेलवे स्टेशन के निकट कथित रूप से मानव तस्करी के लिए बंद करके रखे गए पांच लोगों को एक मकान से बचाया लिया गया. पुलिस ने बीती 26 मई को यह जानकारी दी.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक गोपनीय सूचना पर पुलिस की एक टीम ने 25 मई को एक मकान में छापा मारकर पांच लोगों को बचाया.

इन पांच लोगों को एक मकान में रखने वाला तस्कर फरार हो गया और उसके पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया गया है.

पूछताछ में इन पांच लोगों ने पुलिस को बताया कि वे रोज़गार की तलाश में असम, मेघालय और पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों से 25 मई को गुवाहाटी के व्यापारिक इलाके पलटन बाज़ार आए थे. इसी दौरान अचानक एक अज्ञात व्यक्ति उनके पास आया और उन्हें जम्मू कश्मीर में बिस्कुट और लौह कारखानों में नौकरी दिलाने की बात कही.

इन लोगों ने पुलिस को बताया कि चार लोगों की उम्र 20 के आसपास है और एक नाबालिग लड़का लगभग 15 वर्ष का है. वे पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में, मेघालय के शिलॉन्ग और असम के हीलेम, घोहपुर और लखीमपुर में गरीब परिवारों से संबंध रखते है. इन लोगों को आठ हज़ार रुपये प्रतिमाह वेतन और अन्य सुविधाएं देने की पेशकश की गई थी.

अज्ञात तस्कर इन लोगों को गुवाहाटी से रांगिया लाया और रेलवे स्टेशन के निकट एक कमरे में बंद कर दिया.

पुलिस ने उनके परिवारों की मदद से इन लोगों को उनके घरों में वापस भेजने के प्रबंध किए है.

इससे पहल रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने असम के कामरूप जिले में रांगिया रेलवे स्टेशन से चार नाबालिग लड़कियों और दो महिलाओं को मुक्त कराया था. उन्हें कथित तौर पर तस्करी करके ले जाया जा रहा था.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक खुफिया सूचना के आधार पर आरपीएफ ने रेलवे स्टेशन के एक प्लेटफॉर्म से बीते 21 मई को छह लोगों को मुक्त कराया. वह मुंबई जाने वाली एक ट्रेन का इंतज़ार कर रहे थे.

पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि वह अपने माता-पिता को बिना बताए घर छोड़ कर आए हैं और उनकी योजना नौकरी की तलाश में मुंबई जाने की थी.

पुलिस ने उनके अभिभावकों को सूचना दी. अभिभावक उन्हें सोनितपुर ज़िले के रांगपारा के निकट मैनजुली टी स्टेट स्थित घर ले गए.

पुलिस ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में आरपीएफ ने नौ नाबालिग लड़कियों और सात महिलाओं को रांगिया रेलवे स्टेशन पर मानव तस्करी से बचाया है.

असम में भारत-बांग्लादेश सीमा दिसंबर तक सील कर दी जाएगी: सोनोवाल

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल. (फोटो: पीटीआई)
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल. (फोटो: पीटीआई)

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा है कि राज्य में असम-बांग्लादेश सीमा दिसंबर तक सील कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सीमा पर नदी वाले हिस्से में तकनीकी तौर-तरीकों और जमीन वाले हिस्से में बाड़ लगाकर सीमा सील की जाएगी.

मुख्यमंत्री पद पर बीते 24 मई को दो साल पूरा करने वाले सोनोवाल ने कहा कि सीमापार घुसपैठ और तस्करी रोकने की राज्य सरकार की पहल के तहत यह कदम उठाया जा रहा है.

सोनोवाल ने गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को बताया कि अपना वादा निभाते हुए सरकार राज्य को ‘आर्थिक तौर पर जीवंत’ बनाने और ‘अवैध प्रवेश एवं उग्रवाद’ रोकने के लिए प्रभावी क़दम उठाएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सीमा पर नदी वाले हिस्से को सील करने के लिए तकनीकी तरीका अपनाया जाएगा जबकि जमीन वाले हिस्से में स्मार्ट बाड़ लगाए जाएंगे.’

नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 के मुद्दे पर असम में व्यापक प्रदर्शन का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने लोगों के हितों के ख़िलाफ़ कभी नहीं जाएगी.

विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में छह साल तक रहने के बाद नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है.

अरुणाचल की सीमा के पास चीन द्वारा सोने की खनन संबंधी की रिपोर्ट की निंदा

बीजिंग: अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर चीन द्वारा बड़े पैमाने पर खनन संबंधी रिपोर्ट की निंदा करते हुए चीन के आधिकारिक मीडिया ने 22 मई को एक खबर की मंशा पर सवाल उठाए और आशा जताई कि भारत इससे ‘उकसावा’ महसूस नहीं करेगा और पिछले महीने के वुहान शिखर सम्मेलन में प्राप्त प्रगति को नुकसान नहीं पहुंचेगा.

हांगकांग स्थित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने 20 मई को ख़बर दी थी कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटे अपने नियंत्रण वाले लहुंजे काउंटी में बड़े स्तर पर खनन शुरू किया जहां सोना, चांदी तथा अन्य बहुमूल्य खनिज का भंडार है जिसकी कीमत 60 अरब डॉलर आंकी गई है.

खबर में दावा किया गया कि चीन तेज़ गति से आधारभूत ढांचे का निर्माण कर रहा है ताकि क्षेत्र को एक और दक्षिण चीन सागर जैसी स्थिति में लाया जा सके.

