ठंड में रामलला टेंट में विराजमान हैं, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिले: भाजपा सांसद

उत्तर प्रदेश में घोसी से भाजपा सांसद हरिनरायन राजभर ने अयोध्या के ज़िलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि राम टेंट में विराजमान हैं, जबकि भारत सरकार बेघरों को घर उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्पित है.

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उत्तर प्रदेश के घोसी से भाजपा संसद हरिनरायण राजभर (फोटो: लोकसभा वेबसाइट)

उत्तर प्रदेश में घोसी से भाजपा सांसद हरिनरायन राजभर ने अयोध्या के ज़िलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि राम टेंट में विराजमान हैं, जबकि भारत सरकार बेघरों को घर उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्पित है.

उत्तर प्रदेश के घोसी से भाजपा संसद हरिनरायण राजभर (फोटो: लोकसभा वेबसाइट)
उत्तर प्रदेश के घोसी से भाजपा सांसद हरिनरायन राजभर (फोटो: लोकसभा वेबसाइट)

अयोध्या: उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद हरिनरायन राजभर ने अयोध्या के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर राम को घर आवंटित करने की मांग की है. सांसद ने पत्र में लिखा है कि अयोध्या में राम टेंट में रह रहे हैं और उन्हें ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत घर आवंटित किया जाए.

एनडीटीवी की ख़बर के अनुसार, घोसी लोकसभा सीट से सांसद की दलील है कि रामलला का जन्म सदियों पहले अयोध्या में हुआ था, जहां वह विराजमान हैं, इसलिए उनके लिए एक छत की व्यवस्था की जाए.

उत्तर प्रदेश के घोसी से भाजपा संसद हरिनरायण राजभर का पत्र (फोटो: ट्विटर)
उत्तर प्रदेश के घोसी से भाजपा सांसद हरिनरायन राजभर का पत्र (फोटो: ट्विटर)

राजभर ने पत्र में लिखा है, ‘आपको अवगत कराना है कि अयोध्या में रामलला के टेंट को मंदिर का स्वरूप देकर पूजा-पाठ एवं दर्शन इत्यादि हो रहा है. रामलला इस कड़ाके की सर्दी, गर्मी तथा बरसात में टेंट रूपी मंदिर में विराजमान हैं. उनके ऊपर कोई छत नहीं है. जबकि वर्तमान में भारत सरकार बेघर लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्पित है.’

सांसद ने आगे लिखा है, ‘चूंकि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो चुकी है. इससे यह अति आवश्यक हो गया है कि ज़िलाधिकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत रामलला को उसी स्थान पर घर उपलब्ध कराए, जिससे इनको भी छत मिल सके.’

नवभारत टाइम्स की ख़बर के अनुसार, राजभर ने दो दिन पहले मंदिर निर्माण को लेकर एक बयान दिया था. सांसद ने 26 दिसंबर को एक बयान में कहा था कि जिस तरह से कारसेवा करके विवादित ढांचे को गिराया गया था, उसी तरह की कारसेवा राम मंदिर निर्माण के लिए भी होनी चाहिए.

उन्होंने कहा था कि लोगों की आस्था का फैसला सरकार या सुप्रीम कोर्ट नहीं कर सकता है. राम मंदिर 100 करोड़ हिंदुओं की आस्था का मामला है.

बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. जनवरी में इस मामले की सुनवाई शुरू होगी. वहीं, आरएसएस और शिवसेना राम मंदिर निर्माण को लेकर सांसद में अध्यादेश लाए जाने की मांग कर रहे हैं.

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