सीलिंग मामला: मनोज तिवारी को कोर्ट की फटकार, कहा- सांसद होने का मतलब क़ानून हाथ में लेना नहीं

दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी द्वारा बीते दिनों उत्तर पूर्वी दिल्ली के एक मकान की सील तोड़ी गई थी. इसकी शिकायत पर शीर्ष अदालत ने उनसे कहा कि अगर आपके मुताबिक हज़ार इमारतें अवैध हैं और सील होनी चाहिए तो हमें सूची दीजिए, हम आपको सीलिंग अफसर बना देंगे.

/
New Delhi: Delhi BJP President Manoj Tiwari addresses the media, outside the Supreme Court premises, in New Delhi, Tuesday, Sept 25, 2018. The Supreme Court took strong exception to Tiwari for allegedly violating its directions on the sealing of illegal structures in the national capital, and said that being an MP does not give him liberty to take the law in his hands. (PTI Photo/Kamal Kishore) (Story No. LGD28) (PTI9_25_2018_000060B)
New Delhi: Delhi BJP President Manoj Tiwari addresses the media, outside the Supreme Court premises, in New Delhi, Tuesday, Sept 25, 2018. The Supreme Court took strong exception to Tiwari for allegedly violating its directions on the sealing of illegal structures in the national capital, and said that being an MP does not give him liberty to take the law in his hands. (PTI Photo/Kamal Kishore) (Story No. LGD28) (PTI9_25_2018_000060B)

दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी द्वारा बीते दिनों उत्तर पूर्वी दिल्ली के एक मकान की सील तोड़ी गई थी. इसकी शिकायत पर शीर्ष अदालत ने उनसे कहा कि अगर आपके मुताबिक हज़ार इमारतें अवैध हैं और सील होनी चाहिए तो हमें सूची दीजिए, हम आपको सीलिंग अफसर बना देंगे.

New Delhi: Delhi BJP President Manoj Tiwari addresses the media, outside the Supreme Court premises, in New Delhi, Tuesday, Sept 25, 2018. The Supreme Court took strong exception to Tiwari for allegedly violating its directions on the sealing of illegal structures in the national capital, and said that being an MP does not give him liberty to take the law in his hands. (PTI Photo/Kamal Kishore) (Story No. LGD28) (PTI9_25_2018_000060B)
सुप्रीम कोर्ट के बाहर मीडिया से बात करते भाजपा सांसद मनोज तिवारी (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में अवैध इमारतों की सीलिंग पर उसके निर्देशों का कथित रूप से उल्लंघन करने के मामले में मंगलवार को भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष एवं पार्टी सांसद मनोज तिवारी से नाराजगी जताई.

शीर्ष अदालत ने कहा कि सांसद होने से उन्हें कानून अपने हाथ में लेने की आजादी नहीं मिल जाती.

दिल्ली के मास्टर प्लान का उल्लंघन करते हुए चल रहे एक परिसर की सील कथित तौर पर हटाने के मामले में तिवारी को अवमानना नोटिस जारी किया गया था. नोटिस के अनुरूप वह अदालत में पेश हुए.

बीते 16 सितंबर को मनोज तिवारी ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुर गांव के एक मकान की सीलिंग तोड़ी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की बनाई मॉनिटरिंग कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में इस बात की शिकायत की थी.

शीर्ष अदालत ने तिवारी के उस बयान पर नाराजगी प्रकट की जिसमें उन्होंने कहा था कि निगरानी समिति एक हजार अवैध भवनों को सील नहीं कर रही है.

जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने तिवारी को दिल्ली में सीलिंग के मामले में एक समाचार चैनल से बातचीत में किये गये इस दावे पर स्पष्टीकरण देने को कहा और मामले में एक सप्ताह के अंदर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया.

पीठ में जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस दीपक गुप्ता भी शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने उनसे कहा, ‘मिस्टर तिवारी हमने आपके भाषण की सीडी देखी है. आपने कहा कि 1,000 जगह ऐसी हैं, जिन्हें सील किये जाने की जरूरत है. आप बताइए ये कौन सी जगह हैं. हमें इन जगहों की सूची दें. हम आपको सीलिंग अधिकारी बनाएंगे.’

कोर्ट ने तिवारी से यह भी कहा कि आप कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकते.

उत्तर पूर्व दिल्ली से लोकसभा सदस्य तिवारी के खिलाफ पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने गोकलपुरी इलाके में एक परिसर की कथित तौर पर सील हटाने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

एनडीटीवी के अनुसार से मनोज तिवारी ने जबसे सीलिंग तोड़ी है तब से ही उनका यह कहना है कि जिस मकान की सीलिंग उन्होंने तोड़ी उसमें सीलिंग लगाना सही नहीं था.

मनोज तिवारी ने यह भी कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट को बताएंगे कि सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी की आड़ में एमसीडी के अधिकारी पिक एंड चूज़ कर रहे हैं और दिल्ली की जनता को परेशान कर रहे हैं. एक चुने हुए जनप्रतिनिधि और सांसद होने के नाते उनका यह कर्तव्य है कि वह कानून की रक्षा करें.

मंगलवार को तिवारी की ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि भाजपा नेता ने कोई सील नहीं हटाई और सांसद होते हुए उन्होंने कभी सीलिंग प्रक्रिया को बाधित नहीं किया.  वकील ने कहा कि उन्हें विस्तृत जवाब देने के लिए समय चाहिए होगा.

अदालत ने कहा, ‘हम आपसे पूछ रहे हैं, क्या आपने सीडी देखी है? सीडी में वह कह रहे हैं कि एक हजार जगहें ऐसी हैं जहां सीलिंग की जरूरत है. वह संसद सदस्य हैं. इससे उन्हें कानून हाथ में लेने की आजादी नहीं मिल जाती.’

अदालत ने तिवारी को 3 अक्तूबर को पेश होने का निर्देश दिया जब मामले में अगली सुनवाई होगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq