गुजरात में अमूल डेयरी के छह निदेशकों ने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का बहिष्कार किया

कांग्रेस विधायक और कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले निदेशकों में से एक राजेंद्रसिंह परमार ने कहा कि यह अमूल का कार्यक्रम था लेकिन भाजपा ने उसे राजनीतिक कार्यक्रम बना डाला.

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Anand: Prime Minister Narendra Modi at the inauguration of Amul’s ultra-modern Chocolate Plant, in Anand, Gujarat, September 30, 2018. Gujarat Chief Minister Vijay Rupani (L) is also seen. (PIB Photo via PTI) (PTI9_30_2018_000071B)
Anand: Prime Minister Narendra Modi at the inauguration of Amul’s ultra-modern Chocolate Plant, in Anand, Gujarat, September 30, 2018. Gujarat Chief Minister Vijay Rupani (L) is also seen. (PIB Photo via PTI) (PTI9_30_2018_000071B)

कांग्रेस विधायक और कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले निदेशकों में से एक राजेंद्रसिंह परमार ने कहा कि यह अमूल का कार्यक्रम था लेकिन भाजपा ने उसे राजनीतिक कार्यक्रम बना डाला.

Anand: Prime Minister Narendra Modi at the inauguration of Amul’s ultra-modern Chocolate Plant, in Anand, Gujarat, September 30, 2018. Gujarat Chief Minister Vijay Rupani (L) is also seen. (PIB Photo via PTI) (PTI9_30_2018_000071B)
गुजरात के आणंद ज़िले में बीते रविवार को अमूल के कार्यक्रम में शामिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (बाएं) भी शामिल हुए. (फोटो: पीटीआई)

अहमदाबाद: गुजरात के आणंद ज़िले के मोगर में बीते रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमूल डेयरी के चॉकलेट प्लांट सहित कुछ दूसरी योजनाओं का शुभारंभ किया. हालांकि अमूल डेयरी के इस कार्यक्रम का विरोध जताते हुए कंपनी के तकरीबन छह निदेशक इसमें शामिल नहीं हुए.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार बोरसाद से कांग्रेस के विधायक और कंपनी के निदेशकों में से एक राजेंद्रसिंह परमार ने कहा, ‘मेरे अलावा कंपनी के पांच अन्य निदेशक-धीरूभाई चावड़ा, जुवानसिंह चौहान, राजूसिंह परमार, नीताबेन सोलंकी और चंदूभाई परमार कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. मैंने कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंधन निदेशक को बता दिया था कि मुझे प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं होना चाहिए था. कार्यक्रम का अंत उन लोगों ने अपनी पीठ थपथपाते हुए की. इस कार्यक्रम से अमूल को कुछ हासिल नहीं हुआ.’

राजेंद्रसिंह परमार अमूल डेयरी के बोर्ड में शामिल 17 सदस्यों में से एक है.

हालांकि पिछले साल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले विधायक और अमूल डेयरी के अध्यक्ष रामसिंह परमार सहित बोर्ड के दूसरे सदस्य कार्यक्रम में शामिल हुए और प्रधानमंत्री को फूल-माला भी पहनाया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राजेंद्रसिंह परमार ने 29 सितंबर को दावा किया था कि अमूल डेयरी का कार्यक्रम को भाजपा द्वारा हाइजैक कर लिया गया है. उन्होंने कहा था कि पार्टी ने अपने स्थानीय नेताओं के पोस्टर और झंडे पूरे कार्यक्रम स्थल पर लगा रखे थे.

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में राजेंद्रसिंह परमार ने कहा, ‘मैं पिछले 12 साल में अमूल का उपाध्यक्ष था. मेरे पिता भी उपाध्यक्ष रह चुके हैं. इस दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में तमाम प्रधानमंत्री शामिल हुए लेकिन कोई राजनीतिक कार्यक्रम कभी नहीं हुआ था. आमंत्रण पत्र पर सिर्फ भाजपा के स्थानीय नेताओं का नाम था और मंच पर भी वहीं नज़र आ रहे थे.’

कार्यक्रम का बहिष्कार करने का कारण बताते हुए राजेंद्रसिंह परमार ने आरोप लगाया कि अमूल डेयरी ने कार्यक्रम पर किसानों के तकरीबन 10 से 15 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए.

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