जम्मू कश्मीर: कठुआ मामले में आरोपियों के पक्ष में आवाज़ उठाने वाले भाजपा नेता ने शुरू किया नया संगठन

भाजपा नेता और जम्मू कश्मीर की महबूबा सरकार में मंत्री रहे चौधरी लाल सिंह ने डोगरा अधिकारों के लिए संघर्ष के दावे के साथ डोगरा स्वाभिमान संगठन की शुरुआत करते हुए कहा कि यह ग़ैर-राजनीतिक संगठन है. प्रदेश भाजपा ने कहा होगी उचित कार्रवाई.

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भाजपा नेता और जम्मू कश्मीर की महबूबा सरकार में मंत्री रहे चौधरी लाल सिंह ने डोगरा अधिकारों के लिए संघर्ष के दावे के साथ डोगरा स्वाभिमान संगठन की शुरुआत करते हुए कहा कि यह ग़ैर-राजनीतिक संगठन है. प्रदेश भाजपा ने कहा होगी उचित कार्रवाई.

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कार्यक्रम में भाजपा नेता चौधरी लाल सिंह (फोटो साभार: डोगरा हेराल्ड)

जम्मू: भाजपा नेता चौधरी लाल सिंह ने रविवार को डोगरा स्वाभिमान संगठन की शुरुआत की. उनका कहना है कि यह एक ‘गैर राजनीतिक’ संगठन है और जम्मू क्षेत्र में डोगरा समुदाय के साथ होने वाले कथित भेदभाव के खिलाफ संघर्ष करेगा.

बशोली विधानसभा क्षेत्र से विधायक लाल सिंह ने जम्मू में हुए एक कार्यक्रम में इस नए संगठन का दृष्टि पत्र (विज़न डॉक्यूमेंट) और झंडा जारी किया.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार इस संगठन का उद्देश्य जम्मू क्षेत्र के लिए न्याय और डोगरा लोगों के सम्मान के लिए लड़ना है. विधायक लाल सिंह ने राज्य के संसाधनों के विभाजन की भी बात कही.

इस कार्यक्रम में उन्होंने दावा किया कि ‘खदानें हमारी हैं, पानी हमारा है, यहां तक कि जंगल भी हमारे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘केवल एक नदी (चिनाब) में 20,000 मेगावाट बिजली पैदा करने की क्षमता है, लेकिन जम्मू में सबसे ज्यादा बिजली की किल्लत है.जम्मू क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों- जंगल, पानी, टूरिज्म, उद्योग आदि से होने वाले लाभ केवल इसी क्षेत्र के लोगों तक सीमित रहेंगे, जिनका इन पर पहला हक़ बनता है. उनकी जरूरतें पूरी होने के बाद ये संसाधन कश्मीर क्षेत्र या देश के बाकी हिस्सों में बांटे जा सकते हैं.’

सिंह ने यह भी कहा कि दोनों क्षेत्रों के लिए अलग पब्लिक सर्विस कमीशन और सर्विस सलेक्शन बोर्ड होना चाहिए. उनका कहना था कि जम्मू के लोगों की ही इस क्षेत्र के लिए बने पदों पर नियुक्ति होनी चाहिए, साथ ही वरिष्ठता और कैडर भी जम्मू केंद्रित होने चाहिए.

लाल सिंह ने राजनीतिक दलों को निशाना बनाते हुए कहा कि भले ही वे सत्ता में रही हों या विपक्ष में, उन्होंने जम्मू के लोगों के लिए कुछ नहीं किया और न ही उन्होंने जम्मू के लोगों को नुकसान पहुंचाने का कोई मौका ही छोड़ा.

लाल सिंह ने जनवरी महीने में हुए कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले में क्राइम ब्रांच की जांच और 4 पुलिसकर्मियों समेत आठ लोगों की गिरफ़्तारी की भी आलोचना की.

मालूम हो कि लाल सिंह जम्मू कश्मीर की भाजपा-पीडीपी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे और उन्हें कठुआ मामले के आरोपियों के पक्ष में निकली एक रैली का हिस्सा होने के चलते अपने सहयोगी चंद्रप्रकाश गंगा के साथ पद छोड़ना पड़ा था.

इसके बाद से सिंह ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में इस मामले की सीबीआई जांच के लिए रैलियां निकाली थीं. रविवार का आयोजन सीबीआई जांच के लिए छेड़े गए उनके अभियान के 100 दिन पूरे होने पर रखा गया था.

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फोटो साभार: ट्विटर

ग्रेटर कश्मीर की खबर के मुताबिक टीचर्स भवन में हुए इस कार्यक्रम में कठुआ मामले पर ‘100 डेज़ ऑफ रसाना केस’ नाम से बनी एक डाक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गयी. इस कार्यक्रम में महिलाओं और युवाओं समेत अच्छी-खासी भीड़ इकठ्ठा हुई थी.

सिंह का कहना है कि यह गैर राजनीति संगठन है, लेकिन संगठन की शुरुआत पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सुनील सेठी का कहना है कि सिंह का दावा तो है कि संगठन राजनीतिक नहीं है, लेकिन विज़न डॉक्यूमेंट में जो चार्टर दिया गया है, वह राजनीतिक है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार सेठी ने कहा, ‘यह एक ऐसा डॉक्यूमेंट है, जिसमें दृढ़ता से क्षेत्रवाद की वकालत की गयी है. पार्टी ने उनके संगठन शुरू करने को गंभीरता से लिया है… हमने उचित कदम उठाने के लिए पार्टी हेडक्वार्टर को नोट भेज दिया है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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