उत्तर प्रदेश: गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या, पत्नी ने जताई थी फ़र्ज़ी एनकाउंटर की आशंका

मामले की न्यायिक जांच के आदेश. जेलर और उपजेलर समेत चार अधिकारी निलंबित. कुख्यात हिस्ट्रीशीटर रहे मुन्ना बजरंगी के ख़िलाफ़ पूर्व भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या समेत लूट और अपहरण के अनेक जघन्य अपराधों के बड़ी संख्या में केस दर्ज हैं.

प्रेम प्रकाश उर्फ़ मुन्ना बजरंगी (फाइल फोटो साभार: ट्विटर)

मामले की न्यायिक जांच के आदेश. जेलर और उपजेलर समेत चार अधिकारी निलंबित. कुख्यात हिस्ट्रीशीटर रहे मुन्ना बजरंगी के ख़िलाफ़ पूर्व भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या समेत लूट और अपहरण के अनेक जघन्य अपराधों के बड़ी संख्या में केस दर्ज हैं.

प्रेम प्रकाश उर्फ़ मुन्ना बजरंगी (फोटो: ट्विटर)
प्रेम प्रकाश उर्फ़ मुन्ना बजरंगी (फोटो: ट्विटर)

बागपत/लखनऊ: पूर्वांचल के कुख्यात गैंगस्टर प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की सोमवार सुबह बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारागार के अंदर हुई इस वारदात को गम्भीरता से लेते हुए न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.

झांसी जेल में बंद मुन्ना बजरंगी को रविवार को पूर्व बसपा विधायक से रंगदारी के मामले में पेशी के लिए बागपत लाया गया था. सुबह करीब 6:30 बजे एक झगड़े के दौरान उसी जेल में बंद सुनील राठी नाम के व्यक्ति ने गोली मारकर हत्या कर दी.

मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक उसे 10 गोलियां मारी गयी हैं. कुख्यात हिस्ट्रीशीटर रहे मुन्ना बजरंगी पर पूर्व भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या समेत लूट तथा अपहरण समेत अनेक जघन्य अपराधों के 40 मुकदमे दर्ज थे.

Baghpat: An ambulance carries the body of gangster Munna Bajrangi, who was shot dead in the Baghpat District Jail, allegedly by an inmate, in Baghpat on Monday, July 9, 2018. (PTI Photo) (PTI7_9_2018_000099B)
बागपत का केंद्रीय कारागार, जहां नौ जुलाई को गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. (फोटो: पीटीआई)

राज्य के पुलिस उपमहानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने बताया कि मुन्ना बजरंगी की सोमवार सुबह ताबड़तोड़ गोलियां मारकर हत्या कर दी गयी. शुरुआती जांच में हत्या में कुख्यात अपराधी सुनील राठी का नाम सामने आ रहा है. जेल के अंदर हथियार कैसे पहुंचा, इसकी जांच की जा रही है.

उन्होंने बताया कि बागपत पुलिस के अनुसार पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में सोमवार को बागपत की एक अदालत में बजरंगी की पेशी होनी थी. बजरंगी को रविवार झांसी जेल से बागपत लाया गया था. उसे तन्हाई बैरक में 10 अन्य कैदियों के साथ रखा गया था. इसी बैरक में कुख्यात अपराधी सुनील राठी और विक्की सुंहेड़ा भी थे.

घटना के बाद जेलर, उप जेलर समेत चार जेलकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. गृह विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार ने लखनऊ में बताया कि बजरंगी की जेल में हत्या के मामले में जेलर उदय प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर शिवाजी यादव, हेड वार्डेन अरजिन्दर सिंह और वार्डेन माधव कुमार को निलंबित कर दिया गया है.

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पूर्वनिर्धारित निर्देशों के अनुसार मामले की न्यायिक जांच की जा रही है.

एडीजी (कारावास) चंद्रप्रकाश ने बताया, ‘सुबह करीब 6 बजे बागपत जिला जेल में झगड़े के दौरान मुन्ना बजरंगी को गोली मारी गई. गैंगस्टर सुनील राठी ने मुन्ना को गोली मारने के बाद हथियार एक गटर में फेंक दिया.’

