देश में बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से बेचे जा रहे हैं प्रतिबंधित खाद्य पदार्थ: सीएसई रिपोर्ट

गैर-सरकारी संस्था सीएसई ने भारतीय बाज़ारों में उपलब्ध कुछ खाद्य पदार्थों का परीक्षण किया, जिसमें पाया गया कि 32% खाद्य पदार्थ जेनेटिकली मॉडिफाइड यानी जीएम पॉजिटिव हैं, जिन्हें सरकारी मंज़ूरी के बिना नहीं बेचा जा सकता.

गैर-सरकारी संस्था सीएसई ने भारतीय बाज़ारों में उपलब्ध कुछ खाद्य पदार्थों का परीक्षण किया, जिसमें पाया गया कि 32% खाद्य पदार्थ जेनेटिकली मॉडिफाइड यानी जीएम पॉजिटिव हैं, जिन्हें सरकारी मंज़ूरी के बिना नहीं बेचा जा सकता.

FMCG Store Reuters
प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स

नई दिल्ली: गैर-सरकारी संस्था सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की एक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि आनुवांशिक रूप से संशोधित (जेनेटिक मॉडिफाइड यानी जीएम) खाद्य पदार्थों को अवैध तरीके से भारत में बेचा जा रहा है.

जीएम खाद्य पदार्थों को भारत में सरकारी मंजूरी के बिना नहीं बेचा जा सकता है और न ही इसका व्यापार किया जा सकता है. सीएसई ने भारतीय बाजारों में उपलब्ध 65 खाद्य पदार्थों का प्रयोगशाला में परीक्षण किया जिसमें उन्होंने पाया कि 32 प्रतिशत (65 में से 21) खाद्य पदार्थ जीएम पॉजिटिव हैं.

सीएसई रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसआई) की इजाजत के बिना देश में इन खाद्य पदार्थों का उत्पादन, बिक्री और आयात प्रतिबंधित है.

सीएसई ने टेस्ट करने के लिए इन खाद्य पदार्थों को दिल्ली-एनसीआर, पंजाब और गुजरात के खुदरा दुकानों से खरीदा था. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जिन 65 खाद्य पदार्थों का टेस्ट किया गया है उसमें 35 का बाहर से आयात किया जाता है और 30 का घरेलू रूप से उत्पादन किया जाता है.

रिसर्च में पाया गया है कि 80 प्रतिशत (21 में से 16) आयातित उत्पादों में जीएम के अंश हैं. जीएम पॉजिटिव पाए गए उत्पादों में बच्चों का भोजन, खाद्य तेल और स्नैक्स शामिल हैं. इसमें से अधिकतर चीजें कनाडा, अमेरिका, नीदरलैंड, थाईलैंड जैसे देशों से आयात किया जाता है.

सीएसई के उप महानिदेशक चंद्र भूषण ने कहा, ‘विकसित देशों का हर दूसरा उत्पाद जीएम सकारात्मक पाया गया. अमेरिका के 10 उत्पादों में से नौ उत्पाद जीएम सकारात्मक पाये गये.’

उन्होंने कहा, ‘परीक्षण किये गये जीएम खाद्यों में से अधिकांश ने अपने लेबल पर खुलासा नहीं किया और कुछ ने तो जीएम-मुक्त होने का फर्जी दावा भी किया. एफएसएसआई जीएम पदार्थों की अवैध बिक्री रोकने में असफल रहा है.’

इस रिपोर्ट में अमेरिका की एबॉट लेबोरेटरीज समेत कई प्रतिष्ठित कंपनियों के नाम हैं.

वहीं भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने कहा कि पांच प्रतिशत से अधिक जीएम सामग्रियों की मात्रा होने पर लेबल पर सार्वजनिक करना अनिवार्य है. सोया, कपास, मकई या रैपसीड जैसी फसलों को जीएम फसलों के रूप में जाना जाता है. जिन खाद्य पदार्थों को लेकर सीएसई ने अपनी रिसर्च की है वे सभी इन्हीं फसलों से बने हुए थे.

इस पर सीएसई की निदेशक सुनीता नारायण का कहना है कि सरकार कहती है कि उन्होंने जीएम खाद्य उत्पादों के आयात की अनुमति नहीं दी है, तो ये कैसे हो रहा कि हमारे खाने की चीजों में जीएम पदार्थ हैं. उन्होंने कहा कि हमने पाया है कि इस लेकर कानून में कोई समस्या नहीं है बल्कि नियामक एजेंसियां इसके लिए जिम्मेदार हैं.

सीएसई ने कपास के तेल का पांच नमूनों परीक्षण किया जिसमें से सभी पॉजिटिव पाए गए. दरअसल बीटी कॉटन एकमात्र जीएम फसल है जिसे देश में खेती के लिए इजाजत मिली हुई है.

सीएसई ने अपनी रिपोर्ट में मांग किया है कि बाजार में बेचे जाने वाले सभी जीएम उत्पादों की पहचान करनी चाहिए और कंपनियों और व्यापारियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए.

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन संस्था जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रूवल कमेटी (जीईएसी) की मंजूरी के बिना किसी भी जीएम खाद्य पदार्थ के आयात, निर्यात, परिवहन, निर्माण, उपयोग या बिक्री पर सख्ती से प्रतिबंध है.

जीएम उत्पाद क्यों हैं हानिकारक

सुनीता नारायण कहती हैं, ‘जीएम उत्पाद, खासकर खाने वाली चीजें, हमारी सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल खड़ा करते हैं. क्योंकि जीएम खाद्य पदार्थों में दूसरे जीवों के जीन (डीएनए) को लेकर खाद्य फसलों में डाल दिया जाता है. इस बात को लेकर चिंता है कि विदेशी डीएनए की वजह से विषाक्तता, एलर्जी, पोषण और अनपेक्षित प्रभाव जैसे खतरे पैदा हो सकते हैं.’

भारत समेत दुनिया भर के कई देशों ने जीएम खाद्य पदार्थों पर कड़े नियम बनाये हैं. इन पदार्थों की मंजूरी और लेबलिंग के लिए कड़े नियम हैं.

यूरोपियन यूनियन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ब्राजील और साउथ कोरिया जैसे देशों ने ये अनिवार्य कर दिया है कि अगर किसी खाद्य पदार्थ में जीएम की मौजूदगी है तो कंपनी अपने उत्पाद पर इसे लेबल करे यानी लिखे ताकि ग्राहक के पास ये जानकारी हो कि वे क्या खा रहे हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq