कठुआ गैंगरेप: नाबालिग होने का दावा करने वाले आरोपी की उम्र 20 साल से अधिक

कठुआ बलात्कार और हत्या मामले के एक आरोपी ने मैट्रिक प्रमाणपत्र का हवाला देकर ख़ुद के नाबालिग होने का दावा किया था, जिस पर अदालत ने उसकी हड्डियों की जांच का आदेश दिया था.

कठुआ बलात्कार और हत्या मामले के एक आरोपी ने मैट्रिक प्रमाणपत्र का हवाला देकर ख़ुद के नाबालिग होने का दावा किया था, जिस पर अदालत ने उसकी हड्डियों की जांच का आदेश दिया था.

Kathua Gangrape and Murder

पठानकोट: कठुआ बलात्कार और हत्या मामले में खुद के किशोर होने का दावा करने वाले एक आरोपी की उम्र मेडिकल रिपोर्ट में 20 साल से अधिक बताई गई है.

विशेष सरकारी वकील जेके चोपड़ा ने बताया कि जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने यह मेडिकल रिपोर्ट सोमवार को जिला एवं सत्र अदालत को सौंपी.

उन्होंने बताया कि रिपोर्ट सौंप दी गई है और इस पर आखिरी दलील मंगलवार को पूरी होने की उम्मीद है जिसके बाद न्यायाधीश फैसला सुनाएंगे.

गर्मियों की छुट्टियों के बाद मुकदमे की सुनवाई फिर से शुरू हुई है.

गौरतलब है कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश तजविंदर सिंह ने अपराध शाखा को आरोपी प्रवेश कुमार उर्फ मन्नू की हड्डियों की जांच कराने को कहा था, ताकि उसकी वास्तविक उम्र का पता चल सके. जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में जनवरी को आठ साल की एक मासूम बच्ची से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में आठ आरोपियों में वह भी शामिल है.

यह पूछे जाने पर कि आरोपी की उम्र के बारे में डॉक्टरों का क्या कहना है, चोपड़ा ने बताया कि मेडिकल राय के मुताबिक उसकी उम्र 20 साल से अधिक है.

दरअसल, जून के प्रथम सप्ताह में बचाव पक्ष के वकील ने एक अर्जी देकर आरोपी के मैट्रिक प्रमाणपत्र का हवाला देते हुए उसके साथ नाबालिग जैसा सुलूक किए जाने का अनुरोध किया था, जिसके बाद अदालत ने उसकी हड्डियों की जांच कर उसकी वास्तविक उम्र का पता लगाने का आदेश दिया था.

अपराध शाखा ने रेडियोलॉजी विभाग सहित विभिन्न विभागों से मेडिकलकर्मियों की एक टीम बनाई थी और आरोपी की 22 तथा 23 जून को जांच की गई.

उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर कुमार सहित सात आरोपी यहां की अदालत में मुकदमे का सामना कर रहे हैं, वहीं आठवां आरोपी कठुआ जिले में किशोर अदालत में मुकदमे का सामना कर रहा है.

इस बीच, बचाव पक्ष के वकील ने सोमवार को जिला एवं सत्र अदालत में एक अलग अर्जी देकर दावा किया कि कुमार को अपराध शाखा ने 23 जून को कथित तौर पर प्रताड़ित किया. हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने इस आरोप से इंकार किया है.

अर्जी में कहा गया है कि अपराध शाखा कुमार पर मामले में सरकारी गवाह बनने का दबाव डाल रही है. वहीं, पुलिस ने इस आरोप को खारिज कर दिया है.

सामूहिक बलात्कार और हत्या के इस जघन्य मामले के घटनाक्रम की शुरुआत 10 जनवरी को होती है. इस दिन कठुआ ज़िले की हीरानगर तहसील के रसाना गांव की लड़की गायब हो जाती है. वह बकरवाल समुदाय की थी जो एक ख़ानाबदोश समुदाय है. इसका ताल्लुक मुस्लिम धर्म से है.

परिवार के मुताबिक, यह बच्ची 10 जनवरी को दोपहर क़रीब 12:30 बजे घर से घोड़ों को चराने के लिए निकली थी और उसके बाद वो घर वापस नहीं लौट पाई.

फिर क़रीब एक सप्ताह बाद 17 जनवरी को जंगल में उस मासूम की लाश मिलती है. मेडिकल रिपोर्ट में पता चला कि लड़की के साथ कई बार कई दिनों तक सामूहिक दुष्कर्म हुआ है और पत्थर से कूचकर उसकी हत्या की गई थी. उसे भारी मात्रा में नींद की गोलियां दी गई थीं. जिस वजह से वह कोमा में चली गई थी.

अपराध शाखा द्वारा दायर आरोप पत्र के अनुसार, बच्ची का अपहरण, बलात्कार और हत्या अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय को क्षेत्र से हटाने के लिए रची गई एक सोची-समझी साज़िश थी. नाबालिग के लिए एक अलग आरोप पत्र दायर किया गया है.

कठुआ में एक गांव के ‘देवीस्थान’ की देखरेख करने वाले सांजी राम को इस अपराध के पीछे का मुख्य साज़िशकर्ता बताया गया है.

इस अपराध में विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा, दोस्त प्रवेश कुमार उर्फ मन्नू, सांजी राम का भतीजा, बेटा विशाल जंगोत्रा उर्फ ‘शम्मा’ और एक नाबालिग शामिल थे.

आरोप पत्र में जांच अधिकारी हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज और उप निरीक्षक आनंद दत्ता का भी नाम है जिन्होंने कथित तौर पर राम से चार लाख रुपये लिये और अहम साक्ष्य नष्ट किए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25