राफेल पर अपना फैसला वापस ले सुप्रीम कोर्ट, केंद्र को अवमानना नोटिस जारी करे: आनंद शर्मा

राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जिस कैग रिपोर्ट का ज़िक्र है, उसके बारे में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का कहना है कि ऐसी कोई रिपोर्ट न ही सार्वजनिक की गई है न ही संसदीय समिति को सौंपी गई है.

New Delhi: Senior Congress leader Anand Sharma addresses a press conference at AICC headquarters, in New Delhi, Sunday, Sept 23, 2018. (PTI Photo/Subhav Shukla) (PTI9_23_2018_000056B)
New Delhi: Senior Congress leader Anand Sharma addresses a press conference at AICC headquarters, in New Delhi, Sunday, Sept 23, 2018. (PTI Photo/Subhav Shukla) (PTI9_23_2018_000056B)

राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जिस कैग रिपोर्ट का ज़िक्र है, उसके बारे में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का कहना है कि ऐसी कोई रिपोर्ट न ही सार्वजनिक की गई है न ही संसदीय समिति को सौंपी गई है.

New Delhi: Senior Congress leader Anand Sharma addresses a press conference at AICC headquarters, in New Delhi, Sunday, Sept 23, 2018. (PTI Photo/Subhav Shukla) (PTI9_23_2018_000056B)
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा. (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि वह राफेल करार से जुड़ा अपना फैसला वापस ले और केंद्र सरकार को अदालत की अवमानना एवं झूठी गवाही का नोटिस जारी करे. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को गलत जानकारी दी.

कांग्रेस मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में शर्मा ने यह आरोप भी लगाया कि यह दावा करके सरकार ने संसद के दोनों सदनों के विशेषाधिकार का हनन किया है कि राफेल विमानों की कीमतों को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष पेश की गई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘उन्हें पश्चाताप करना चाहिए और पवित्र गंगा नदी में स्नान करना चाहिए.’ शर्मा ने कहा, ‘हम सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करते हैं कि वह राफेल पर अपना फैसला वापस ले और सरकार को झूठी गवाही एवं अदालत की अवमानना का नोटिस जारी करे.’

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा राफेल विवाद पर दायर याचिकाओं पर दिए गए फैसले के कुछ ही घंटों के बाद फैसले में लिखे एक पैराग्राफ को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. फैसले में विमान सौदे पर एक कैग ऑडिट रिपोर्ट के बारे में लिखा गया है, हालांकि विपक्षी दलों और याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इस मामले में आज तक कोई कैग रिपोर्ट पेश नहीं की गई है.

ये भी पढ़ें: राफेल सौदा: वो सवाल जिनका जवाब सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले में नहीं मिलता

बता दें कि जुलाई 2018 में मोदी सरकार द्वारा इस बात की पुष्टि की गयी थी कि कैग द्वारा भारतीय वायुसेना की पूंजी अधिग्रहण व्यवस्था (कैपिटल एक्वीजिशन सिस्टम) के बारे में ऑडिट किया जा रहा है, जिसमें राफेल सौदा भी शामिल है.

हालांकि इसके बाद से अब तक कैग की फाइनल रिपोर्ट के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की गई, न ही यह बताया गया कि इसे कब सदन में पेश किया जाएगा. बीते नवंबर महीने में 60 रिटायर्ड नौकरशाहों के समूह ने नेशनल ऑडिटर को पत्र लिखते हुए शिकायत की थी कि नोटबंदी और राफेल सौदे की रिपोर्ट में जानबूझकर देरी की जा रही है.

यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कैग रिपोर्ट पर टिप्पणी ने याचिकाकर्ताओं और सांसदों को चौंकाया है.

 राफेल सौदे में विमान की कीमतों के बारे में हुए विवाद पर फैसले के 25वें पेज पर लिखा है,

‘कीमतों का विवरण नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) के साथ साझा की जा चुका है और कैग की इस रिपोर्ट को पब्लिक एकाउंट्स कमेटी (पीएसी) द्वारा जांचा जा चुका है. इस रिपोर्ट का एक संपादित अंश संसद के सामने रखा गया है और यह सार्वजनिक है.’

The pricing details have, however, been shared with the Comptroller and Auditor General (hereinafter referred to as“CAG”), and the report of the CAG has been examined by the Public Accounts Committee (hereafter referred to as “PAC”). Only a redacted portion of the report was placed before the Parliament, and is in public domain.”

हालांकि पीएसी के सदस्यों का कहना है कि उनके पास इस तरह की कोई रिपोर्ट नहीं आयी है न ही उन्होंने इसे जांचा है.

शुक्रवार शाम को की गयी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएसी अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि फैसले में किए गए दावे सच नहीं हैं.

उन्होंने कहा, ‘जब मैंने इस बारे में सुना तो मैंने डिप्टी कैग से इस बारे में पूछा कि ये क्या है, कहां से आया, क्या मेरे जाली दस्तखत बनाए गए? ऐसा कैसे हो सकता है? जब ये कैग के पास ही नहीं है, तब हमारे पास कैसे आ सकता है? … ये रिपोर्ट कहां से आयी है? किसने दी? असल में तो जब तक यह रिपोर्ट संसद में पेश नहीं हो जाती तब तक किसी को भी इसके विवरण के बारे में बात करने का अधिकार नहीं है… इसलिए यह चौंकाने वाला है, पीएसी को इसमें अब (अदालत द्वारा) घसीटा जा रहा है. यह सच नहीं है.’

ये भी पढ़ें: राफेल मामला: क्या कैग रिपोर्ट के बारे में सुप्रीम कोर्ट को ग़लत तथ्य बताए गए हैं?

मालूम हो कि पीएसी में कुल 22 सदस्य हैं. द वायर  ने पीएसी के दो और सदस्यों- बीजद सांसद भृतहरि महताब और कांग्रेस सांसद राजीव गौड़ा से बात की, जिन्होंने भी संसदीय समिति के साथ ऐसी कोई रिपोर्ट साझा होने से इनकार किया है.

द वायर  से बात करते हुए गौड़ा ने कहा, ‘एक साल से, जब से मैं पीएसी मैं शामिल हुआ हूं, तबसे मुझे कोई कैग रिपोर्ट नहीं दिखाई गयी है.’  उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की कि ‘कैग या संसदीय समिति के पास ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है.’

इस समय यह भी साफ नहीं है कि क्या राष्ट्रीय ऑडिटर द्वारा उनकी रिपोर्ट पूरी भी की गयी है या नहीं, क्या रिपोर्ट का संपादित अंश इस शीतकालीन सत्र में संसद के पटल पर रखा जायेगा या फिर सुप्रीम कोर्ट किसी दूसरी ही कैग रिपोर्ट की बात कर रहा है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25