राफेल कवरेज की वजह से अनिल अंबानी ने द वायर पर किया 6,000 करोड़ रुपये का मानहानि मुक़दमा

द वायर के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा गुजरात में अहमदाबाद के सिविल कोर्ट में दायर किया गया है. पहली सुनवाई 27 नवंबर को होगी.

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अनिल अंबानी (फोटो: रॉयटर्स)

द वायर के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा गुजरात में अहमदाबाद के सिविल कोर्ट में दायर किया गया है. पहली सुनवाई 27 नवंबर को होगी.

अनिल अंबानी (फोटो: रॉयटर्स)
अनिल अंबानी (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने राफेल डील पर एक वीडियो शो के कारण द वायर पर 6,000 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दायर किया है. ये मुकदमा गुजरात में अहमदाबाद स्थित सिविल कोर्ट में दायर किया गया है.

दरअसल 23 अगस्त, 2018 को ‘राफेल डील: अंडरस्टैंडिंग द कंट्रोवर्सी’ नाम से एक वीडियो शो द वायर की ओर से प्रसारित किया गया था. इस मुद्दे पर बातचीत में वरिष्ठ रक्षा पत्रकार अजय शुक्ला और द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु शामिल थे और राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक हैप्पीमोन जैकब इस शो की एंकरिंग कर रहे थे.

इस शो की वजह से अनिल अंबानी ने द वायर के संस्थापक संपादकों (सिद्धार्थ वरदराजन, एमके वेणु और सिद्धार्थ भाटिया), अजय शुक्ला और द वायर के ऑफिस मैनेजर के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. हालांकि ऑफिस मैनेजर का संपादकीय या वित्तीय मामलों में फैसले लेने की कोई भूमिका नहीं होती है, फिर भी उनके खिलाफ केस किया गया है.

राफेल विवाद पर किया गया शो इस मुद्दे पर आधारित था कि मोदी सरकार द्वारा 36 राफेल खरीदने का फैसला पारदर्शी है या नहीं. तार्किकता और तथ्यों के आधार पर डिबेट किया गया था. इस वीडियो का लिंक नीचे दिया जा रहा है.

राफेल विवाद पर ये एक सामान्य बातचीत थी जिसमें सभी संभावित तथ्यों और तर्कों को शामिल किया गया है. इसमें सवाल उठाया गया है कि कैसे आखिरी समय में मोदी सरकार द्वारा राफेल डील में बदलाव किया गया और अंनिल अंबानी की कंपनी को ये कॉन्ट्रैक्ट दिया गया. इसमें ये भी सवाल उठाया गया है कि क्या रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का ट्रैक रिकॉर्ड चेक किया गया था जब फ्रांस की दासो कंपनी ने इसे अपना ऑफसेट पार्टनर चुना था.

रिलायंस ग्रुप और अनिल अंबानी को लगता है कि ये कार्यक्रम पूरी तरह से झूठा है और बातचीत के दौरान कही गई बात पूरी तरह से गलत और भ्रामक है. अंबानी का आरोप है कि ये बातें कंपनी और इसके चेयरमैन की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से की गई हैं.

कंपनी ने मानहानि का मुकदमा दायर करने के लिए अहमदाबाद की कोर्ट को चुना है क्योंकि यहां पर मानहानि के मुकदमे के लिए अधिकतम फीस 75,000 रुपये है. हालांकि अन्य जगहों पर ये सुविधा उपलब्ध नहीं है. अन्य जगह की अदालतों में मुकदमा दायर करने की फीस मानहानि राशि के आधार पर बढ़ती है, यानी कि जितनी अधिक की मानहानि दायर की जाएगी उतनी अधिक मुकदमे की फीस होती है.

इस मामले की पहली सुनवाई 27 नवंबर को होगी. द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने कहा, ‘ये मानहानि मुकदमा मीडिया को चुप कराने और पत्रकारों को राफेल डील पर सवाल पूछने से रोकने की कोशिश है. हम इस तरह की चीजों से डरेंगे नहीं.’

द वायर पहले ही अडानी ग्रुप द्वारा दायर किए गए छह मानहानि मुकदमों (300 करोड़ के तीन आपराधिक और तीन दीवानी) का सामना कर रहा है. वहीं दो मानहानि मामले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे (100 करोड़) द्वारा, दो मामले भाजपा सांसद राजीव चंद्रशेखर (40 करोड़) द्वारा और एक श्री श्री रविशंकर (10 करोड़) द्वारा दायर किया गया है.

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