हमने 17 मिनट में बाबरी तोड़ दी तो क़ानून बनाने में कितना वक़्त लगता है: शिवसेना नेता संजय राउत

शिवसेना में अपने मुखपत्र में लिखे संपादकीय में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर मंदिर निर्माण का मुद्दा आपके हाथ से निकल गया तो 2019 में आपकी रोज़ी-रोटी के अलावा कई लोगों की ज़ुबान बंद हो जाएगी.

शिवसेना के नेता संजय राउत. (फोटो साभार: फेसबुक)

शिवसेना में अपने मुखपत्र में लिखे संपादकीय में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर मंदिर निर्माण का मुद्दा आपके हाथ से निकल गया तो 2019 में आपकी रोज़ी-रोटी के अलावा कई लोगों की ज़ुबान बंद हो जाएगी.

शिवसेना के नेता संजय राउत. (फोटो साभार: फेसबुक)
शिवसेना के नेता संजय राउत. (फोटो साभार: फेसबुक)

मुंबई: शिवसेना नेता संजय राउत अपने एक बयान में कहा है कि हमने 17 मिनट में बाबरी तोड़ दी तो क़ानून बनाने में कितना समय लगता है.

उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति भवन से लेकर उत्तर प्रदेश तक भाजपा की सरकार है. राज्यसभा में ऐसे बहुत सांसद हैं जो राम मंदिर के साथ खड़े रहेंगे, जो विरोध करेगा उसका देश में घूमना मुश्किल हो जाएगा.’

मालूम हो कि शिवसेना ने भाजपा से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने और तारीख की घोषणा करने के लिए कहा. वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर 25 नवंबर को अयोध्या का दौरा करने वाले हैं.

शुक्रवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में लिखा, ‘सत्ता में बैठे लोगों को शिवसैनिकों पर गर्व होना चाहिए जिन्होंने राम जन्मभूमि में बाबर राज को ख़त्म कर दिया.’ शिवसेना ने कहा कि वह चुनाव के दौरान न तो भगवान राम के नाम पर वोटों की भीख मांगती है और न ही जुमलेबाज़ी करती है.

संपादकीय में लिखा है, ‘हमारे अयोध्या दौरे को लेकर ख़ुद को हिंदुत्व समर्थक कहने वालों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है? हम राजनीतिक मक़सद से वहां नहीं जा रहे हैं.’

शिवसेना ने दावा किया कि उसने ‘चलो अयोध्या’ का नारा नहीं दिया है. उसने कहा, ‘अयोध्या किसी की निजी जगह नहीं है. शिवसैनिक वहां भगवान राम के दर्शन करने जा रहे हैं.’

संपादकीय में ये भी कहा गया है, ‘अयोध्या में अब रामराज नहीं सुप्रीम कोर्ट का राज है. 1992 में बाला साहेब के शिवसैनिकों ने राम जन्मभूमि में बाबर राज को तबाह कर दिया था. फिर भी सत्ता में बैठे लोग उन शिवसैनिकों पर गर्व करने के बजाय उनसे डर और जलन महसूस कर रहे हैं. अयोध्या जा रहे शिवसैनिकों पर तोहमत लगाने की जगह सरकार को मंदिर निर्माण के लिए तारीख़ बताकर संदेह ख़त्म करना चाहिए.’

संपादकीय में कहा गया है, ‘आप राम मंदिर के निर्माण की तारीख़ क्यों तय नहीं कर रहे हैं? अगर मंदिर निर्माण का मुद्दा आपके हाथ से निकल गया तो 2019 में आपकी रोज़ी-रोटी के अलावा कई लोगों की ज़ुबान बंद हो जाएगी.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)