भाजपा के अलावा सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव में ख़र्च सीमित करने पर सहमति जताई

मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि आयोग ने ईवीएम की गड़बड़ी मामले में गंभीरता से संज्ञान लिया है और आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले इसका समाधान निकाल लिया जाएगा.

/
New Delhi: Chief Election Commissioner O P Rawat during a meeting of all National & State recognized Political Parties to discuss issues related to Electoral Process, in New Delhi on Monday,Aug 27,2018. Election Commissioners Sunil Arora and Ashok Lavasa are also seen. (PTI Photo/Manvender Vashist)(PTI8_27_2018_000022A)

मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि आयोग ने ईवीएम की गड़बड़ी मामले में गंभीरता से संज्ञान लिया है और आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले इसका समाधान निकाल लिया जाएगा.

New Delhi: Chief Election Commissioner O P Rawat during a meeting of all National & State recognized Political Parties to discuss issues related to Electoral Process, in New Delhi on Monday,Aug 27,2018. Election Commissioners Sunil Arora and Ashok Lavasa are also seen. (PTI Photo/Manvender Vashist)(PTI8_27_2018_000022A)
नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत (बीच में) (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: भाजपा के अलावा सभी बड़ी राजनीति दलों ने पार्टी द्वारा चुनाव में ख़र्च की एक सीमा तय करने की बात कही है.

बीते सोमवार को चुनाव आयोग द्वारा आयोजित सर्वदलीय बैठक में राजनीतिक पार्टियों की फंडिंग और उनके द्वारा चुनाव में किए जाने वाला ख़र्चा बहस का मुख्य मुद्दा था.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक भाजपा के महासचिव भूपेंद्र यादव, जो कि केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के साथ चुनाव आयोग की बैठक में भाजपा का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, ने कहा कि चूंकि सभी राजनीतिक दलों को अपनी आयकर फाइलिंग में अपना व्यय घोषित करना होता है, इसलिए इसमें किसी प्रकार की कैपिंग (सीमा) नहीं लगाई जानी चाहिए.

यादव ने कहा कि चुनाव मुद्दों पर आधारित होना चाहिए, न कि जाति या बाहुबल या आपराधिक शक्ति पर. पार्टियों के लिए चुनाव ख़र्च की सीमा तय नहीं होनी चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘पार्टियों को ज़्यादा से ज़्यादा प्रचार करने का अवसर और सुविधा देनी चाहिए.’ यादव ने कहा कि पार्टियों के क्राउड-फंडिंग में पार्दर्शिता होनी चाहिए.

भाजपा ने एक बयान जारी कर कहा कि चुनाव आयोग ख़र्च की सीमा तय करने के बजाय पार्टियों की फंडिंग में एक बेहतर पार्दर्शिता ला सकता है.

वहीं कांग्रेस ने पार्टी द्वारा चुनाव में ख़र्च की एक सीमा तय करने के मुद्दे पर कोई आपत्ति जाहिर नहीं की. हालांकि मामले में छोटी और क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों के मुकाबले कांग्रेस उतनी ज़्यादा मुखर नहीं थी.

कांग्रेस की तरफ से मुकुल वास्निक और मुहम्मद खान ने आयोग की मीटिंग में पार्टी का पक्ष रखा. वास्निक ने कहा, ‘पार्टी इस विचार का समर्थन करती है लेकिन इसके लिए एक फार्मूला तैयार करना होगा कि इसे कैसे लागू किया जा सकता है.’

बाद में, कांग्रेस ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि वे चुनाव में पार्टी द्वारा ख़र्च को सीमित करने के प्रस्तावित संशोधन प्रस्ताव का पूरी तरह से स्वागत करते हैं.

अन्य पार्टियां इस मुद्दे पर काफी ज़्यादा मुखर थीं. इनका कहना था कि बड़ी पार्टियों द्वारा चुनाव में बेतहाशा ख़र्च की वजह से उन्हें बराबरी का मौका नहीं मिलता है.

बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए, मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा, ‘कई पार्टियों ने कहा कि चुनाव में ख़र्च पर एक सीमा तय की जानी चाहिए और मौजूदा नियमों को लागू करने के बारे में कुछ अन्य विचार थे, ताकि सभी के बराबर मौके हों. रावत ने कहा कि यदि इसे कानूनी रूप से किया जा सकता है, तो आयोग इस पर कदम उठाएगा.

सात राष्ट्रीय पार्टियों समेत कुल 40 पार्टियां चुनाव आयोग की मीटिंग में मौजूद थीं.

वहीं मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने यह भी कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी संबंधी तमाम राजनीतिक दलों की चिंताओं पर चुनाव आयोग गंभीरतापूर्वक संज्ञान लेते हुए आम चुनाव से पहले इनका समाधान करेगा.

कांग्रेस सहित तमाम दलों द्वारा बैलेट पेपर से मतदान कराने की मांग के सवाल पर रावत ने कहा, ‘कुछ दलों का कहना था कि बैलेट पेपर पर वापस लौटना अच्छा नहीं होगा, क्योंकि हम नहीं चाहते हैं कि ‘बूथ कैप्चरिंग’ का दौर वापस आए.’ हालांकि कुछ दलों की ओर से ईवीएम और वीवीपैट में कुछ समस्याएं होने की बात कही गई, इन सभी पहलुओं का आयोग ने संज्ञान में लिया है और इस बारे में हम संतोषजनक समाधान देने के लिए आश्वस्त करते हैं.’

बैठक के बाद सपा के रामगोपाल यादव ने बताया, ‘हमारी पार्टी ने भी बैलेट पेपर से चुनाव कराने की तरफदारी की है लेकिन मैं यह जानता हूं कि आयोग यह मांग नहीं मानेगा. इसलिए हमने सुझाव दिया कि जिस मतदान केंद्र पर प्रत्याशी या उसके एजेंट को ईवीएम पर शक हो, उसके मतों का मिलान वीवीपैट मशीन की पर्ची से अनिवार्य किया जाना चाहिए.’

आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मतदान शत प्रतिशत वीवीपैट युक्त ईवीएम से सुनिश्चित करने, 20 प्रतिशत मशीनों के मतों का मिलान वीवीपैट की पर्ची से करने और प्रत्येक प्रत्याशी की पसंद से किसी एक ईवीएम के मतों का मिलान वीवीपैट की पर्ची से करने को अनिवार्य बनाने का सुझाव दिया है.

वहीं भाकपा के अतुल कुमार अंजान ने बताया कि उन्होंने बैठक में भाजपा और टीडीपी सहित सिर्फ तीन दलों ने ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से मतदान कराने की मांग का विरोध किया.

उन्होंने बताया कि बैठक में चुनावी ख़र्च की सीमा तय करने और नेपाल की तर्ज पर समानुपातिक प्रतिनिधितत्व पद्धति (प्रपोर्सनल रिप्रजेंटेशन मेथड) से भारत में भी चुनाव कराने के सुझाव पेश किए गए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq