बाढ़ प्रभावित केरल में अब भी हज़ारों लोगों को है सुरक्षित निकाले जाने का इंतज़ार

बारिश के बीच भूस्खलन की घटनाएं बढ़ीं. केरल सरकार ने आपदा से 19,512 करोड़ रुपये की क्षति की सूचना दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 करोड़ रुपये की घोषणा की, जबकि राज्य सरकार ने 2,000 करोड़ रुपये की सहायता मांगी है.

Kochi: Rescue workers row a boat carrying locals who were stranded in floods following heavy monsoon rainfall, in Kochi on Saturday, Aug 18, 2018. (PTI Photo) (PTI8_18_2018_000082B)
Kochi: Rescue workers row a boat carrying locals who were stranded in floods following heavy monsoon rainfall, in Kochi on Saturday, Aug 18, 2018. (PTI Photo) (PTI8_18_2018_000082B)

बारिश के बीच भूस्खलन की घटनाएं बढ़ीं. केरल सरकार ने आपदा से 19,512 करोड़ रुपये की क्षति की सूचना दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 करोड़ रुपये की घोषणा की, जबकि राज्य सरकार ने 2,000 करोड़ रुपये की सहायता मांगी है.

Kochi: People being rescued from flood-affected regions and taken to shelter camps in trucks following heavy monsoon rainfall, in Kochi on Saturday, Aug 18, 2018. (PTI Photo) (PTI8_18_2018_000109B)
कोच्चि में बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है. (फोटो: पीटीआई)

तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली: केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों में हज़ारों लोग अब भी सुरक्षित निकाले जाने की आस लगाए हुए हैं जहां पिछले 10 दिनों में मरने वालों की संख्या 197 पर पहुंच गई है.

अलप्पुझा, त्रिशूर और एर्णाकुलम ज़िलों के कई इलाकों में अब भी कई लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं जहां उनके पास भोजन और पानी की कोई व्यवस्था नहीं है.

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 18 अगस्त को बाढ़ प्रभावित केरल का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद राज्य को तत्काल 500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की. हालांकि केरल सरकार ने 2000 करोड़ रुपये की तत्काल सहायता मांगी थी और प्रधानमंत्री को सूचित किया कि इस आपदा में राज्य को 19 हज़ार 512 करोड़ रुपये की क्षति पहुंची है.

500 करोड़ रुपये की यह सहायता 12 अगस्त को गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा घोषित 100 करोड़ रुपये की सहायता के अतिरिक्त है.

बहरहाल मोदी ने कोच्चि में एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने सभी मृतकों के परिजन को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि और गंभीर रूप से घायल लोगों को 50-50 हज़ार रुपये देने की भी घोषणा की.

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इडुक्की ज़िले में सबसे ज़्यादा लोगों के मरने की खबरें आईं हैं जहां अब तक 43 लोग अपनी जान गंवा चुके है.

मलप्पुरम में 28 और त्रिशूर में 27 लोगों की मौत की ख़बर आई है.

राजस्व अधिकारियों के मुताबिक अलप्पुझा ज़िले के चेंगानुर में कम से कम 5,000 लोग फंसे हुए हैं. राज्य भर के राहत शिविरों में करीब छह लाख लोग मौजूद हैं.

पतनमथिट्टा ज़िले के रन्नी में राहत शिविर में मौजूद एक महिला ने कहा, ‘यह हमारे लिए दूसरा जन्म है. पिछले चार दिनों में हमारे पास कोई खाना नहीं है और चारों तरफ़ गले तक पानी भरा हुआ था.’

Kochi: Rescue workers row a boat carrying locals who were stranded in floods following heavy monsoon rainfall, in Kochi on Saturday, Aug 18, 2018. (PTI Photo) (PTI8_18_2018_000082B)
राहत और बचाव कार्य में कर्मचारी कोच्चि में बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं. (फोटो: पीटीआई)

एर्णाकुलम के परावुर में छह लोगों के मारे जाने की ख़बर आई जहां बुधवार रात चर्च का एक हिस्सा गिर गया था.

जीवित बचाए गए एक व्यक्ति ने गुस्सा ज़ाहिर करते हुए एक टीवी चैनल को बताया कि कम से कम 600 लोग चर्च में फंसे हुए हैं और अब तक कोई भी उनकी मदद को नहीं पहुंचा है.

हालांकि चर्च में छह लोगों के मारे जाने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

कृषि मंत्री वीएस सुनील कुमार ने बताया कि त्रिशूर ज़िले में करीब दो लाख लोग राहत शिविर में हैं.

कुछ राहत देते हुए कोच्चि नेवल हवाई अड्डा 20 अगस्त से यात्री विमानों का परिचालन शुरू करेगा.

रेलवे ने कम से कम 18 ट्रेनें रद्द कर दी हैं और आज कन्याकुमारी-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस को दूसरे मार्ग पर मोड़ दिया है.

हज़ारों लोग बचाए गए, बारिश और भूस्खलन का प्रकोप जारी

इसके इतर राज्य के कुछ हिस्सों में नए सिरे से बारिश और भूस्खलन की घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी है. सेना, एनडीआरएफ कर्मियों, मछुआरों और स्थानीय लोगों ने अपने घरों की छतों और निर्जन घरों में फंसे हज़ारों लोगों को बचाया है.

Kochi: A bed-ridden patient being rescued from a flood affected region following heavy monsoon rainfall, in Aluva at Kochi on Saturday, Aug 18, 2018. (PTI Photo) (PTI8_18_2018_000084B)
कोच्चि के नज़दीक अलुवा में फंसे एक बीमार व्यक्ति को बचाया गया. (फोटो: पीटीआई)

इडुक्की के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में नए सिरे से भूस्खलन की खबर है.

पांडानाद, अरानमुला और नेनमारा सहित कई स्थानों पर शवों को पानी में तैरते हुए देखा गया. वहां दो दिन पहले जबर्दस्त भूस्खलन हुआ था.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और बच्चों सहित बड़ी संख्या में लोगों को इमारतों से एयरलिफ्ट किया गया, जबकि कई अन्य को सेना की नौकाओं, मछली पकड़ने वाले बड़े जहाजों और अस्थायी नौकाओं में बाहर निकाला गया.

राज्य के सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पैक्ड हाउस बोट और रबर की नौकाओं को जलमग्न सड़कों से गुज़रते देखा जा सकता है.

हालांकि, बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित पथनमथिट्टा और चेंगानूर जैसे स्थानों में लोगों ने कहा कि सैकड़ों लोगों को अब भी निकाला जाना बाकी है.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अलग-थलग इलाकों और घरों के बारे में जानकारी की कमी की वजह से माना जाता है कि बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए हैं. बचावकर्मियों के लिए यह चिंता का विषय है.

एर्नाकुलम ज़िले में मुख्य रूप से परावुर और अलुवा तालुक में 54,000 से अधिक लोगों को बचाया गया है. वहां पिछले दो दिनों में भारी बारिश और गंभीर जल जमाव देखा गया.

उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों से कोच्चि के पास कलाडी में श्री शंकराचार्य विश्वविद्यालय के परिसर में एक इमारत में फंसे हुए 600 से ज़्यादा छात्रों को बीते 18 अगस्त को बचाया गया.

नौसेना के सूत्रों के मुताबिक, कलाडी से दो-दो सगे भाई बहनों को बचाया गया और उन्हें कोच्चि में नौसेना के अड्डे पर लाया गया और वे अपने माता-पिता से मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

स्थानीय नेताओं ने कहा कि एर्नाकुलम ज़िले के परावुर क्षेत्र में हज़ारों लोग फंसे हुए हैं. अभी तक कई लोगों के फंसे होने के मद्देनज़र अधिकारियों ने बचाव अभियान के लिए निजी नौकाओं और स्कूल बसों को देने के आदेश जारी किए है.

मिशन में मछली पकड़ने की नौका का पहले ही इस्तेमाल किया जा रहा है. पलक्कड़ ज़िले में नेल्लियंपैथी का संपर्क पूरी तरह से कट गया है क्योंकि एक पुल बह गया है और लगातार बारिश और भूस्खलन में सड़क पर भारी चट्टान गिर गए हैं.

जिला अधिकारियों ने पथनमथिट्टा में कक्की बांध के डाउनस्ट्रीम में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा है क्योंकि चार में से तीन शटर 75-90 सेमी तक उठाए गए हैं.

मौसम विभाग के अनुसार, उन्होंने कहा कि इडुक्की ज़िले में बीते 18 अगस्त सर्वाधिक वर्षा हुई. मुन्नार और पीरमेड कस्बों में क्रमशः 11 सेमी और 10 सेमी बारिश दर्ज की गई.

एनडीआरएफ ने केरल में अब तक का सबसे बड़ा अभियान छेड़ा, 58 टीमें लगाई गईं

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बारिश और बाढ़ से जूझ रहे केरल के विभिन्न इलाकों से 10 हज़ार से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला है और कहा है कि उसने अब तक का देश का सबसे बड़ा राहत और बचाव अभियान छेड़ा है.

एनडीआरएफ के एक प्रवक्ता ने कहा कि उसकी कुल 58 टीम राहत एवं बचाव काम के लिए केरल में तैनात की गई हैं. उनमें से 55 टीम वहां काम कर रही हैं जबकि तीन टीम रास्ते में है.

प्रवक्ता ने कहा, ‘बाढ़ से जूझ रहे केरल राज्य में बल ने अपना राहत एवं बचाव अभियान तेज कर दिया है.’

उन्होंने कहा, ‘2006 में इसके गठन के बाद से किसी एक राज्य में अब तक की सबसे बड़ी तैनाती है और इस तरह यह अब तक का हमारा सर्वाधिक बड़ा आपदा मोचन अभियान है.’

आपदा मोचन बल की हर टीम में 35-40 कर्मचारी हैं.

बीते 18 अगस्त को प्रवक्ता ने बताया कि इन टीमों ने अब तक 194 लोगों और 12 जानवरों को बचाया है और 10,467 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.

एनडीआरएफ की टीम अभी त्रिचुर (15), पथनमथिट्टा (13), अलापुझा (11), एर्णाकुलम (5), इडुक्की (4), मलापुरम (3) वायनाड और कोझीकोड (दो-दो) में काम कर रही हैं.

प्रवक्ता ने कहा कि यहां एक नियंत्रण कक्ष दिन-रात हालात पर निगाह रखे है और प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने में लगी अन्य एजेंसियों के साथ संपर्क में है.

त्रासदी की घड़ी में केरल की मदद को आगे आया अमीरात

दुबई: त्रासदी की इस घड़ी में केरल की तरफ़ मदद की हाथ बढ़ाते हुए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के प्रधानमंत्री और दुबई के शाह शेख़ मोहम्मद बिन राशिद अल मक्तुम ने राज्य में बारिश और बाढ़ की आपदा से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए आपात समिति बनाने का आदेश दिया है.

अंग्रेज़ी और मलयाली भाषाओं में किए गए कई ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘केरल के लोग हमेशा और अब भी यूएई की सफलता के साझीदार रहे हैं. प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने और उनकी मदद करने की हमारी ख़ास ज़िम्मेदारी बनती है. ख़ास तौर से इस पाक महीने में.’

गौरतलब है कि सालान हज 19 अगस्त से शुरू हो रहा है. इसका समापन 22 अगस्त को ईद-उल-अजहा के साथ होगा.

अल मक्तुम ने ट्वीट संदेश में कहा, ‘हमने एक समिति गठित की है जो तत्काल प्रभाव से काम करेगी. हम सभी लोगों से इस काम में दिल खोलकर मदद करने की अपील करते हैं.’

एक अन्य ट्वीट में अमीरात के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत का केरल राज्य अभी भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है. सैकड़ों लोग मारे गए हैं, लाखों लोग बेघर हो गए हैं। बकरीद से पहले भारत में अपने भाइयों के लिए मदद का हाथ बढ़ाना न भूलें.’

इस बीच, अमीरात में भारत के राजदूत नवदीप सिंह सूरी ने कहा कि वह यूएई में बाढ़ पीड़ितों के लिए समर्थन और धन जुटाने के मक़सद से सामुदायिक संगठनों, कार्यकताओं और उद्योगतियों तथा व्यावसायियों के साथ बैठक करेंगे.

इस बीच तमाम राज्य सरकार ने केरल की मदद के लिए सहायता राशि की घोषणा की है.

केरल में 20 अगस्त से वर्षा में आएगी कमी: मौसम विभाग

भारतीय मौसम विभाग ने बीते 18 अगस्त को कहा कि केरल में अगले दो से तीन दिनों में वर्षा में कमी आएगी. केरल भारी वर्षा के चलते बाढ़ से प्रभावित है.

मौसम विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक मृत्युंजय मोहपात्रा ने कहा कि केरल में 20 अगस्त से भारी वर्षा होने की उम्मीद नहीं है.

उन्होंने कहा कि इस दक्षिणी राज्य में एक अगस्त से 17 अगस्त तक सामान्य से 170 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई.

उन्होंने कहा, ‘बीते 16 अगस्त को केरल के लगभग सभी ज़िलों में भारी वर्षा हुई. 17 अगस्त को तीन से चार जिलों में भारी वर्षा हुई. 18 अगस्त को हम छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन बहुत भारी वर्षा नहीं.’

उन्होंने कहा, ‘20 अगस्त से हम भारी वर्षा की उम्मीद नहीं कर रहे हैं. धीरे-धीरे वर्षा में कमी आएगी.’

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. राजीवन ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है लेकिन इसका केरल पर कोई प्रभाव नहीं होगा.

पश्चिम रेलवे ने केरल के लिए विशेष ट्रेन से नौ लाख लीटर पेयजल भेजा

राजकोट (गुजरात): पश्चिम रेलवे ने बाढ़ प्रभावित केरल के लिए नौ लाख लीटर पेयजल के साथ विशेष ट्रेन को रवाना किया.

पश्चिम रेलवे के राजकोट खंड की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया, ‘मूसलाधार बारिश से केरल बुरी तरह प्रभावित हुआ है. पश्चिम रेलवे ने पानी ले जाने के लिए एक विशेष ट्रेन को रवाना किया.’

इसमें कहा गया, ‘15 डिब्बे वाली यह ट्रेन नौ लाख लीटर पेयजल लेकर गई है. यह बीते 17 अगस्त को (मध्यप्रदेश में) रतलाम से पालघाट (पलक्कड़) के लिए रवाना हुई.’

विज्ञप्ति में कहा गया, ‘इस विशेष ट्रेन का प्रत्येक डिब्बा पेयजल से भरा है और ट्रेन रवाना करने से पहले गुणवत्ता का परीक्षण हुआ.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)