ख़बर में कहा गया है कि अरुणाचल प्रदेश को अपने नियंत्रण में करने के चीन के क़दम के तहत खनन कार्य किया जा रहा. खबर के मुताबिक परियोजना से वाकिफ़ लोगों ने कहा है कि खनन कार्य दक्षिण तिब्बत पर फिर से दावा पेश करने की बीजिंग की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है.

अखबार ने स्थानीय अधिकारियों, चीनी भूगर्भशास्त्रियों और रणनीतिक विशेषज्ञों से मिली जानकारी के आधार पर यह दावा किया है.

भारत के ख़िलाफ़ कठोर शब्दों का प्रयोग करने के लिए चर्चित ग्लोबल टाइम्स अखबार ने 22 मई की संपादकीय में कहा, ‘आशा है कि भारत इस ख़बर से उकसावा महसूस नहीं करेगा, बीजिंग एवं नई दिल्ली के बीच संबंधों की बड़ी तस्वीर से ध्यान नहीं हटाएंगे और भारत-चीन सहयोग को पटरी से नहीं उतरने देगा.’

संपादकीय में कहा गया कि इस ख़बर में तथ्यात्मक साक्ष्य की कमी है.

इसमें कहा गया कि ख़बर हलचल मचाने वाली थी. लहुंजे कांउटी विवादित क्षेत्र नहीं है. खनन अभियान हो या नहीं हो, यह पूरी तरह से चीन की संप्रभुत्ता के अंतर्गत आता है. भारत-चीन सीमा विवाद दक्षिण चीन सागर मुद्दे से अलग है और इसलिए इन दोनों की तुलना करना काफी अतिशयोक्तिपूर्ण है.

बहरहाल, बीजिंग स्थित चीन भूविज्ञान विश्वविद्यालय के प्राध्यापक झेंग युये के मुताबिक नए पाए गए अयस्क हिमालय क्षेत्र में चीन और भारत के बीच संतुलन को बिगाड़ सकते हैं.

उधर, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु. कांग ने इस रपट के बारे में पूछे जाने पर यहां मीडिया से कहा, ‘मैंने भी इस रिपोर्ट को देखा है. आपने जिस क्षेत्र का उल्लेख किया है वह पूरी तरह से चीन का है.’

कांग ने कहा कि चीन नियमित रूप से अपने क्षेत्र में भूगर्भीय और वैज्ञानिक शोध करता रहता है. यह पूरी तरह चीन का अधिकार है. उन्होंने कहा, ‘चीन हमेशा से पारिस्थितिकीय पर्यावरण के संरक्षण को काफी महत्व देता है. हम उम्मीद करते हैं कि मीडिया इस तरह की आधारहीन खबरों को अधिक महत्व नहीं देगा.’

चीन दक्षिणी तिब्बत के हिस्से के रूप में अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता रहा है.

मालूम हो कि अभी एक महीने पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच प्रथम अनौपचारिक बैठक हुई थी. इस बैठक का उद्देश्य पिछले साल के डोकलाम सैन्य गतिरोध जैसी घटनाओं को टालना था.

गौरतलब है कि डोकलाम गतिरोध ने द्विपक्षीय संबंधों को तनावपूर्ण कर दिया था.

मेघालय: मोबाइल टावर लगाने की योजना को हरी झंडी

(फोटो साभार: ट्विटर)
(फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: सरकार ने मेघालय के टेलीफोनी सेवाओं से वंचित इलाकों में 2जी व 4जी मोबाइल टावर लगाने के प्रस्ताव को 23 मई को मंज़ूरी दे दी. इस पर 3,911 करोड़ रुपये की लागत आएगी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके तहत पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के लिए दूरसंचार परियोजना की कुल राशि बढ़ाई है.

सरकारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 3911 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से मेघालय में पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के लिए विस्‍तृत दूरसंचार विकास योजना (सीटीडीपी) को लागू करने को मंज़ूरी दी गई.

इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्‍तर की सीटीडीपी परियोजना के लिए बढ़ी हुई 8120.81 करोड़ रुपये की राशि को मंज़ूरी दे दी है. इसके लिए धनराशि सार्वभौम सेवा अनुग्रह कोष (यूएसओएफ) द्वारा दी जाएगी.

इस योजना के तहत मेघालय राज्‍य के मोबाइल सेवा से वंचित चिह्नित क्षेत्रों में 2जी व 4जी मोबाइल कवरेज दी जाएगी. इसी तरह मेघालय में राष्‍ट्रीय राजमार्गों के साथ-साथ ही 2जी व 4जी मोबाइल कवरेज का भी प्रावधान है.

पूर्वोत्तर में 5,158 किमी लंबा रेल मार्ग जोड़ने पर काम जारी: गोहेन

अगरतला: रेल राज्य मंत्री राजेन गोहेन ने 22 मई को कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में 40 से अधिक रेल परियोजनाओं पर अभी काम चल रहा है. इनके पूरा होने पर क्षेत्र में 5,158 किमी लंबा रेल मार्ग और जुड़ जाएगा.

अगरतला रेलवे स्टेशन पर हमसफर एक्सप्रेस की दूसरी सेवा को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब के साथ संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाते हुए उन्होंने यह बात कही.

उन्होंने कहा कि क्षेत्र में अभी कुल 43 रेल परियोजनाओं पर काम चल रहा है जिसके लिए 90,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. उनके पूरा हो जाने पर 5,158 किमी रेलमार्ग पूर्वोत्तर में और जुड़ जाएगा.

गोहेन ने कहा कि अगरतला-अखुरा रेल लिंक भारत और बांग्लादेश को पश्चिम त्रिपुरा ज़िला में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित गंगासागर रेलवे स्टेशन के जरिए जोड़ेगा. यह बांग्लादेश स्थित चटगांव बंदरगाह को भी जोड़ेगा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)