नफ़रत और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति का परिणाम हैं लिंचिंग की घटनाएं: राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने की घटनाओं से देश के सामाजिक ताने-बाने को अपूर्णीय क्षति पहुंच रही है.

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New Delhi: Congress President Rahul Gandhi addresses the national convention of Other Backward Classes (OBC) department of AICC, at Talkatora Stadium in New Delhi on Monday, June 11, 2018. (PTI Photo/ Manvender Vashist) (PTI6_11_2018_000092B)
राहुल गांधी (फाइल फोटो: पीटीआई)

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने की घटनाओं से देश के सामाजिक ताने-बाने को अपूर्णीय क्षति पहुंच रही है.

New Delhi: Congress President Rahul Gandhi addresses the national convention of Other Backward Classes (OBC) department of AICC, at Talkatora Stadium in New Delhi on Monday, June 11, 2018. (PTI Photo/ Manvender Vashist) (PTI6_11_2018_000092B)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: देश में पीट-पीटकर लोगों की हत्या करने की बढ़ रही घटनाओं के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि लिंचिंग की ये घटनाएं नफरत और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति का परिणाम हैं.

राहुल ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, ‘नफरत और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति से हमारे सामाजिक ताने-बाने को अपूर्णीय क्षति पहुंच रही है.’

उन्होंने दावा किया, ‘राष्ट्र को झकझोर देने वाली लिंचिंग की घटनाएं इस तरह की राजनीति का परिणाम हैं.’

राहुल का निशाना सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर माना जा रहा है. वहीं, राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब गोमांस रखने के शक में झारखंड में पीट-पीटकर मार दिए गए अलीमुद्दीन अंसारी की हत्या के दोषियों का सम्मान करने पर भाजपा सरकार के केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा की आलोचना हो रही है.

भीड़ द्वारा देश भर में पीट-पीट का हत्या करने का सिलसिला जारी

गौरतलब है कि बीते कुछ समय में देश भर से भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. कभी गोरक्षा के नाम पर, कभी गोमांस रखने के नाम पर, तो हालिया समय में बच्चा चोरी के आरोप लगाकर भीड़ द्वारा देश के विभिन्न राज्यों में लोगों की पीट-पीटकर हत्याएं की गई हैं.

2015 में अखलाक की मौत से शुरू हुआ यह सिलसिला पहले गोमांस, गोरक्षा और गोरक्षक तक सिमटा हुआ था, अब इसमें बच्चा चोरी की अफवाहों ने भी जगह बना ली है.

बीते सप्ताह महाराष्ट्र के धुले जिले में ग्रामीणों ने बच्चा चोरी करने वाले गिरोह का सदस्य होने के संदेह में पांच लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी.

तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों पर हमले की एक घटना में भी स्थानीय लोगों ने इस संदेह में दो लोगों को बुरी तरह पीट दिया कि वे एक बच्चे के अपहरण की कोशिश कर रहे थे.

उससे कुछ ही दिन पहले वेल्लूर जिले में हिन्दीभाषी एक व्यक्ति को भी बच्चा चोर होने के शक में ग्रामीणों ने पीट-पीटकर मार डाला था.

वहीं, असम के सोनितपुर में एक गांव की भीड़ ने मानसिक रूप से कमजोर एक महिला को बच्चा चोर समझकर खंभे पर बांधकर प्रताड़ित किया.

ऐसे ही देश के कई राज्यों में बच्चा चोर गैंग के सक्रिय होने की सोशल मीडिया पर अफवाह फैली हुई है.

त्रिपुरा के अलग-अलग हिस्सों में बच्चा चोर होने के संदेह में त्रिपुरा सूचना एवं संस्कृति विभाग के एक सदस्य सहित तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या की दी गई थी.

इससे पहले मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में भी बच्चा चोर गिरोह का सदस्य समझ कर माड़ा थाना क्षेत्र में ग्रामीणों ने बहरूपिये का स्वांग करने वाले एक युवक की बेहरमी से पिटाई की थी. यह युवक पड़ोस के किसी गांव में साड़ी पहनकर नाचने-गाने जा रहा था, जब  रास्ते में लोगों ने बच्चा चोर गिरोह का सदस्य समझ कर बुरी तरह पीट दिया. घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस वहां पहुची और युवक को भीड़ के चंगुल से बचाया.

गुजरात से भी बच्चा चोरी की अफवाह  पर हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं. कुछ दिन पहले गुजरात के कई शहरों में अफवाह के चलते पीट-पीट कर मारने के मामले सामने आए हैं. अहमदाबाद में बच्चा चुराने के शक में एक भीड़ ने 40 वर्षीय महिला की पीट-पीटकर हत्या कर दी.

इसी कड़ी में, उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िले के पिलखुआ क्षेत्र में बीते 18 जून को ग्रामीणों ने गोहत्या के शक में दो मुस्लिम व्यक्तियों को पीटकर घायल कर दिया था. इनमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.

गोहत्या के शक में ही मध्य प्रदेश के सतना जिले के अमगार गांव में भी बीते 17 मई को दो मुस्लिम युवकों पर ग्रामीणों ने मवेशी चोरी और गोवंश की हत्या का आरोप लगाकर हमला कर दिया था, जिसमें एक की मौत हो गई थी और दूसरा कोमा में चला गया था.

छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर ज़िले में ग्रामीणों ने बीते 23 जून को बच्चा चोर होने के संदेह में एक विक्षिप्त व्यक्ति को कथित रूप से पीट-पीटकर मार डाला था. बिहार के पूर्णिया में भी डायन होने के आरोप में एक महिला के अपने ही परिजनों ने उसकी पीट-पीट कर हत्या कर दी.

जून महीने में ही झारखंड के गोड्डा ज़िले के बनकट्टी गांव में मवेशी चोरी के आरोप में सिराबुद्दीन अंसारी और मुर्तजा की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई है. इसी तरह महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले के वैजापुर तालुका के चंदगांव गांव में बीते आठ जून को लुटेरे होने के संदेह में ग्रामीणों की भीड़ ने दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी.

हाल ही में पश्चिम बंगाल में बच्चा चोर होने के संदेह में मालदा जिले में व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इसके अलावा पिछले महीने असम के कार्बी आंगलांग जिले में बच्चा चुराने के शक में संगीतकार और उसके दोस्त की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)