गुजरात: समलैंगिक युगल ने की आत्महत्या

महिलाओं ने सुसाइड नोट में लिखा कि समलैंगिक संबंधों को लेकर समाज के रवैये से हो रही थीं मुश्किलें. तीन साल बेटी को भी नदी में फेंका.

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महिलाओं ने सुसाइड नोट में लिखा कि समलैंगिक संबंधों को लेकर समाज के रवैये से हो रही थीं मुश्किलें. तीन साल बेटी को भी नदी में फेंका.

Ahmedabad

अहमदाबाद: एक समलैंगिक युगल ने साबरमती नदी में छलांग लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. आत्महत्या करने से पहले इन दोनों महिलाओं में से एक ने अपनी बच्ची को भी नदी में फेंक दिया.

साबरमती रिवर फ्रंट (पश्चिम) पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि महिला ने एलिसब्रिज के निकट कंक्रीट के रास्ते पर लिपस्टिक से सुसाइड नोट लिखा. फिर यहीं से दोनों महिला नदी में कूद गई.

उन्होंने बताया कि दोनों महिलाओं ने सुसाइड नोट में कथित तौर पर यह लिखा है, ‘हमने एक-दूसरे के साथ रहने के लिए ये दुनिया छोड़ दी है. हमारे साथ कोई आदमी नहीं था, इसलिए दुनिया ने हमें साथ नहीं रहने दिया.

पुलिस अधिकारी के अनुसार समलैंगिक संबंध की वजह से पैदा हो रही समस्याओं से तंग आकर दोनों ने आत्महत्या कर ली.

टाइम्स ऑफ इंडिया की ख़बर के अनुसार, इन दोनों ने कागज़ की एक प्लेट पर भी यह लिखकर छोड़ा, ‘दुनिया ने हमें साथ रहने नहीं दिया. हम दोबारा कब मिलेंगे? हम कब मिलेंगे… शायद अगले अगले जन्म में… हम फिर मिलेंगे.’

मृतकाओं की पहचान 30 वर्षीय आशा ठाकोर और 28 वर्षीय भावना ठाकोर तथा तीन साल की बच्ची मेघा के रूप में हुई है. दोनों महिलाओं के शव दुप्पटे से एक दूसरे से बंधे हुए थे.

आशा बावला की रहने वाली है, जिसकी शादी 10 साल पहले हुई थी. उनकी एक तीन साल की बेटी थी, जिसे उन्होंने नदी में फेंक दिया. उनकी 6 साल की एक और बेटी भी है. राजोडा गांव निवासी भावना के दो बेटे हैं. उनकी शादी को 15 साल हुए थे और उनके 14 और 13 साल के दो बेटे हैं.

सूत्रों के अनुसार दोनों महिलाएं लगभग छह-सात महीने से एक दूसरे के साथ थीं और बावला की एक फैक्ट्री में काम करती थीं. सूत्रों ने यह भी बताया, ‘समुदाय द्वारा उनके संबंधों पर कड़ी आपत्ति जताने पर दोनों ने सामाजिक दबाव से बचने के लिए घर छोड़कर जाने का फैसला लिया था. दोनों ने आठ जून को तीन वर्षीय बेटी मेघा के साथ अपना-अपना घर छोड़कर नया जीवन शुरू किया था.’

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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