हत्या के कुछ ही घंटे बाद पुलिस ने अपराध में प्रयुक्त हथियार बरामद करने का दावा किया है. अधिकारियों ने बताया कि बजरंगी की हत्या के आरोपी सुनील राठी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

अवर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने कहा, ‘हत्या में प्रयुक्त पिस्तौल एक नाली से बरामद की गई है.’ 10 खोखे, दो मैगजीन और 22 गोलियां बरामद की गई हैं.

पुलिस उप महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि इस मामले की तीन जांच- मजिस्ट्रेट जांच, जेल प्रशासन की जांच और न्यायिक जांच- की जा रही है. घटनास्थल से 7.62 बोर के 10 खोखे बरामद हुए. कुछ कारतूस भी बरामद किए गए हैं.

उन्होंने बताया कि जेल अधिकारियों ने प्राथमिकी दर्ज करा दी है. बजरंगी को कड़ी सुरक्षा में झांसी से बागपत जेल भेजा गया था. उन्होंने बताया कि राठी के खिलाफ लगभग 20 मुकदमे दर्ज हैं.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बजरंगी की हत्या कथित रूप से सुनील राठी ने की है. वह 31 जुलाई, 2017 से बागपत जेल में बंद है.

इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस वारदात के बारे में उन्होंने पुलिस महानिदेशक और गृह विभाग के प्रमुख सचिव से बात की है. इस प्रकरण में प्रथम दृष्टया जेलर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही न्यायिक जांच के निर्देश भी दिए गए हैं. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘मैंने न्यायिक जांच और जेलर के निलंबन का आदेश दिया है. जेल परिसर के अंदर होने वाली ऐसी घटना एक गंभीर बात है. जिम्मेदार लोगों के खिलाफ गहन जांच और सख्त कार्रवाई की जाएगी.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि बजरंगी अनेक आपराधिक मामलों में लिप्त था, लेकिन जेल के अंदर इस तरह की घटना बेहद गंभीर है. हम इसकी तह में जाएंगे, जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ ठोस कार्रवाई करेंगे.

Lucknow: In this June 29, 2018 photo gangster Munna Bajrangi's wife Seema Singh, along with advocate Vikas Srivastava, addresses a press conference regarding the threat to her husband's life, in Lucknow. Bajrangi was shot dead on Monday inside the Baghpat District Jail by a fellow inmate. (PTI Photo) (PTI7_9_2018_000111B)
29 जून 2018 को गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने अपने वकील विकास श्रीवास्तव के साथ लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पति की हत्या होने की आशंका जताई थी. (फोटो: पीटीआई)

गृह विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार ने लखनऊ में बताया कि बजरंगी की जेल में हत्या के मामले में जेलर उदय प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर शिवाजी यादव, हेड वॉर्डन अरजिंदर सिंह और वॉर्डन माधव कुमार को निलंबित कर दिया गया है.

उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पूर्वनिर्धारित निर्देशों के अनुसार मामले की न्यायिक जांच की जा रही है.

कम उम्र में ही जुर्म की दुनिया में कदम रखने वाले कुख्यात हिस्ट्रीशीटर रहे मुन्ना बजरंगी ने वर्ष 2012 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपना दल के टिकट पर मड़ियाहूं सीट से चुनाव भी लड़ा था.

पत्नी ने जताई थी हत्या की आशंका, गैंगवार में साले की कुछ दिन पहले हुई थी मौत

ज्ञात हो कि करीब हफ्ते भर पहले मुन्ना की पत्नी ने बजरंगी की जान को खतरा बताते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही थी.

