राजस्थान: वसुंधरा राजे के ख़िलाफ़ कांग्रेस प्रत्याशी होंगे जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह

हाल ही में भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए मानवेंद्र सिंह ने कहा कि वसुंधरा राजे के ख़िलाफ़ झालरापाटन सीट से चुनौती स्वीकार, लेकिन किसी पद का दावेदार नहीं. राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की.

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राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को झालरापाटन सीट से कांग्रेस की ओर से भाजपा नेता जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह विधानसभा चुनाव में चुनौती देंगे. (फोटो: पीटीआई)

हाल ही में भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए मानवेंद्र सिंह ने कहा कि वसुंधरा राजे के ख़िलाफ़ झालरापाटन सीट से चुनौती स्वीकार, लेकिन किसी पद का दावेदार नहीं. राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की.

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को झालरापाटन सीट से कांग्रेस की ओर से भाजपा नेता जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह विधानसभा चुनाव में चुनौती देंगे. (फोटो: पीटीआई)
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को झालरापाटन सीट से कांग्रेस की ओर से भाजपा नेता जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह विधानसभा चुनाव में चुनौती देंगे. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/जयपुर: कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को 32 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की जिसमें सबसे प्रमुख नाम पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह का है, जो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र में चुनौती देंगे.

भाजपा ने मानवेंद्र की उम्मीदवारी को ज़्यादा तवज्जो नहीं देने की कोशिश करते हुए कहा कि इससे झालरापाटन में मुख्यमंत्री की जीत की संभावना पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

दूसरी तरफ, मानवेंद्र ने कहा कि वह वसुंधरा के ख़िलाफ़ चुनौती स्वीकार करते हैं. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने उन्हें ‘बाहरी चेहरा’ क़रार दिया है.

झालरापाटन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सीट है जहां से उन्होंने अपना नामांकन शनिवार को दाख़िल किया.

कांग्रेस ने शनिवार को अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की जिसमें 32 नाम हैं. इसमें सबसे प्रमुख नाम मानवेंद्र सिंह का है. भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र सिंह इसी अक्टूबर माह में कांग्रेस में शामिल हुए हैं.

कांग्रेस ने 15 नवंबर की रात 152 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी. इस तरह पार्टी अब तक 184 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है.

पहली सूची में अशोक गहलोत, सचिन पायलट और सीपी जोशी जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के नाम थे. गहलोत सरदारपुरा विधानसभा सीट से, सचिन पायलट टोंक से और सीपी जोशी नाथद्वारा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा के लिए आगामी सात दिसंबर को मतदान होगा.

मानवेंद्र को वसुंधरा के ख़िलाफ़ उतारने के कांग्रेस के कदम पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी ने कहा कि इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा हम सीट जीतेंगे.

उन्होंने कहा, ‘राजपूत घराने में ही जन्म लेने से कोई बड़ा नहीं हो जाता, बड़ा तो गुणों से होता है. यह (मानवेंद्र) कोई बड़ा नाम नहीं. हम सीट जीतते आए हैं और जीतेंगे.’

वहीं, झालरापाटन में नामांकन दाख़िल करने के बाद मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि कांग्रेस को उनके सामने कोई स्थानीय चेहरा नहीं मिल रहा था इसलिए वह बाहरी (मानवेंद्र) को ले आई.

उन्होंने समर्थकों से कहा, ‘झालावाड़ (ज़िले) में किसी परिवार की लड़ाई नहीं है बल्कि पूरे राजस्थान की लड़ाई है.’

उनकी सरकार द्वारा करवाए गए विकास कार्यों की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा, ‘अभी तो ट्रेलर देखा है पूरी फिल्म बाकी है.’ इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज़ हुसैन भी उनके साथ थे.

मालूम हो कि झालरापाटन की सीट पारंपरिक रूप से भाजपा के खाते में रही है. मुख्यमंत्री राजे 2003 से यहां से तीन बार विधायक चुनी जा चुकी हैं और चौथी बाद दावेदारी कर रही हैं.

