नोटबंदी से काले धन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत

ओपी रावत ने कहा कि चुनावों के दौरान भारी मात्रा में पैसे पकड़े गए हैं. मौजूदा समय में, पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में लगभग 200 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं.

Bengaluru: Chief Election Commissioner OP Rawat reacts during a press conference ahead of Karnataka Assembly election in Bengaluru on Friday. PTI Photo by Shailendra Bhojak (PTI4_6_2018_000134B)
Bengaluru: Chief Election Commissioner OP Rawat reacts during a press conference ahead of Karnataka Assembly election in Bengaluru on Friday. PTI Photo by Shailendra Bhojak (PTI4_6_2018_000134B)

ओपी रावत ने कहा कि चुनावों के दौरान भारी मात्रा में पैसे पकड़े गए हैं. मौजूदा समय में, पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में लगभग 200 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं.

Bengaluru: Chief Election Commissioner OP Rawat reacts during a press conference ahead of Karnataka Assembly election in Bengaluru on Friday. PTI Photo by Shailendra Bhojak (PTI4_6_2018_000134B)
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: आज यानि कि दो दिसंबर को रिटायर हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि नोटबंदी की वजह से काले धन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.

इंडियन एक्सप्रेस के एक इंटरव्यू में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि नोटबंदी से काले धन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.

नोटबंदी के बाद चुनावों में काला धन इस्तेमाल करने पर ओपी रावत ने कहा, ‘नोटबंदी के बाद हमने चुनावों के दौरान भारी मात्रा में धन पकड़ा है. मौजूदा समय में पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में लगभग 200 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं. यह दर्शाता है कि चुनावों के दौरान पैसा ऐसी जगहों से आ रहा है जहां पर ऐसे कदमों का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है.’

बता दें कि आठ नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा करने से लगभग चार घंटे से कम समय पहले भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड ने इस योजना को तो सहमति दे दी थी लेकिन इसे लागू करने के लिए सरकार द्वारा बताए गए दो मुख्य तर्कों को खारिज कर दिया था. बोर्ड ने इस बात पर सहमति नहीं जताई थी कि नोटबंदी के जरिए काला धन और नकली नोट खत्म हो जाएंगे.

इसी साल जनवरी में ओपी रावत की मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति हुई थी. इस दौरान रावत ने एक साल से भी कम समय में नौ राज्यों में चुनाव कराया. इसके अलावा ओपी रावत का के कार्यकाल के दौरान ही चुनाव आयोग विवादों के घेरे में रहा.

आरोप है कि चुनाव आयोग पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा करने के लिए निर्धारित प्रेस कॉन्फ्रेस के समय में बदलाव किया था ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाषण दे सकें. ओपी रावत मध्य प्रदेश कैडर के 1977 बैच के अधिकारी हैं.

ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर ओपी रावत ने कहा कि आयोग वोटरों को जागरूक करने के लिए सार्वजनिक स्थान जैसे कि मॉल्स, म्यूजियम जैसे जगहों पर अभियान चला रहा है. रावत ने कहा कि हमने अपनी ईवीएम और वीवीपैट मशीन हर जगह भेजी है और लोगों से कहा गया कि वो आएं, वोट करें और फिर स्लिप को जोड़कर देखें. इससे उनमें विश्वास आएगा.

उन्होंने कहा कि 99 प्रतिशत पार्टियां ईवीएम के पक्ष में हैं. जब राजनीतिक दलों से कहा गया कि वे आएं और ईवीएम चेक कर लें तो सिर्फ दो प्रतिशत लोग आएं और उन्होंने ये बी कहा कि वे सिर्फ इस मशीन से सीखने आए हैं. चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी ईवीएम से संबंधित सभी जानकारी दी गई है.

ओपी रावत ने कहा कि चूंकि ईवीएम को इंटरनेट से कनेक्ट नहीं किया जा सकता है इसलिए इसकी हैकिंग नहीं हो सकती है. भारतीय ईवीएम मौलिक है.

चुनावों में सोशल मीडिया के प्रभावों को लेकर ओपी रावत ने कहा कि सोशल मीडिया की वजह से चुनावों पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है. भारत में ही नहीं, दुनियाभर में ऐसा हो रहा है.

उन्होंने कहा कि चुनावो में सोशल मीडिया के प्रभाव को कम करने के लिए फेसबुक ट्विटर, गूगल जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म से बात की जा रही है. इन कंपनियों से कहा गया है कि वे चुनावों के इस पर लगाम लगाएं और विज्ञापनदाताओ, स्पॉन्सर्स इत्यादि के नाम पर चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश को रोकें.

ओपी रावत ने कहा कि आयोग एक सोशल मीडिया हब बनाकर इसकी मॉनिटरिंग कर रहा है.

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