29 जून को मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने कहा था, ‘पत्रकारों के माध्यम से मैं अपनी बात माननीय मुख्यमंत्री आदित्यनाथ तक पहुंचाना चाहती हूं कि मेरे पति की जान को खतरा है, उन्हें उचित सुरक्षा दी जाए. उनका फर्जी एनकाउंटर करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है, इस षड्यंत्र में यूपी एसटीएफ, यूपी पुलिस के अधिकारी और कुछ सफेदपोश प्रभावशाली लोग शामिल हैं. ये सब मिलकर इस साजिश को अंजाम देना चाह रहे हैं.’

पिछले दिनों लखनऊ में हुई गैंगवार में बजरंगी के साले पुष्पजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी.

मुन्ना बजरंगी उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल का कुख़्यात गैंगस्टर था, जिसे मऊ से विधायक और माफिया मुख़्तार अंसारी के क़रीबी माना जाता था.

बजरंगी ने 2005 में गाजीपुर के मोहम्‍मदाबाद से भाजपा विधायक कृष्‍णानंद राय समेत छह लोगों की दिनदहाड़े हत्‍या कर दी थी.

साथियों के साथ मिलकर लखनऊ हाइवे पर कृष्णानंद राय की दो गाड़ियों पर एके-47 से सैकड़ों गोलियां बरसाई गयी थीं, जिसमें गाजीपुर से विधायक कृष्णानंद राय के अलावा उनके साथ चल रहे 6 अन्य लोग भी मारे गए थे.

पोस्टमार्टम के दौरान हर मृतक के शरीर से 60 से 100 तक गोलियां बरामद हुईं थी. मुन्ना बजरंगी को 2009 में मुंबई के मलाड इलाके से गिरफ़्तार किया गया था. तब से वो जेल में था.

40 से अधिक मामलों में वांछित बजरंगी ने 17 साल की उम्र में ही रखा था अपराध की दुनिया में क़दम

हत्या और फिरौती समेत 40 से अधिक आपराधिक मामलों में वांछित खूंखार गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी ने महज 17 साल की उम्र में पहला जुर्म किया और देखते ही देखते वह पूर्वांचल में अपराध की दुनिया का बादशाह बन गया.

1967 में जौनपुर के पूरेदयाल गांव में जन्मे मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह था. उसने पांचवीं के बाद पढ़ाई-लिखाई छोड़ दी. बजरंगी के खिलाफ 17 साल की उम्र में ही पुलिस ने मारपीट और अवैध हथियार रखने के आरोप में पहला केस दर्ज किया गया था.

80 के दशक में बजरंगी को जौनपुर के एक स्थानीय माफिया गजराज सिंह का संरक्षण मिल गया. 1984 में बजरंगी ने लूट के लिए एक कारोबारी की हत्या कर दी. गजराज के इशारे पर जौनपुर में बीजेपी नेता रामचंद्र सिंह के मर्डर में भी बजरंगी का नाम सामने आया.

बजरंगी ने 90 के दशक में पूर्वांचल के बाहुबली और नेता मुख्तार अंसारी का दामन थामा . अंसारी ने इसी दौरान अपराध से सियासत का रुख किया. 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर मुख्तार ने मऊ से विधानसभा का चुनाव जीता. इसके बाद बजरंगी का सरकारी ठेकों में दखल बढ़ता गया.

इस इलाके के एक और गैंगस्टर ब्रजेश सिंह से अंसारी की दुश्मनी बढ़ती जा रही थी.
2001 में ब्रजेश सिंह गैंग ने मऊ-लखनऊ हाईवे पर मुख्तार अंसारी गैंग पर घात लगाकर हमला किया. बाद में 2005 में मुन्ना बजरंगी और उसके गैंग ने दिनदहाड़े राय की हत्या कर दी. बजरंगी और उसके गैंग ने राय और उनके छह साथियों की हत्या कर दी.

बजरंगी अपने आपराधिक कृत्यों की वजह से यूपी पुलिस की मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची में शामिल हो गया और एक समय उसके सिर पर सात लाख रुपये का इनाम घोषित था.

राय हत्याकांड में बजरंगी को 2009 में मुंबई के मलाड इलाके से गिरफ्तार किया गया. वह 2009 से जेल में था.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

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