केरल: रेप के आरोपी बिशप के खिलाफ आवाज उठाने वाली चार ननों को कॉन्वेंट छोड़ने का आदेश

पिछले साल चार ननों का तबादला किया गया था, लेकिन उन्होंने बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर आरोप लगाने वाली पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कॉन्वेंट में ही बने रहने का फैसला किया था.

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कोच्चि में आरोपी बिशप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करतीं पांच नन (फोटो साभार: रॉयटर्स)

पिछले साल चार ननों का तबादला किया गया था, लेकिन उन्होंने बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर आरोप लगाने वाली पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कॉन्वेंट में ही बने रहने का फैसला किया था.

कोच्चि में आरोपी बिशप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करतीं पांच नन (फोटो साभार: रॉयटर्स)
कोच्चि में आरोपी बिशप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करतीं नन. (फोटो साभार: रॉयटर्स)

कोट्टायम: केरल नन रेप मामले में राज्य सरकार द्वारा एक विशेष अभियोक्ता नियुक्त किए जाने के करीब एक सप्ताह बाद ही पांच में से चार ननों को एक बार फिर से कोट्टायम जिले में स्थित उनके कॉन्वेंट को छोड़ने का निर्देश दिया गया है. इन पांचों ननों ने बलात्कार के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था.

द हिन्दू की खबर के अनुसार, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मिशनरीज ऑफ जीसस के सुपीरियर जनरल रेगिना कदमथोट्टू ने चारों ननों को अलग-अलग पत्र लिखते हुए निर्देश दिया है कि वे उन कान्वेंट में जाकर जिम्मेदारी संभालें जो उन्हें 2018 में मार्च से मई के बीच जारी तबादला आदेश के अनुसार सौंपी गई थी.

मार्च 2018 के आदेश के अनुसार, एक नन को केरल के ही कन्नूर जबकि तीन अन्य ननों को पंजाब, बिहार और झारखंड जाने को कहा गया था. हालांकि विरोध करने वाली एक अन्य नन के खिलाफ ऐसा कोई आदेश नहीं जारी किया गया था.

कोच्चि में बिशप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाली इन पांचों ननों ने इस महीने की शुरुआत में एक बार फिर से सबके सामने आकर आरोप लगाया था कि पीड़िता को न्याय मिलने में देरी हो, इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.

वहीं तबादला आदेश मिलने की पुष्टि करते हुए ननों ने चर्च पर आरोप लगाया था कि वह उनसे सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन करने का बदला ले रहा है. उन्होंने कहा था कि पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए उन सभी ने कॉन्वेंट में बने रहने का फैसला किया है.

बता दें कि एक नन ने जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच उसके साथ 13 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया है. यह घटना जालंधर डायोसीस द्वारा कोट्टयम जिले में संचालित कॉन्वेंट के बिशप के दौरे के दौरान हुई.

बिशप ने इन आरोपों का खंडन किया है. हालांकि 54 वर्षीय बिशप को अस्थाई रूप से धर्मगुरू संबंधी सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था.

बता दें कि नन से बलात्कार के आरोप में बिशप फ्रैंको मुलक्कल को पिछले साल 21 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था.  इसके बाद 15 अक्टूबर को उन्हें अदालत से सशर्त जमानत मिल गई थी. जमानत पर रिहा होने के बाद जालंधर में उनका फूल-माला से स्वागत हुआ.