मायावती और अखिलेश यादव करेंगे संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस, कर सकते हैं गठबंधन का औपचारिक ऐलान

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती शनिवार को लखनऊ के ताज होटल में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गठबंधन का औपचारिक ऐलान कर सकते हैं.

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अखिलेश यादव और मायावती (फाइल फोटो: पीटीआई)

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती शनिवार को लखनऊ के ताज होटल में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गठबंधन का औपचारिक ऐलान कर सकते हैं.

अखिलेश यादव और मायावती (फाइल फोटो: पीटीआई)
अखिलेश यादव और मायावती (फाइल फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: आगामी 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) शनिवार दोपहर लखनऊ में संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर गठबंधन को लेकर औपचारिक ऐलान करेंगे. सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी और बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने संयुक्त पत्र जारी कर लखनऊ के ताज होटल में होने वाले प्रेस कांफ्रेंस की जानकारी दी.

80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में भाजपा को पटखनी देने के लिए सपा-बसपा एक साथ हो रहे हैं. पिछले तीन लोकसभा सीटों के उपचुनाव में बसपा ने सपा के उम्मीदवारों को समर्थन दिया, जिसका नतीजा रहा कि तीनों सीटों पर भाजपा को हार कर सामना करना पड़ा.

संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के लिए जारी किया गया निमंत्रण पत्र (फोटो: समाजवादी पार्टी)
संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के लिए जारी किया गया निमंत्रण पत्र (फोटो: समाजवादी पार्टी)

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, 2019 लोकसभा चुनाव में सीटों को बंटवारे को लेकर सपा-बसपा के बीच इसी महीने की शुरुआत में दिल्ली में बैठक भी हुई थी.

यह माना जा रहा है कि 80 लोकसभा सीटों के लिए सपा-बसपा के बीच 37-37 सीटों को लेकर सहमति बनी है और बाकी छह सीट अन्य सहयोगी दलों के लिए रखे गए हैं.

एनडीटीवी की ख़बर के अनुसार, अजित सिंह ने कहा कि कांग्रेस को लेकर सपा और बसपा फैसला करेगी कि उसे लोकसभा चुनाव के मद्देनदर गठबंधन में रखना है या नहीं.

हालांकि, सूत्रों की मानें तो आरएलडी ने सपा-बसपा गठबंधन से पांच सीटों की मांग की है, जबकि सपा-बसपा गठबंधन आरएलडी को तीन सीटें देने को तैयार है.

दरअसल, आरएलडी ने जिन पांच सीटों की मांग की है, वह हैं – हाथरस, कैराना, बागपत, मुज़फ़्फरनगर और कैराना. हालांकि, अभी तक सीटों पर पूरी तरह से सहमति नहीं बनी है.

सीटों पर बातचीत को अंतिम रूप देने के लिए दो दिन पहले अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी अखिलेश यादव से मिलने लखनऊ गए थे. वहां अखिलेश यादव ने उन्हें सीटों को लेकर भरोसा दिलाया है.

हालांकि, शनिवार को होने वाले अखिलेश यादव और मायावती के साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयंत चौधरी प्रेस कांफ्रेंस में नहीं जाएंगे.

2014 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से भाजपा के पास 71 सीट हैं और उसकी सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) के पास दो सीटें थी. सपा को पांच और कांग्रेस को दो सीटें मिली थी. वहीं बसपा को एक भी सीट पर सफलता हासिल नहीं हुई थी.

पिछले साल फूलपुर, गोरखपुर और कैराना लोकसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा को तीनों सीटों से हार का सामना करना पड़ा. फूलपुर और गोरखपुर सीट पर सपा को जीत मिली थी, तो वहीं कैराना सीट पर आरएलडी की उम्मीदवार ने भाजपा को पटखनी दी.

ऐसा कहा जा रहा है कि सपा-बसपा गठबंधन रायबरेली और अमेठी पर उम्मीदवार नहीं उतरेगा.

2017 में विधानसभा चुनाव में सपा और बसपा की करारी हार ने दोनों प्रतिद्वंद्वियों को साथ ला दिया है. 2012 में पूर्ण बहुमत से जीतने वाली समाजवादी पार्टी महज 47 सीटों पर सिमट पर रह गई, तो वहीं बसपा को महज 19 सीटों से संतोष कर पड़ा था. कई वर्षों से सत्ता से दूर भाजपा ने 310 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को 39.6 प्रतिशत वोट मिले थे, तो वहीं सपा और बसपा को 22 प्रतिशत वोट मिले थे.

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