उत्तर प्रदेश में बलात्कार और एसिड अटैक पीड़िता को तेज़ाब पिलाया

लखनऊ के पास हुए इस दर्दनाक हादसे में पीड़ित महिला के साथ पहले तीन बार बलात्कार हुआ है और तीन बार तेज़ाब फेंका जा चुका है.

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लखनऊ के पास हुए इस दर्दनाक हादसे में पीड़ित महिला के साथ पहले तीन बार बलात्कार हुआ है और तीन बार तेज़ाब फेंका जा चुका है.

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लखनऊ के अस्पताल में भर्ती पीड़िता (फोटो साभार : भास्कर डॉट कॉम)

उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर हो रही बहस के बीच राजधानी के पास से एक महिला के साथ एक दर्दनाक अपराध की ख़बर आई है. ऊंचाहार से लखनऊ आ रही इस महिला को पैसेंजर ट्रेन में कुछ लोगों ने ज़बर्दस्ती तेज़ाब पिला दिया. 8 साल से अपने साथ हुए बलात्कार के मामले में इंसाफ के लिए लड़ रही इस महिला पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा था.

ऊंचाहार के एक गांव की रहने वाली 35 वर्षीय नीतू (परिवर्तित नाम) के साथ साल 2008 में एक पारिवारिक विवाद के बाद गांव के कुछ लोगों ने बलात्कार किया. बाद में उस पर तेज़ाब भी फेंका गया. नीतू की शिकायत पर तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इन पर मुकदमा भी चल रहा है.

नीतू लखनऊ में एसिड अटैक पीड़िताओं द्वारा चलाए जा रहे एक कैफ़े में काम करती हैं. गांव कनेक्शन की ख़बर के अनुसार बीती जनवरी में कैफ़े में नीतू के नाम धमकी भरा ख़त आया था जिसमें प्रबंधन को संबोधित करते हुए लिखा था कि या तो उसे नौकरी से निकाल दिया जाए, नहीं तो उससे मुकदमा वापस लेने के लिए कहा जाए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो नीतू के शरीर में खून नहीं तेज़ाब दौड़ेगा.

पीड़िता ने अख़बार से बात करते हुए बताया था, ‘2008 में अपने बेटे के साथ टीवी देख रही थी. थोड़ी देरी बाद गांव का एक लड़का भोनू सिंह भी घर टीवी देखने आया. इस दौरान भोनू ने मुझसे छेड़खानी करने की कोशिश की तो मैंने उसे लात मार दी. इस घटना के एक महीने बाद भोनू सिंह के परिवार के लोगों ने मेरे साथ बलात्कार किया. फिर 2011 में उन लोगों ने मुझ पर तेज़ाब डाल दिया. ऐसा मेरे साथ उन्होंने कई बार किया.’

कैफ़े में यह धमकी भरा पत्र आने के बाद उन्होंने इस अख़बार को बताया था, ‘अगर मेरे बच्चे नहीं होते तो मैं आत्महत्या कर लेती. मैं अपने बच्चों के लिए ही ज़लालत की ज़िंदगी जी रही हूं. मेरे जिस्म को नोचा, जलाया और काटा गया. मैं 2008 से मर-मर के जी रही हूं.

यह पत्र आने के बाद स्थानीय पुलिस और जिलाधिकारी को सूचित किया गया था, जिन्होंने सुरक्षा मुहैया करवाने का वादा किया था. पर 23 मार्च को ऊंचाहार से अपने बच्चों से मिलकर लौट रही नीतू को मोहनलालगंज पर ट्रेन में चढ़कर अज्ञात लोगों ने तेज़ाब पिला दिया. नीतू आधी बेहोशी की हालत में जैसे-तैसे चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंची. वहां प्लेटफार्म पर बेसुध पड़ी नीतू को एक महिला दरोगा ने अस्पताल पहुंचाया. गंभीर हालत में उन्हें किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के आईसीयू में भर्ती करवाया गया. जीआरपी के एक इंस्पेक्टर के अनुसार आरोपियों ने पहले इस महिला के साथ मारपीट भी की थी.

उनके पति ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘हमें काफ़ी समय से धमकियां मिल रही थीं. मुख्यमंत्री का आना अच्छा है पर मैं चाहता हूं कि दोषियों को गिरफ्तार किया जाए. मैं गरीब आदमी हूं पर मैं मुकदमा लडूंगा क्योंकि मुझे अपनी पत्नी पर विश्वास है…’

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पीड़िता से मिलने अस्पताल पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो साभार : भास्कर डॉट कॉम)

मीडिया में ख़बर आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हें देखने अस्पताल पहुंचे और बेहतर इलाज का आदेश दिया. उन्होंने पुलिस से दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए भी कहा. साथ ही मुख्यमंत्री ने पीड़िता को एक लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की बात भी कही. इसके बाद राज्य की परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी भी पीड़िता से मिलने पहुंची.

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