2013 के पिछले विधानसभा चुनाव में वह 60,869 वोटों से जीती थीं. उन्हें 63.14% वोट मिले तो दूसरे स्थान पर रही मीनाक्षी चंद्रावत की झोली में 29.53% वोट आए थे. इस सीट पर कुल लगभग ढाई लाख मतदाता हैं.

मानवेंद्र सिंह के पिता और भाजपा के वरिष्ठतम नेताओं में से एक रहे जसवंत सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं. पार्टी ने 2014 में जसवंत सिंह को टिकट नहीं दिया था. माना जाता है कि मानवेंद्र व उनके परिवार की मुख्यमंत्री राजे से रिश्ते अच्छे नहीं थे.

मानवेंद्र ने अक्टूबर में बाड़मेर में ‘स्वाभिमान’ रैली की और भाजपा से औपचारिक रूप से अलग हो गए. इसके बाद वह पिछले महीने कांग्रेस में शामिए हुए.

वसुंधरा के खिलाफ चुनौती स्वीकार, किसी पद का दावेदार नहीं: मानवेंद्र सिंह

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के ख़िलाफ़ झालरापाटन विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार घोषित किए गए मानवेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि यह चुनौती उन्हें स्वीकार है, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री या किसी दूसरे पद के दावेदार नहीं हैं.


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उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद मानवेंद्र ने कहा, ‘राहुल गांधी और केंद्रीय चुनाव समिति ने मुझ पर विश्वास जताया है. मैं उनका आभारी हूं. यह एक चुनौती है जिसे स्वीकार करता हूं.’

उन्होंने यह भी कहा, ‘यह पहले से तय नहीं था. पार्टी की ओर से अचानक से मुझसे कहा गया. मेरी इच्छा लोकसभा चुनाव लड़ने की थी और वह आज भी है. लेकिन फिलहाल पार्टी ने यह ज़िम्मेदारी दी है जिसे मैं पूरी तरह निभाऊंगा.’

यह पूछे जाने पर कि क्या इस उम्मीदवारी के बाद वह भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल हो गए हैं तो मानवेंद्र सिंह ने कहा, ‘मैं किसी पद का दावेदार नहीं हूं. मेरी इच्छा किसी पद की नहीं है.’

कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को 32 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की जिसमें मानवेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के ख़िलाफ़ झालरापाटन से चुनावी मैदान में उतारा गया है.

मानवेंद्र पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता रहे जसवंत सिंह के पुत्र हैं. वह सांसद रह चुके हैं. वह हाल में ही कांग्रेस में शामिल हुए हैं.

कांग्रेस ने मानवेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाकर सबको चौंकाया

कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की दूसरी सूची शनिवार को जारी की. इसमें सबसे चौंकाने वाला नाम मानवेंद्र सिंह का है जिन्हें पार्टी ने झालरापाटन सीट पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने उतारा है.

कांग्रेस की दूसरी सूची में कुल 32 नाम हैं. उसने मौजूदा विधायक विश्वेंद्र सिंह (डीग कुम्हेर) को फिर टिकट दिया है तो राजाखेड़ा से मौजूदा विधायक प्रद्युम्न सिंह का नाम इसमें नहीं है. सूची में आठ ऐसे चेहरे हैं जो 2013 में भी पार्टी की ओर से चुनाव लड़ चुके हैं.

पार्टी ने शेरगढ़ सीट से मीना कंवर व लाडपुरा गुलनाज को अपना प्रत्याशी बनाया है. 2013 में शेरगढ़ से मीना कंवर के पति उम्मेद सिंह तथा लाडपुरा में गुलनाज के पति नइमुद्दीन गुड्डू पार्टी के प्रत्याशी थे.

राज्य की 200 विधानसभा सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया आगामी सोमवार तक चलेगी। कांग्रेस ने इससे पहले 152 प्रत्याशियों की सूची जारी की थी. वह कुल 184 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार चुकी है.

कांग्रेस ने मानवेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाकर राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया है. अब तक यहां ऐसा ही माना जा रहा था कि पार्टी उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव के लिए ‘बचाकर’ रखेगी. दूसरा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कई बार कह चुके थे कि पार्टी इस बार ‘पैराशूट’ उम्मीदवारों को मौका नहीं देगी.