गुजरात में ‘लुंगी’ पहनने के चलते बिहार के सात लोगों पर हमला, तीन गिरफ़्तार

आरोपियों ने सातों लोगों को जल्द से जल्द गुजरात छोड़ने की धमकी दी है. पीड़ितों में एक शख्स सिविल इंजीनियर है और बाकी छह लोग प्लंबर हैं.

Ahmedabad: Migrant workers from Uttar Pradesh and Bihar leave for their homes in the view of some protests which broke out over the alleged rape of a 14-month-old girl in Ahmedabad, Monday, October 8, 2018. (PTI Photo/Santosh Hirlekar) (PTI10_8_2018_000131B)

आरोपियों ने सातों लोगों को जल्द से जल्द गुजरात छोड़ने की धमकी दी है. पीड़ितों में एक शख्स सिविल इंजीनियर है और बाकी छह लोग प्लंबर हैं.

Ahmedabad: Migrant workers from Uttar Pradesh and Bihar leave for their homes in the view of some protests which broke out over the alleged rape of a 14-month-old girl in Ahmedabad, Monday, October 8, 2018. (PTI Photo/Santosh Hirlekar) (PTI10_8_2018_000131B)
हिंसा के बाद गुजरात से वापस लौटते यूपी-बिहार के लोग (फोटो: पीटीआई)

वडोदरा: गुजरात के वडोदरा में लुंगी पहनने के लिए बिहार के सात लोगों पर कथित रूप से हमला किया गया. बुधवार को तीन लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया.

पुलिस ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह हमला शहर के सामा क्षेत्र में सोमवार की रात हुआ था.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक सातों पीड़ित व्यक्ति बिहार के मधुबनी जिला के रहने वाले हैं. इनमें से एक शख्स सिविल इंजीनियर है और बाकी छह लोग प्लंबर हैं.

सिविल इंजीनियर शत्रुघन यादव और छह प्लंबर वडोदरा नगर निगम के एक प्राइमरी स्कूल के निर्माण स्थल पर काम करते हैं. सोमवार को जब यादव और अन्य लोग निर्माणाधीन बिल्डिंग के बाहर बैठे थे, तभी सामा के रहने वाले तीन लोग आए और उनके पहनावे के बारे में पूछने लगे.

इस मामले को लेकर स्थानीय और बिहार के लोगों के बीच झड़प हो गई, जिससे सात लोगों को चोटें आईं. इस बीच बाद यादव ने पुलिस को फोन किया और उनसे मदद मांगी.

हालांकि जब तक पुलिस वहां पहुंचती, इतनी तीनों आरोपी भाग गए और धमकी दी कि वे लोग जल्द से जल्द शहर खाली कर दें.

गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों में हिन्दी भाषी प्रवासियों पर हाल में हमलों की कई कथित घटनाएं सामने आई हैं. हालांकि पुलिस ने दावा किया कि सोमवार की रात को हुआ हमला एक अलग घटना है और इसका पीड़ितों के मूल स्थान बिहार से कोई लेना देना नहीं है.

घटना के बारे में वडोदरा के पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलोत ने कहा कि स्थानीय निवासियों की बात पर ध्यान नहीं दिए जाने के बाद इन लोगों पर हमला किया गया. स्थानीय निवासी इन लोगों से लुंगी पहनकर वहां अश्लील तरीके से नहीं बैठने के लिए लगातार कह रहे थे.

उन्होंने बताया कि यह घटना हिन्दी भाषी प्रवासियों के खिलाफ घृणा अपराध नहीं हो सकती है. सिंह ने कहा,‘सोमवार की रात को दो समूहों के बीच विवाद होने के बाद इन लोगों पर हमला किया गया.’

सामा पुलिस थाने के निरीक्षक पीडी परमार ने कहा कि जिन लोगों पर हमला किया गया है वे बिहार के हैं. इनमें से छह लोग प्लंबर हैं और एक इंजीनियर है. पुलिस के अनुसार हमलावरों ने इंजीनियर की एक मोटरसाइकिल को भी जला दिया.

पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान धीरू परमार, हार्दिक परमार और निकुंज वाघेला के रूप में हुई है. इन तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 323, 504, 506, 435 और 114 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

बता दें कि बीते 28 सितंबर को साबरकांठा जिले में 14 महीने की एक बच्ची के साथ बलात्कार के आरोप में बिहार के एक श्रमिक की गिरफ्तारी के बाद गुजरात के कई जिलों और उत्तरी हिस्सों में यूपी-बिहार वालों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हुईं थी.

कई हिन्दी भाषी प्रवासियों पर हमले किये गये जिनमें से ज्यादातर बिहार और उत्तर प्रदेश के थे. इस वजह से बड़ी संख्या में प्रवासियों को गुजरात से पलायन करना पड़ा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)