एक बार फिर ‘कड़ी निंदा’ करते हुए राजनाथ सिंह ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताया

संसद में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकारों की है. वे प्रभावी कार्रवाई करें क्योंकि क़ानून और व्यवस्था राज्यों का विषय है.’

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New Delhi: Home Minister Rajnath Singh speaks in the Lok Sabha during the Monsoon session of Parliament, in New Delhi on Thursday, July 19, 2018. (LSTV Grab via PTI) (PTI7_19_2018_000030B)
New Delhi: Home Minister Rajnath Singh speaks in the Lok Sabha during the Monsoon session of Parliament, in New Delhi on Thursday, July 19, 2018. (LSTV Grab via PTI) (PTI7_19_2018_000030B)

संसद में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकारों की है. वे प्रभावी कार्रवाई करें क्योंकि क़ानून और व्यवस्था राज्यों का विषय है.’

New Delhi: Home Minister Rajnath Singh speaks in the Lok Sabha during the Monsoon session of Parliament, in New Delhi on Thursday, July 19, 2018. (LSTV Grab via PTI) (PTI7_19_2018_000030B)
लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि देश में भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने के मामले दुर्भाग्यपूर्ण हैं और केंद्र ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कार्रवाई कर रहा है.

उन्होंने कहा कि इस पर रोकथाम के लिए सोशल मीडिया सेवा प्रदाताओं से भी फर्जी समाचार पर रोक लगाने की व्यवस्था करने को कहा गया है.

लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने के बढ़ते मामलों और असहमति के स्वर को दबाने का विषय उठाया और सरकार से जुड़े लोगों पर ऐसी घटनाओं का समर्थन करने का आरोप लगाया.

इस पर राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सचाई है कि कई प्रदेशों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं घटी हैं. इसमें कई लोगों की जानें भी गई है लेकिन ऐसी बात नहीं है कि इस तरह की घटनाएं विगत कुछ वर्षों में ही हुई हैं. पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं. लेकिन ऐसी घटनाएं चिंता का विषय हैं.

उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग में लोग मारे गए हैं, हत्या हुई और लोग घायल हुए हैं, जो किसी भी सरकार के लिए सही नहीं है. ‘हम ऐसी घटनाओं की पूरी तरह से निंदा करते हैं.’

गृह मंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाएं अफवाह फैलने, फेक न्यूज और अपुष्ट खबरों के फैलने के कारण घटती हैं. ऐसे में राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे प्रभावी कार्रवाई करें क्योंकि कानून और व्यवस्था राज्यों का विषय है.

सिंह ने कहा कि ऐसे मामलों में केंद्र सरकार भी चुप नहीं है. इससे पहले भी साल 2016 में परामर्श जारी किया था और जुलाई के पहले सप्ताह में भी परामर्श जारी किया गया है.

उन्होंने कहा, ‘सोशल मीडिया पर फेक न्यूज के बारे में हमने सोशल मीडिया सेवा प्रदाताओं से अपनी प्रणाली में फर्जी समाचार पर रोक लगाने की व्यवस्था करने को कहा है.’

उन्होंने कहा कि हम ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के बारे में संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से सीधे सम्पर्क में रहते हैं और जो भी अपराधी है, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

सिंह के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया. इससे पहले भीड़ द्वारा हत्या के विषय को उठाते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि संविधान में सभी को समान अधिकार दिया गया है. लेकिन राजनीतिक विरोधियों पर हमले हो रहे हैं, असहमति के स्वर को दबाने का प्रयास हो रहा है.

उन्होंने मॉब लिंचिंग पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की मांग की. कांग्रेस सदस्य ने कहा कि बातचीत और चर्चा स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है. हाल ही में केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज को भी सोशल मीडिया पर आलोचना की स्थिति का सामना करना पड़ा.

उन्होंने कहा कि वह सरकार से आग्रह करते हैं कि सरकार देश में लोकतांत्रिक वातावरण सुनिश्चित करे. उन्होंने कहा कि कुछ ही दिन पहले स्वामी अग्निवेश पर भी झारखंड में हमला किया गया.

वेणुगोपाल ने कहा कि क्या देश में इस तरह का शासन है? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के लोग ऐसी घटनाओं का समर्थन कर रहे हैं. कांग्रेस सदस्य ने आरोप लगाया कि मदर टेरेसा से जुड़ी मिशनरीज आफ चैरिटी को भी निशाना बनाया जा रहा है और इसमें सरकार से जुड़ी एजेंसियां शामिल हैं.