केरल: पुलिस ने आरएसएस दफ़्तर पर छापा मारा, ज़ब्त किए हथियार

आरएसएस प्रचारक नूरानंद प्रवीण पर पुलिस स्टेशन में बम फेंकने का आरोप है. सबरीमला मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश के बाद केरल में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान कई माकपा, भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं के घरों में बम फेंकने की खबरें आईं थीं.

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आरएसएस प्रचारक नूरानंद प्रवीण पर पुलिस स्टेशन में बम फेंकने का आरोप है. सबरीमला मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश के बाद केरल में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान कई माकपा, भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं के घरों में बम फेंकने की खबरें आईं थीं.

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केरल में नेदुमंगद के स्थानीय पुलिस स्टेशन पर कथित तौर पर आरएसएस कार्यकर्ताओं ने बम फेंका था.

तिरुवनन्तपुरम: केरल पुलिस ने बुधवार को नेदुमंगद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के जिला ऑफिस में छापा मारा और हथियार भी जब्त किए. इसकी पुष्टि पुलिस ने की है.

यह छापेमारी आरएसएस के प्रचारक नूरानंद प्रवीण की तलाश में की गई. प्रवीण को पुलिस नेदुमंगद में बम फेंकने के मामले में तलाश रही है.

जनसत्ता के मुताबिक, पुलिस ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि ये छापेमारी पिछले सप्ताह नेदुमंगद के स्थानीय पुलिस स्टेशन पर कथित तौर पर आरएसएस कार्यकर्ताओं के हमले के बाद की गई. ये लोग सबरीमला एक्शन काउंसिल के बैनर तले सबरीमला मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश के विरोध में राज्य में प्रदर्शन कर रहे थे.

साथ ही ये भी बताया कि सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि आरएसएस का जिला प्रचारक प्रवीण पुलिस स्टेशन पर बम से हमला कर रहा था. वह इस घटना को अंजाम देकर वहां से भाग गया.

करीब एक मिनट की सीसीटीवी फुटेज में एक शख्स हाथ में बम लेकर पुलिस स्टेशन पर बम फेंकते हुए नजर आ रहा है. उसके साथ कुछ और लोग भी नजर आ रहे हैं.

पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर आरएसएस के दफ़्तर पर छापेमारी की. पुलिस को जानकारी मिली थी कि स्टेशन पर हमला करने के बाद प्रवीण आरएसएस के दफ़्तर में छुपा हुआ है. छापेमारी के दौरान पुलिस ने चाकू और खंजर भी बरामद किया है.

अमर उजाला में छपी खबर के मुताबिक पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चार आरएसएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इसमें नूरानंद प्रवीण भी शामिल है. आरोप है कि उन्होंने तीन जनवरी को विरोध प्रदर्शनों के दौरान नेदुमंगद पुलिस स्टेशन में बम फेंका था.

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह सबरीमला मंदिर में कनकदुर्गा (44) और बिंदु (42) नामक दो महिलाओं के प्रवेश के बाद राज्यभर में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान पुलिस ने सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया था. दर्जनों लोग घायल हुए थे, जिसमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.

इसी दौरान 5 जनवरी को माकपा विधायक एएन शमसीर, भाजपा नेता एवं राज्यसभा सांसद वी. मुरलीधरन के मकान और माकपा के कन्नूर जिला के पूर्व सचिव पी. शशि तलासेरी के घरों सहित कई जगहों पर बम फेंके गए थे.

पिछले साल 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने का आदेश दिया था. उसके बाद से केरल में विभिन्न हिंदूवादी संगठन और भाजपा इसका विरोध कर रहे हैं.

बता दें कि इस प्राचीन मंदिर में 10 साल से लेकर 50 साल तक की उम्र की महिलाओं का प्रवेश वर्जित था. ऐसा माना जाता है कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी हैं और चूंकि इस उम्र की महिलाओं को मासिक धर्म होता है, जिससे मंदिर की पवित्रता बनी नहीं रह सकेगी.