आरुषि-हेमराज हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने तलवार दंपत्ति के ख़िलाफ़ सीबीआई की याचिका मंज़ूर की

शीर्ष अदालत में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा तलवार दंपत्ति को बरी किए जाने के निर्णय को चुनौती दी गई है.

New Delhi: File photo of destist-couple Nupur Talwar and Rajesh Talwar, who were on Thursday acquitted by the Allahabad High Court in the twin murder case of her daughter Aarushi and domestic help Hemraj. PTI Photo (PTI10_12_2017_000074B) *** Local Caption ***

शीर्ष अदालत में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा तलवार दंपत्ति को बरी किए जाने के निर्णय को चुनौती दी गई है.

Ghaziabad: Dentist-couple Nupur and Rajesh Talwar coming out of the Dasna Jail in Ghaziabad on Monday after they were released following their acquittal in the twin murder case of their daughter Aarushi and domestic help Hemraj. PTI Photo    (PTI10_16_2017_000116B)
राजेश और नूपुर तलवार (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट 2008 के आरुषि-हेमराज हत्याकांड में राजेश और नूपुर तलवार को बरी करने के फैसले के खिलाफ सीबीआई की अपील पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है.

जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि सीबीआई की अपील पर हेमराज की पत्नी द्वारा दायर अपील के साथ ही सुनवाई की जाएगी. पीठ ने जांच ब्यूरो की अपील विचारार्थ स्वीकार कर ली.

इन दोनों अपील में तलवार दंपत्ति को बरी करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के 12 अक्टूबर, 2017 के निर्णय को चुनौती दी गई है.

जांच ब्यूरो की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल मनिन्दर सिंह ने इस मामले में पहले से ही लंबित हेमराज की पत्नी की अपील का हवाला दिया. इस पर पीठ ने कहा कि जांच ब्यूरो की अपील उसके साथ ही संलग्न की जायेगी.

दंत चिकित्सक दंपत्ति राजेश और नूपुर तलवार की 14 वर्षीय बेटी आरुषि मई, 2008 को अपने नोएडा स्थित घर में मृत मिली थी. आरुषि की गर्दन किसी धारदार वस्तु से काटी गई थी. इस मामले की जांच के दौरान शुरू में संदेह घरेलू सेवक हेमराज पर गया क्योंकि वह लापता था परंतु दो दिन बाद घर की छत से उसका छव बरामद हो गया था.

इस दोहरे हत्याकांड में गाजियाबाद स्थित सीबीआई की अदालत ने 26 नवंबर, 2013 को तलवार दंपत्ति को उम्र कैद की सजा सुनाई थी.

तलवार दंपत्ति ने अदालत के इस निर्णय को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने तलवार दंपत्ति को बरी करते हुए कहा था कि मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता.

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