विधानसभा चुनाव 2018: नोटा ने कई राजनीतिक दलों को पछाड़ा

चुनावी राज्यों में नोटा का मत प्रतिशत आप और सपा सहित अन्य कई क्षेत्रीय दलों से अधिक दर्ज किया गया है.

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(फोटो: पीटीआई)

चुनावी राज्यों में नोटा का मत प्रतिशत आप और सपा सहित अन्य कई क्षेत्रीय दलों से अधिक दर्ज किया गया है.

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नई दिल्ली: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों में सभी उम्मीदवारों को खारिज करने (नोटा) के विकल्प को भी मतदाताओं ने तमाम क्षेत्रीय दलों से ज्यादा तरजीह दी है.

आयोग द्वारा जारी चुनाव परिणाम से जुड़ी जानकारी के मुताबिक देर शाम तक की मतगणना के आधार पर छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक 2.1 प्रतिशत वोट नोटा के खाते में गये. जबकि मिजोरम में नोटा का प्रतिशत सबसे कम (0.5 प्रतिशत) दर्ज किया गया.

चुनाव वाले राज्यों में नोटा का मत प्रतिशत आप और सपा सहित अन्य क्षेत्रीय दलों से अधिक दर्ज किया गया.

छत्तीसगढ़ की 90 में से 85 सीटों पर चुनाव लड़ रही आप को 0.9 प्रतिशत, सपा और राकांपा को 0.2 तथा भाकपा को 0.3 प्रतिशत वोट मिले. वहीं राज्य के 2.1 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा को अपनी पसंद बनाया.

मध्य प्रदेश में 1.5 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा को अपनाया जबकि सपा को राज्य में एक और आप को 0.7 प्रतिशत वोट मिल सके. इसी तरह राजस्थान में माकपा को 1.3 प्रतिशत और सपा को 0.2 प्रतिशत मिले मतों की तुलना में राज्य के 1.3 प्रतिशत मतदाताओं ने सभी उम्मीदवारों को नकारते हुये नोटा को अपनाया.

कमोबेश यही स्थिति तेलंगाना में भी देखने को मिली. राज्य में माकपा और भाकपा को 0.4 प्रतिशत और राकांपा को महज 0.2 प्रतिशत मत से संतोष करना पड़ा जबकि नोटा के खाते में 1.1 प्रतिशत मत पड़े.

राजस्थान और मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा एवं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर जारी है. इस बीच नोटा को इतनी अधिक संख्या में मतदताओं द्वारा अपनाने जाने से मुकाबला रोचक हो गया है.

हालांकि अगर इस बार नोटा को मिले मतों की तुलना पिछले विधानसभा चुनाव से की जाये तो इसमें गिरावट देखने को मिलती है.

मध्य प्रदेश में 2013 के विधानसभा चुनाव में नोटा को 6,52,116 वोट मिले थे, जबकि इस बार (रात 11 बजे तक आए आंकड़ों के मुताबिक) 5,54,230 लोगों ने नोटा पर बटन दबाया, यानी इसमें तकरीबन 15 फीसदी का अंतर है.

राजस्थान में इस साल 4,67,754 ने नोटा को वोट दिया, पिछले विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा 5,89,923 था. यानी लगभग 20% का अंतर. इसी तरह छत्तीसगढ़ में पिछली बार नोटा को 4,01,058 मिले थे, 2018 में यह आंकड़ा 2,85,146 का रहा. यहां यह अंतर सर्वाधिक 28% का रहा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)