गौरी लंकेश हत्याकांड में एसआईटी ने सातवें संदिग्ध को गिरफ़्तार किया

एसआईटी के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी मोहन नायक को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ ज़िले से 18 जुलाई को गिरफ़्तार किया गया. अदालत ने उसे छह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

Gauri Lankesh Facebook
वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश. (फोटो साभार: फेसबुक)

एसआईटी के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी मोहन नायक को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ ज़िले से 18 जुलाई को गिरफ़्तार किया गया. अदालत ने उसे छह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

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वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश. (फोटो साभार: फेसबुक)

बेंगलुरू: पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने मामले के सातवें संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया है.

एसआईटी के जांच अधिकारी एमएन अंचेत ने बताया, ‘मोहन नायक (50) को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले से गिरफ्तार किया गया.’

उन्होंने बताया कि नायक को 18 जुलाई को गिरफ्तार किया गया और तृतीय अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया. अदालत ने उसे छह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.

इस मामले में छठे संदिग्ध 26 वर्षीय परशुराम वाघमारे को राज्य के विजयपुर जिले से जून में गिरफ्तार किया गया था.

एनडीटीवी की ख़बर के अनुसार, एसआईटी ने अपनी जांच में वाघमारे से पहले पांच अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया था जिसमें केटी नवीन कुमार उर्फ होत्ते मांजा, अमोल काले, मनोहर एडवे, सुजीत कुमार उर्फ प्रवीण और अमित देगवेकर शामिल हैं. बाकी दो आरोपी काले और देगवेकर महाराष्ट्र से हैं जबकि एडवे और सुजीत कुमार कर्नाटक से ताल्लुक रखतें हैं.

न्यूज़ 18 के मुताबिक, इस साजिश में विभिन्न सदस्यों की भूमिका के बारे में जानकारी रखने वाले कम से कम चार लोग अब पुलिस गवाह बन गए हैं. इसमें गिरीश सहित दो अन्य व्यक्ति शामिल हैं. इसमें एक व्यक्ति सुरेश का भी नाम बताया जा रहा है जिसने लंकेश को मारने वालों को अपने घर का इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी.

इससे पहले 15 जून को विशेष जांच दल (एसआईटी) ने दावा किया था कि परशुराम वाघमारे ने गौरी लंकेश की हत्या को अंजाम दिया है. वाघमारे का संबंध दक्षिणपंथी समूहों के साथ बताया जा रहा था.

एसआईटी के एक अधिकारी ने बताया था कि हिंदू दक्षिणपंथी समूहों के लोगों को शामिल कर बनाए गए इस संगठन में 60 सदस्य हैं जो कम से कम पांच राज्यों में फैले हुए हैं लेकिन इस संगठन का कोई नाम नहीं है.

सुजीत कुमार उर्फ प्रवीण गिरोह के लिए लोगों की भर्ती करता था और उसी से पूछताछ के दौरान इस नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ.

उन्होंने बताया कि एसआईटी को संदेह था कि गौरी की हत्या के दौरान तीन और लोग वहां मौजूद थे. यह गिरोह (कन्नड़ लेखक) प्रोफेसर एस. भगवान की हत्या के लगभग अंतिम चरण में था जब इन्हें धर दबोचा गया.

कर्नाटक पुलिस द्वारा भगवान की हत्या की साजिश का खुलासा किए जाने और और गिर‍फ्तार किए गए चार आरोपियों से पूछताछ के दौरान ही गौरी लंकेश की हत्या में इनकी संलिप्तता का संदेह हुआ था.

सूत्रों के अनुसार संदिग्धों से एक डायरी भी बरामद की गई थी जिसमें उन हस्तियों के नाम दर्ज हैं जिन्हें निशाना बनाया जाना था. ये लोग कट्टरपंथी हिंदुत्व के खिलाफ कठोर नज़रिये के लिए चर्चित हैं. इन लोगों में फिल्म एवं रंगमंच हस्ती गिरीश कर्नाड के अलावा कई साहित्यकार और तर्कवादी शामिल थे.

15 जून को आई इस ख़बर में एसआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी कहा कि गौरी और तर्कवादी एवं अंधविश्वास विरोधी गोविंद पानसरे तथा एमएम कलबुर्गी को गोली मारने के लिए एक ही हथियार का इस्तेमाल किया गया.

वहीं मार्च में आई ख़बर के अनुसार, एसआईटी ने हिंदू युवा सेना से जुड़े केटी नवीन कुमार को गौरी लंकेश हत्याकांड में पहला आरोपी बनाया था.

 गौरी लंकेश की हत्या पश्चिम बेंगलुरु स्थित उनके घर के बाहर गोली मारकर बीते वर्ष पांच सितंबर को कर दी गई थी. हमले के वक़्त अज्ञात हमलावर ने हेलमेट पहन रखा था.

वे ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ नाम की साप्ताहिक मैगजीन की संपादक थीं. इस मैगजीन को ‘व्यवस्था विरोधी’ प्रकाशन के रूप में जाना जाता है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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