बिहार बालिका गृह बलात्कार मामला: मुज़फ़्फ़रपुर सहित समाज कल्याण विभाग के छह अधिकारी निलंबित

मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह से कथित रूप से भागी चार में से एक लड़की उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मिली है. वह उन चार लड़कियों में शामिल थी जो भागने में कामयाब रहीं जबकि तीन अन्य की मौत हो चुकी है.

(फाइल फोटो: पीटीआई)

मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह से कथित रूप से भागी चार में से एक लड़की उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मिली है. वह उन चार लड़कियों में शामिल थी जो भागने में कामयाब रहीं जबकि तीन अन्य की मौत हो चुकी है.

 (फाइल फोटो: पीटीआई)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

पटना: बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर जिले में एक बालिका गृह में 34 लडकियों के साथ यौन शोषण मामले की सीबीआई जांच के बीच राज्य के समाज कल्याण विभाग ने मुज़फ़्फ़रपुर बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक सहित मुंगेर, अररिया, मधुबनी, भागलपुर और भोजपुर जिलों की बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशकों को भी निलंबित कर दिया है.

समाज कल्याण विभाग द्वारा इस संबंध में शनिवार देर रात जारी अलग-अलग अधिसूचनाओं के अनुसार निलंबन की कार्रवाई जिन बाल संरक्षण इकाईयों के पदाधिकारियों के खिलाफ की गई है उनमें दिवेश कुमार शर्मा (मुज़फ़्फ़रपुर), सीमा कुमारी (मुंगेर), घनश्याम रविदास (अररिया), कुमार सत्यकाम (मधुबनी), गीतांजलि प्रसाद (भागलपुर) और आलोक रंजन (भोजपुर) शामिल हैं.

सामाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक द्वारा हस्ताक्षरित निलंबन अधिसूचनाओं में कहा गया है कि मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की कोशिश टीम की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में इन अधिकारियों के अंतर्गत संचालित संस्थानों में वहां रहने वाली बच्चियों के साथ मारपीट, अभद्र व्यवहार, और अन्य अवांछित कार्य किए जाने की स्थिति के बारे में जानकारी होने के बावजूद उनके द्वारा आवश्यक कानूनी कार्रवाई नहीं की गई.

अपने निरीक्षण रिपोर्ट में भी उन्होंने उक्त संस्थानों की वस्तुस्थिति से उच्च अधिकारियों को अवगत नहीं कराया गया.

इन अधिसूचनाओं में कहा गया है कि बीते 26 मई की राज्य स्तरीय बैठक में टीआईएसएस की रिपोर्ट में इन जिलों के बाल संरक्षण इकाई पदाधिकारियों को कार्रवाई किए जाने के लिए निर्देशित किया गया था पर उनकी लापरवाही और कर्तव्यहीनता से दोषियों के विरूद्ध समय रहते कार्रवाई नहीं होने से विभाग और सरकार के सामने असहज स्थिति उत्पन्न हुई है.

उल्लेखनीय है कि विपक्षी दलों द्वारा मुज़फ़्फ़रपुर मामले में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी और मंजू वर्मा के मंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने की लगातार मांग के साथ यह सवाल उठाया जा रहा था कि टीआईएसएस की रिपोर्ट आने के करीब दो महीने के बाद विभाग द्वारा उक्त मामले में कार्रवाई क्यों शुरू की गयी.

भागने वाली चार लड़कियों में से एक लखनऊ में मिली

वहीं मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह से कथित रूप से भागी चार में से एक लड़की उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मिली है. पुलिस सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि लड़की लखनऊ में एक आश्रय गृह में रह रही थी.

मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह के रिकार्ड के अनुसार, वह उन चार लड़कियों में शामिल थी जो भागने में कामयाब रही थी जबकि तीन अन्य की मौत हो चुकी है. मुज़फ़्फ़रपुर की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर ने इससे पहले कहा था कि पुलिस सातों लड़कियों के मामलों का सत्यापन कर रही है.

बता दें कि बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले में 31मई को एक बालिका गृह में बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया था. कुछ बच्चियों के गर्भवती होने की भी पुष्टि हुई थी.

उसके बाद मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार इस बालिका गृह में रह रहीं 42 लड़कियों में से 34 के साथ बलात्कार होने की पुष्टि हो गई थी. बलात्कार की शिकार हुई लड़कियों में से कुछ 7 से 13 साल के बीच की हैं.

बताया जा रहा है कि बलात्कार से पहले लड़कियों को मिर्गी का इंजेक्शन देकर उन्हें बेहोश किया जाता था. लड़कियों के इलाज के लिए बालिका गृह के ऊपर एक कमरा बना हुआ था जहां से पुलिस ने छापा मारकर 63 तरह की दवाएं जब्त की हैं.

मामला तब सामने आया जब इस साल के शुरू में मुंबई के एक संस्थान टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज़ (टिस) की ‘कोशिश’ टीम ने अपनी समाज लेखा रिपोर्ट में दावा किया था कि बालिका गृह की कई लड़कियों ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की है. उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है और आपत्तिजनक हालातों में रखा जाता है.

बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर स्थित एक एनजीओ द्वारा संचालित बालिका गृह में रहने वाली बच्चियों से बलात्कार मामले में ब्रजेश ठाकुर मुख्य आरोपी हैं. 

पिछले दिनों उनके गैर सरकारी संगठन द्वारा संचालित एक अन्य स्वयं सहायता समूह के परिसर से 11 महिलाओं के लापता होने के बाद ठाकुर के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई है.

इस मामले में बालिका गृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर सहित कुल 10 आरोपियों- किरण कुमारी, मंजू देवी, इंदू कुमारी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, विकास कुमार एवं रवि कुमार रौशन को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.

मुज़फ़्फ़रपुर के बालिका गृह में रहने वाली लड़कियों का मानसिक, शारीरिक और यौन उत्पीड़न करने के मामले में ठाकुर न्यायिक हिरासत में हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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